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उन्नाव रेप पीड़िता के पिता को फर्जी केस में फंसाने के मामले में कोर्ट ने लिया संज्ञान
सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट पीयूष त्रिपाठी ने उन्नाव रेपकांड की पीड़िता के पिता को अवैध असलहे के साथ फर्जी मुकदमे में जेल भेजने के मामले में 13 जुलाई 2018 केा सीबीआई द्वारा दाखिल आरोप पत्र पर भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व उनके भाई जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह के अलावा थाना माखी के तत्कालीन एसओ अशोक सिंह भदौरिया व एसआई कामता प्रसाद सिंह तथा कांसटेबिल आमिर खान समेत 10 अभियुक्तों के खिलाफ संज्ञान ले लिया है।
विधि संवाददाता।
लखनऊ: सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट पीयूष त्रिपाठी ने उन्नाव रेपकांड की पीड़िता के पिता को अवैध असलहे के साथ फर्जी मुकदमे में जेल भेजने के मामले में 13 जुलाई 2018 केा सीबीआई द्वारा दाखिल आरोप पत्र पर भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व उनके भाई जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह के अलावा थाना माखी के तत्कालीन एसओ अशोक सिंह भदौरिया व एसआई कामता प्रसाद सिंह तथा कांसटेबिल आमिर खान समेत 10 अभियुक्तों के खिलाफ संज्ञान ले लिया है।
सीबीआई ने उक्त आरोप पत्र में अभियुक्त शैलेंद्र सिंह उर्फ टिंकू सिंह, विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा, रामशरण सिंह उर्फ सोनू सिंह व शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह को भी वारदात की साजिश रचने, लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को क्षति पहुंचाने के लिए कानून का उल्लघंन करने, लोकसेवक द्वारा क्षति करने के लिए अशुद्ध दस्तावेज की रचना करने, मिथ्या साक्ष्य गढ़ने, झूठी सूचना देने, लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को दंड से बचाने की गरज से अशुद्ध दस्तावेज की रचना करने व आम्र्स एक्ट की धारा में आरोपित किया है।
सीबीआई ने आरोप पत्र में सभी अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 120बी सपठित धारा 166, 167, 193, 201, 218 व आम्र्स एक्ट की धारा 3/25 में आरोपित किया था। विशेष अदालत ने कांसटेबिल आमिर खान के खिलाफ 10 हजार का जमानती वारंट जारी किया है। जबकि अभियुक्त जयदीप सिंह को जेल से तलब करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी।
यह है मामला
पीड़िता के पिता सुरेंद्र सिंह को अवैध असलहे के साथ फर्जी मुकदमे में जेल भेजने के इस मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 323, 504, 506 के तहत पहले से एफआईआर दर्ज कर रखा था। लेकिन 12 अपै्रल, 2018 को सीबीआई ने इस मामले में आईपीसी की धारा 120बी सपठित धारा 193, 201 व 218 साथ ही आम्र्स एक्ट की धारा 3/25 के तहत मुकदमा कायम कर अपनी जांच शुरु की थी।
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