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अतीक अहमद के एकाउटेंट का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की कोर्ट ने दी अनुमति
सीबीआई का कहना था कि पवन जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। जबकि प्रापर्टी डीलर मोहित ने अपने बयान में बताया है कि पवन ही वो लेटर लेकर आया था, जिस पर उससे जबरिया दस्तखत कराया गया था।
विधि संवाददाता
लखनऊ: सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक ने सीबीआई को राजधानी के एक प्रापर्टी डीलर को अगवा कर देवरिया जेल में मारने-पीटने व उससे जबरिया रंगदारी वसूलने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त पवन कुमार सिंह का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की इजाजत दे दी है।
यह पूर्व सांसद अतीक अहमद का एकाउटेंट है। कोर्ट ने यह आदेश सीबीआई की अर्जी व अभियुक्त पवन की रजामंदी पर दिया है।
सीबीआई का कहना था कि पवन जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। जबकि प्रापर्टी डीलर मोहित ने अपने बयान में बताया है कि पवन ही वो लेटर लेकर आया था, जिस पर उससे जबरिया दस्तखत कराया गया था।
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इस लेटर के जरिए ही उसे उसकी चार कम्पनियों की डायरेक्टरशिप से रिजाइन कराया गया था। इस घटना के बाद पवन के एकाउंट में छःह लाख रुपए जमा हुए।
सीबीआई का कहना था कि पवन से यह जानकारी हासिल करनी है कि किस कंप्यूटर से यह लेटर टाईप हुआ और कहां से उसके एकाउंट में यह रकम आए।
दूसरी तरफ अदालत के समक्ष अभियुक्त पवन ने लिखित बयान दिया कि मैं पॉलीग्राफ टेस्ट कराने को तैयार हूं। मुझ पर कोई दबाव नहीं है। मैं स्वेच्छा से अपनी सहमति देता हूं।
सीबीआई को मिली थी पूछताछ की इजाजत
इसके बाद सीबीआई को इस मामले में अभियुक्त गुलाम मोइनुद्दीन सिद्दीकी, इरफान व गुलाम सरवर से जेल में पूछताछ की इजाजत भी अदालत से मिल गई थी।
इस मामले में अतीक अहमद समेत कुल 11 अभियुक्त न्यायिक हिरासत में निरुद्ध हैं। जबकि अतीक अहमद का लड़का मो. उमर फरार चल रहा हैं।
थाना कृष्णानगर से संबधित इस मामले की विवेचना पहले स्थानीय पुलिस कर रही थी। विवेचना के बाद पुलिस ने इस मामले में अतीक अहमद समेत कुल आठ अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इस मामले की विवेचना सीबीआई कर रही है।
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ये है पूरा मामला
बीते 29 दिसंबर को रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक देवरिया जेल में निरुद्ध अतीक ने अपने गुर्गो के जरिए गोमतीनगर आफिस से उसका अपहरण करा लिया।
तंमचे के बल पर उसे देवरिया जेल ले जाया गया। अतीक ने उसे एक सादे स्टाम्प पेपर पर दस्तखत करने को कहा। उसने इंकार कर दिया।
इस पर अतीक ने अपने बेटे उमर तथा गुर्गे गुरफान, फारुख, गुलाम व इरफान के साथ मिलकर उसे तंमचे व लोहे की राड से बेतहाशा पीटा।
उसके बेसुध होते ही स्टाम्प पेपर पर दस्तखत बनवा लिया और करीब 45 करोड़ की सम्पति अपने नाम करा ली। साथ ही जानमाल की धमकी भी दी। अतीक के गुर्गो ने उसकी एसयूवी गाड़ी भी लूट ली।
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