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कोरोना दूसरी लहरः क्या बोल रहे हैं लाशों के आंकड़े, सच कितना खतरनाक

वीआईपी रोड आलमबाग, पिपराघाट, गुलाला, बैकुंठ धाम पर अंतिम संस्कार के लिए जिस तरह से लाशों की कतार लगी है

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Vidushi Mishra
Published on: 11 April 2021 12:31 PM IST
कोरोना दूसरी लहरः क्या बोल रहे हैं लाशों के आंकड़े, सच कितना खतरनाक
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नई दिल्ली: वीआईपी रोड आलमबाग, पिपराघाट, गुलाला, बैकुंठ धाम पर अंतिम संस्कार के लिए जिस तरह से लाशों की कतार लगी है यह नजारा दिल को दहला देने वाला है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 23 लोगों की कोविड-19 पाजिटिव संक्रमण से जान गई लेकिन सच खतरनाक है। बैकुंठ धाम पर शनिवार को 85 शव अंतिम संस्कार के लिए आए जिसमें 40 सामान्य तो 45 कोरोना पॉजिटिव थे। इसी तरह गुलाला घाट पर 48 शवों में 22 कोरोना संक्रमित थे। व्यवस्था बनाए रखने के लिए विद्युत शव दाह की पांच और मशीनें लगाने का फैसला लिया गया है। जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाने की संभावना है।

संक्रमित शवों की बढ़ती संख्या

बैकुंठ धाम पर सामान्य दिनों में लकड़ी से 20-25 शवों का अंतिम संस्कार होता था। लेकिन कोविड की दूसरी लहर के बाद संक्रमित शवों की बढ़ती संख्या ने पूरी व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है। शनिवार को यहां उत्पन्न हुई अव्यवस्था ने सबको झकझोर दिया है। अचानक बड़ी संख्या में शवों के पहुंचने से स्थिति बहुत गंभीर हो गई।

एम्बुलेंस और लाश गाड़ियों की लम्बी कतार लगी थी। जिसके चलते रोड ब्लाक हो गई थी। श्मशान घाट पर शवों को रखने के लिए जगह नहीं थी। इसलिए शव गाड़ियों और जमीन पर रखे हुए थे। कई शवों का नदी के किनारे खाली जमीन पर अंतिम संस्कार किये जाने की जानकारी भी सामने आई है।

एक अप्रैल से कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ना शुरू हुआ जो कि प्रतिदिन चार- पांच से लेकर अब 67 कोरोना संक्रमितों को मौत तक पहुंच चुका है। हालात इस कदर बदतर हो गए कि आठ से दस घंटे की वेटिंग के बाद अंत्येष्टि हो पा रही है। सूर्योदय के पहले और सूर्यास्त के बाद अंत्येष्टि न होने की मान्यताएं खत्म हो चुकी हैं।


बैकुंठ धाम पर दस नए प्लेटफार्म

बैकुंठ धाम और गुलाला घाट पर विद्युत शवदाह गृहों की क्षमता दे रही है। कोरोना संक्रमितों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए आठ से दस घंटे तक की वेटिंग चल रही है। शवों की लम्बी कतारों को देखते हुए दोनों घाटों पर लकड़ी से अंतिम संस्कार किये जाने की बात भी सामने आई है।

नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी का कहना है कि हालात अकल्पनीय हैं। अपरिहार्य परिस्थितियों को देखते हुए पांच मशीनों को लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने स्वीकार किया कि बैकुंठ धाम पर ज्यादा भार है। इसी लिए तीन मशीनें यहां लगाई जाएंगी। एक पुरानी मशीन को हटाकर नई लगाने की बात भी उन्होंने कही।

श्री द्विवेदी ने कहा कि दो नई मशीनें लगाई जाएँगी इसके बाद बैकुंठ धाम पर कुल चार विद्युत शवदाह गृह हो जाएंगे। इसके अलावा गुलाला घाट पर एक मशीन और बढ़ाई जाएगी। एक नया विद्युत शवदाह गृह आलमबाग में भी स्थापित किया जाएगा।

कोरोना संक्रमित शवों की तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए बैकुंठ धाम पर दस नए प्लेटफार्म और संचालित करने का फैसला किया गया है। जिसमें छह प्लेटफार्म कोरोना संक्रमित के लिए आरक्षित होंगे। रविवार से चार और प्लेटफार्म अंत्येष्टि के लिए संचालित हो जाएंगे। उधर गुलाला घाट पर भी चार लकड़ी के प्लेटफार्म कोरोना संक्रमित शवों की अंत्येष्टि के लिए आरक्षित किये गए हैं।

Vidushi Mishra

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