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कोर्ट ने लगायी BSNL पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर रोक
कोर्ट ने पेनाल्टी वसूली के लिए उत्पीड़न पर रोक लगा दी और कहा कि याची नकद व बैंक गारंटी या बैंक ड्राफ्ट के अलावा प्रतिभूति जमा करे।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत संचार निगम मेरठ पर वाणिज्य कर आयुक्त द्वारा लगायी गयी पेनाल्टी की प्रतिभूति 30 दिन में जमा करने की शर्त पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाई पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने कहा है कि कर विभाग टैक्स की वसूली कर चुका है और बीएसएनएल सरकारी प्रतिष्ठान है। कोर्ट ने कहा कि न्याय हित में पेनाल्टी वसूली में उत्पीड़न नही किया जाना चाहिए। यह आदेश न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने बीएसएनएल मेरठ की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता बी.के. एस. रघुवंशी ने बहस की।
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मालूम हो कि याची कम्पनी ने दो कम्पनियों मेसर्स नोकिया सेमेन्स प्रा.लि. एवं मेसर्स एराॅइजन इंडिया प्रा. लि. को दूर संचार सेवाएं प्रदान कर रहा है। कम्पनियों ने नेटवर्क बढ़ाने के लिए भुगतान किया। व्यवसाय कर एक्ट की धारा8डी (1) के तहत पेनाल्टी लगायी और खाते सीज कर दिए।
कोर्ट ने पेनाल्टी वसूली के लिए उत्पीड़न पर रोक लगा दी और कहा कि याची नकद व बैंक गारंटी या बैंक ड्राफ्ट के अलावा प्रतिभूति जमा करे।