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Bulandshahr: महज 20 हजार रुपए के लिए की थी हत्या, अब कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, जुर्माना भी भरना होगा
Bulandshahr: कोर्ट ने दोनों को आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। दोनों भाइयों ने 11 साल पूर्व उधार के 20 हजार रुपए मांगने पर सिकंदराबाद के ईंट भट्टे पर जयचंद्र की गला रेतकर हत्या की थी।
Bulandshahr: यूपी के बुलंदशहर के एडीजे 15 के न्यायधीश हेमंत कुमार ने जयचंद्र हत्याकांड के मामले में 2 भाइयों को हत्या का दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। दोनों भाइयों ने 11 साल पूर्व उधार के 20 हजार रुपए मांगने पर सिकंदराबाद के ईंट भट्टे पर जयचंद्र की गला रेतकर हत्या की थी। इतना ही नहीं पति को बचाने आई पत्नी को भी चाकू मारकर दोनों फरार हो गए थे।
बुलंदशहर एडीजे 15 कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक देवेन्द्र सिंह माहुर और चन्द्रभान सिंह ने बताया कि जयचन्द्र निवासी मौ0 शिवाजी नगर थाना सिकंदराबाद जनपद बुलंदशहर सिकंदराबाद के ही एक ईंट-भट्टे पर मजदूरी करता था। 07-05-2011 को जयचंद्र अपनी पत्नी शकुंतला के साथ अपने घर पर सो रहा था। रात को दो युवकों ने धारदार हथियार से गला रेतकर जयचंद्र की हत्या कर दी। पति को बचाने आई पत्नी शकुंतला को भी चाकू से प्रहार कर घायल कर दिया और फरार हो गए। मामले को लेकर मृतक जयचंद्र के पुत्र सौरभ ने मामले को लेकर मनोज व प्रमोद पुत्रगण हरिचंद निवासी विशनपुर सिकंदराबाद को नामजद करते हुए सिकंदराबाद कोतवाली में मुअसं-231/2011 धारा 302/307/34 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
महज 20 हजार के लिए की थी हत्या
विशेष लोक अभियोजक चंद्रभान सिंह ने बताया कि जयचंद्र और मनोज व प्रमोद एक ही ईट भट्टे पर साथ-साथ काम करते थे। जयचंद्र से आरोपी रहे मनोज और प्रमोद ने रुपए 20000 उधार लिए थे, जिनका जयचंद्र तगादा कर रहे थे। उधार के रुपए देने से बचने के लिए दोनों भाइयों ने मिलकर जयचंद्र की हत्या की साजिश रच वारदात को अंजाम दिया था और जयचंद्र को मौत के घाट उतार दिया था।
बुलंदशहर पुलिस ने की सशक्त पैरवी
बुलंदशहर के एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया पुलिस ने मामले को जघन्य अपराधों की श्रेणी में चिन्हित कर सशक्त पैरवी की। आला कत्ल बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया और 2 माह में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था।
11 साल तक चली मुकदमेबाजी, सुनाई गई ये सजा
बुलंदशहर एडीजे-15 कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक चंद्रभान सिंह व देवेन्द्र सिंह माहुर ने बताया कि मामले की 11 साल तक चली सुनवाई के दौरान 11 गवाह पेश किए गए। सोमवार को एडीजे 15 कोर्ट के न्यायाधीश हेमंत कुमार ने न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों गवाहों के बयानों और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मनोज व प्रमोद पुत्र गाना हरिचंद निवासी बिशनपुर सिकंदराबाद को जयचंद्र हत्याकांड का दोषी करार दे आजीवन कारावास व 10-10 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।