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CM योगी का आदेश: मुनाफाखोरी करने वालों पर हो कड़ी कार्रवाई

यूपी में शुक्रवार रात्रि 08 बजे से मंगलवार प्रातः 07 बजे तक साप्ताहिक बन्दी होगी। इस अवधि में केवल आवश्यक और अनिवार्य सेवाएं ही यथावत जारी रहेंगी।

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Newstrack Network NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 29 April 2021 9:30 PM IST
कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा फेज शुरू होने से पहले ही भारत बायोटेक ने भी राज्यों के लिए कोवैक्सीन के दाम घटा दिए हैं। कोवैक्सीन कम कर दिए
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(फोटो-सोशल मीडिया)

लखनऊ: प्रदेश में कोविड संक्रमण से स्वस्थ होने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में हमें और सतर्कता बरतनी होगी। सभी जिलों में रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू और साप्ताहिक बंदी प्रभावी है। संक्रमण प्रसार को कम करने में कोरोना कर्फ्यू बहुत उपयोगी हो रही है।

ऐसे में अब शुक्रवार रात्रि 08 बजे से मंगलवार प्रातः 07 बजे तक साप्ताहिक बन्दी होगी। इस अवधि में केवल आवश्यक और अनिवार्य सेवाएं ही यथावत जारी रहेंगी। औद्योगिक गतिविधियां और वैक्सीनेशन कार्य साप्ताहिक बंदी में भी जारी रहेंगी। इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।

रेमेडेसीवीर इंजेक्शन की प्रदेश में उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। सभी जिलों हर दिन रेमेडेसीवीर उपलब्ध कराई जा रही है। सरकारी अस्पतालों में यह दवा निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है, निजी अस्पतालों को जरूरत पर इसकी आपूर्ति कराई जा रही है। जिला प्रशासन इस दवा की मांग,आपूर्ति और खपत का पूरा विवरण जरूर रखें।

डीआरडीओ के सहयोग से लखनऊ और वाराणसी में सभी सुविधाओं से युक्त कोविड अस्पताल तैयार कराया गया है। जल्द ही यह क्रियाशील हो जाएगा। स्वास्थ्य विभाग संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर इस कोविड अस्पताल के संचालन के लिए सभी आवश्यक प्रबंधन सुनिश्चित कराए।

ऑक्सीजन की आपूर्ति हर दिन बेहतर होती जा रही है। उत्तर प्रदेश में उपलब्ध सभी संसाधनों को आपूर्ति चेन से जोड़ने के साथ-साथ ऑक्सीजन एक्सप्रेस, वायु मार्ग जैसे विशेष साधनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। रुड़की, देहरादून, जमशेदपुर, बोकारो आदि क्षेत्रों से ऑक्सीजन की सतत आपूर्ति हो रही है। कल की तरह आज भी 650 मीट्रिक टन से अधिक की आपूर्ति होनी है। सभी जिलों के सभी छोटे-बड़े अस्पतालों की जरूरत पर नजर रखी जाए। उन्हें आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए।

उत्तर प्रदेश कोविड के खिलाफ लड़ाई में पूरी प्रतिबद्धता के साथ लड़ रहा है। कोविड की पहली लहर के अनुभवों से सीखते हुए स्वास्थ्य संसाधनों को प्राथमिकता के साथ बेहतर किया गया है। यह काम लगातार जारी है। हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा। आज 116000 से अधिक एल-1 के बेड्स हैं तो एल-टू व एल-3 के 65000 से अधिक बेड हैं।

सभी जिलों में दो-दो सीएचसी को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल के रूप में तैयार किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में संसाधन बढ़ाये जा रहे हैं, इसके साथ-साथ निजी अस्पतालों/मेडिकल कॉलेज को भी इसमें जोड़ा जाए। सभी विकल्पों की परख करते हुए कोविड बेड को वर्तमान क्षमता से दोगुनी करने की कार्यवाही हो। सभी बेड पर ऑक्सीजन आदि जरूरी चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता होनी चाहिए।

