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आरक्षण में मनमाने रवैये पर कोर्ट का कड़ा रुख, पूछा- आरक्षित कोटे से क्यों भरी गईं सामान्य सीटें

याची ने लेखपाल भर्ती में शारीरिक रूप से अक्षम की कैटेगरी में आवेदन किया था। जारी परिणाम से उसका चयन हो गया था। इसके बाद जिला स्तरीय चयन समिति ने परिणाम संशोधित करते हुए क्षैतिज आरक्षण की पांच सीटों पर ओबीसी और एससी अभ्यर्थियों का चयन कर लिया।

zafar
Published on: 17 Feb 2017 2:00 PM GMT
आरक्षण में मनमाने रवैये पर कोर्ट का कड़ा रुख, पूछा- आरक्षित कोटे से क्यों भरी गईं सामान्य सीटें
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इलाहाबाद: सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रक्रिया मनमाने तरीके से लागू कर सामान्य वर्ग की सीटें भी आरक्षित कोटे के अभ्यर्थियों से भरने की प्रवृत्ति पर हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जतायी है। कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि लोक पद पर बैठे अधिकारियों द्वारा ऐसा किया जाना शर्मनाक है। वाराणसी में लेखपाल भर्ती में क्षैतिज आरक्षण गलत तरीके से लागू करने पर कोर्ट ने डीएम वाराणसी से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।

कोर्ट नाराज

-दयाशंकर सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति वीके शुक्ला और न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा की पीठ ने कहा कि अब यह मामला ऐसा होता जा रहा है कि इसमें कुछ लोगों को जेल जाना पड़ सकता है।

-याची के अधिवक्ता ने बताया कि याची ने लेखपाल भर्ती में शारीरिक रूप से अक्षम की कैटेगरी में आवेदन किया था।

-19 सितम्बर 2015 को जारी परिणाम से उसका चयन हो गया था।

-इसके बाद जिला स्तरीय चयन समिति ने परिणाम संशोधित करते हुए क्षैतिज आरक्षण की पांच सीटों पर ओबीसी और एससी अभ्यर्थियों का चयन कर लिया।

-याची सामान्य वर्ग का है। उसका नाम चयन सूची से बाहर कर दिया गया।

-जबकि 1993 की आरक्षण नियमावली की धारा 3 के तहत क्षैतिज आरक्षण, जिस वर्ग का अभ्यर्थी हो उसी वर्ग में दिया जा सकता है।

-स्थायी अधिवक्ता रामानंद पाण्डेय ने कहा कि इस त्रुटि को पुनर्विचार कर ठीक कर लिया जायेगा।

-मगर अदालत का कहना था कि ऐसा बार बार हो रहा है और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति कौन है, इसकी जानकारी होनी चाहिए।

-मामले पर 22 फरवरी को सुनवाई होगी।

अतीक मामले में सुनवाई टली

-इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुक्रवार को पूर्व सांसद अतीक अहमद के मामले में सुनवाई नहीं हो सकी।

-शियाट्स मामले में अतीक पर दर्ज मुकदमे पर चीफ जस्टिस डीबी भोसले की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर रही है।

-चीफ जस्टिस के न्यायालय में नहीं बैठने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी।

-अब इस मामले पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है।

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