कोरोना में अनाथ बच्चों के लिए एक्टिव हुआ महिला कल्याण विभाग, जारी हो गयी है हेल्पलाइन

कोविड प्रभावित या अनाथ हुए बच्चों को आवश्यक सुविधाएं सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान करने हेतु जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

Praveen Pandey
Published on: 13 May 2021 6:06 AM GMT
कोरोना महामारी के दौरान प्रभावित
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कांसेप्ट फोटो (सौजन्य से सोशल मीडिया)

मैनपुरी : कोरोना वायरस ( Coronavirus) की दूसरी लहर ने पूरे देश को प्रभावित किया है। इस महामारी की वजह से कितने ही मासूमों से उसके अपनों का साया उठ गया है। कितने बच्चों के मां-बाप इस महामारी के काल समा गए। इससे प्रभावित या अनाथ हुए बच्चों को आवश्यक सुविधाएं सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान करने हेतु जरूरी कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए सूचनाओं का संकलन किया जाएगा। इसकी जानकारी जिला प्रोबेशन अधिकारी अरविंद कुमार द्वारा दी गई है।

बताया गया है कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में ग्राम व मोहल्ला निगरानी समितियों के माध्यम से ऐसे कोविड प्रभावित बच्चों को रेखांकित कर सूचनाओं का संकलन होगा जो इस कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए हैं। इसके लिए जिला व ब्लॉक बाल संरक्षण समितियों तथा पंचायतों में ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता वाली ग्राम बाल संरक्षण समितियों जिनमें सदस्य, सचिव आंगनबाड़ी कार्य करेगा।

कोविड प्रभावित बच्चों के लिए सक्रिय ये समितियां

इसके अनुसार कोविड प्रभावित या अनाथ बच्चों का डाटा संग्रह इसमें बच्चे का नाम, लिंग, उम्र, जैविक माता पिता का नाम परिवार के अन्य अभिभावकों के नाम स्थिति और फोन नंबर या उस प्रभावित या अनाथ बच्चे के किसी रिश्तेदार या ऐसे व्यक्ति का मोबाइल नंबर जिससे बच्चे से आवश्यकतानुसर संपर्क किया जा सके इत्यादि सूचनाओं का संकलन किया जाएगा।

संरक्षण अधिकारी अल्का मिश्रा ने बताया कि जिला ब्लॉक व ग्राम बाल संरक्षण समितियों को सक्रिय कर दिया गया है। कोविड प्रभावित या अनाथ हुए बच्चों को आवश्यक सुविधाएं सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान किया जाएगा। इस संबंध में चाइल्ड लाइन 1098 महिला हेल्पलाइन 181 राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग 011-23478250 पर भी संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने आम जनमानस से भी अपील की है कि यदि किसी को कोई कोविड प्रभावित या अनाथ बच्चे की जानकारी हो तो वह स्थानीय बाल संरक्षण समितियों को इसकी जानकारी दें ताकि उनकी शीघ्र ही मदद की जा सके।

कांसेप्ट फोटो (सौजन्य से सोशल मीडिया)

बिना संज्ञान में लाए गोद लेना गैर कानूनी

डीपीओ ने बताया कि यदि किसी नवजात को सड़क या किसी अन्य स्थान पर छोड़ दिया जाता है या परित्याग कर दिया जाता है। कोविड के चलते माता - पिता की मौत के बाद ऐसे बच्चों को किसी को गोद दे देना, अपने पास रख लेना या उसकी देखरेख के लिए किसी तरह का विज्ञापन निकालना और बाल कल्याण समिति के संज्ञान में न लाना गैरकानूनी वदंडनीय अपराध है। बच्चों को कानूनी रूप से गोद लेने के लिए सेंट्रल अडाप्शन रिसोर्स अथारिटी ( कारा ) के वेबसाइट सीएआरए डाट एनआईसी डाट इन पर संपर्क किया जा सकता है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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