कोविड संक्रमण की तेज दर में मरीजों की तादाद बढ़ी है। इस बार की लहर में ऑक्सीजन की मांग सामान्य से कई गुना अधिक बढ़ी है। इस संबंध में व्यवस्था कराई जा रही है। किंतु कुछ लोग अनावश्यक भय के कारण ऑक्सीजन सिलिंडर की जमाखोरी करने में लग गए हैं।

रेमेडेसीवीर जैसी जीवनरक्षक मानी जा रही दवा की कालाबाजारी कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। आपदा की इस स्थिति में मुनाफाखोरी की घटनाएं शर्मनाक हैं। इस पर कार्रवाई की जाए।

टेलीकन्सल्टेशन को और प्रभावी बनाने की जरूरत है। होम आइसोलेशन में उपचाराधीन मरीजों को हर दिन स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी जाए। नॉन कोविड मरीजों को भी टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा मिले। चिकित्सकों से संपर्क नम्बर, समय और विशेषज्ञता के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। इसके लिए जिले स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलों में विशेष टीम गठित की जानी चाहिए।

विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल गठित करें। लोगों को सही जानकारी दी जाए। किसे अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है, किसे रेमेडेसीवीर की जरूरत है और किन मरीज को ऑक्सीजन की अनिवार्यता है। अनावश्यक भय और अज्ञानता के कारण लोग इन आवश्यक चीजों के संग्रहण कर रहे हैं। इससे व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

कोविड से बचाव के लिए जरूरी टेस्टिंग को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उत्तर प्रदेश ने अब तक चार करोड़ से अधिक कोविड टेस्ट कर लिए हैं। यह देश में किसी राज्य द्वारा किया जाने वाला सर्वाधिक टेस्ट है। टेस्टिंग कैपिसिटी को दोगुनी करने का काम तेजी से किया जाए।

कतिपय जिलों में कुछ अस्पतालों द्वारा मरीजों से अवैध वसूली की शिकायत मिली है।फर्जी चिकित्सकों की भी खबरें आई हैं। यह लोग मानवता के अपराधी हैं। इन की सार्वजिनक निंदा होनी चाहिए। पुलिस ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

ऑक्सीजन टैंकरों की उपलब्धता बढ़ाये जाने के लिए सभी प्रयास किये जा रहे हैं। विदेश से भी टैंकरों की आपूर्ति है। उद्योग जगत से भी सहयोग मिल रहा है। ऐसे में आपूर्ति के लिए टैंकरों की संख्या भी बढ़ी है। 64 टैंकर इसी कार्य में लगाये गए हैं।

इसके अलावा, 20 टैंकर विभिन्न जिलों में सीधे अस्पतालों को आपूर्ति कर रहे हैं। भारत सरकार से भी आठ नए टैंकर मिल रहे हैं। सभी ऑक्सीजन टैंकर जीपीएस से लैस रहें। उनकी लाइव मॉनिटरिंग की जाए। ऑक्सीजन ऑडिट का काम तेजी से किया जाए।

होम आइसोलेशन में इलाजरत लोगों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए। सीएम हेल्पलाइन से इन लोगों से हर दिन संवाद बनाया जाए। तय प्रोटोकॉल के अनुरूप इन्हें दवाओं का मेडिकल किट उपलब्ध कराया जाए। ऐसे मरीजों के लिए टेलीकन्सल्टेशन व्यवस्था को और बेहतर किया जाए।

पुलिसकर्मियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत विशेष प्रयास की जरूरत है। गृह विभाग और स्वास्थ्य विभाग के परस्पर समन्वय से पुलिस लाइन में आवश्यक प्रबंध किए जाएं। प्रत्येक पुलिस लाइन में कोविड सहायता केंद्रो तथा आइसोलेशन वार्ड की सुविधा होनी चाहिए।

स्वास्थ्य सेवा में संलग्न कोविड वॉरियर्स के साथ अभद्रता की कुछ घटनाएं निंदनीय हैं। स्वास्थ्यकर्मी पूरी प्रतिबद्धता के साथ हमारी-आपकी सेवा में दिन-रात लगे हुए हैं, उनके साथ अभद्रता कतई स्वीकार नहीं की जा सकती। जिला प्रशासन ऐसी घटनाओं पर कठोरतम कार्रवाई करें। प्रत्येक दशा में स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित कराई जाए।

माननीय विधायक केसर सिंह जी, सुरेश श्रीवास्तव जी और रमेश दिवाकर जी, हाइकोर्ट के जज वीके श्रीवास्तव जी और राजस्व परिषद के अध्यक्ष वरिष्ठ आईएएस दीपक त्रिवेदी जी का असामयिक निधन अत्यंत दुःखद है। राज्य सरकार इन गणमान्य जनों द्वारा लंबे सार्वजनिक जीवन में समाज हित में किए गए कार्यों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करती है। इन महानुभावों के परिजनों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं।

प्रदेश के सभी नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों की पंजीयन अवधि को तीन माह का स्वतः विस्तार दिया जाए। इस संबंध में तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

प्रदेश के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 20-20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। इसके लिए वित्तीय प्रबन्ध करा दिए गए हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन की सुचारु उपलब्धता सुनिश्चित कराने की दिशा में यह महत्वपूर्ण प्रयास होगा। इसके लिए देश के भीतर उपलब्ध आपूर्तिकर्ता कंपनियों के साथ-साथ बाहरी कंपनियों से भी आवश्यकतानुसार संपर्क किया जाए।

बीते दिनों में भारत सरकार द्वारा 1500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मुहैया कराए गए हैं, इन्हें जिलों में उपलब्ध करा दिया गया है। इसके अलावा, पीएम केयर्स के माध्यम से और भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस बारे में मांग भेज दी जाए।

एक मई से प्रारंभ हो रहे 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के टीकाकरण का कार्य कोरोना महामारी से लड़ाई में बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए पंजीकरण की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई है। ऐसी व्यवस्था करें जिससे वैक्सीन वेस्टेज न हो।वैक्सीन सेंटर पर वही लोग आएं जिनका वैक्सीनेशन होना है। 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण पूर्ववत जारी रहेगा।

कोविड टीकाकरण का कार्य सुचारू रूप से संचालित हो, इसके लिए प्रदेश सरकार ने ग्लोबल टेंडर जारी करने का निर्णय लिया है। सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक को 50-50 लाख डोज का ऑर्डर दे दिया गया है, इसके अलावा, 04-05 करोड़ डोज के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया जाए। इस कार्यवाही को तुरंत आगे बढ़ाया जाए।

कोविड प्रबंधन को और व्यवस्थित करने के लिए जिलों में सेक्टर प्रणाली लागू की जाए।सेक्टर मैजिस्ट्रेट क्षेत्रों में लगातार भ्रमण करें। हर छोटी-बड़ी गतिविधियों पर सीधी नजर रखें। हर जरूरतमंद को सरकारी नीतियों के अनुरुप सभी जरुरी मदद उपलब्ध कराएं। यह व्यवस्था जनहित में उपयोगी होगी।

प्रत्येक जरूरतमंद को एम्बुलेंस समय पर उपलब्ध होनी चाहिए। एम्बुलेंस के रिस्पांस टाइम को न्यूनतम रखने पर विशेष ध्यान दिया जाए।

कोविड की पिछली लहर में आयुष विभाग की भूमिका सराहनीय रही थी। इस बार भी विभाग को उसी तत्परता के साथ सक्रिय होने की आवश्यकता है। इम्युनिटी बढ़ाने वाली औषधियों के सम्बन्ध में विभाग द्वारा जानकारी दी जाए। लोगों को आयुष काढ़ा सहित अन्य उपयोगी औषधियां मुहैया कराई जाएं।

स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग कार्य युद्ध स्तर पर किया जाए। इसके लिए फायर विभाग के वाहनों का भी उपयोग किया जाए। मास्क के अनिवार्य उपयोग के सम्बन्ध में प्रवर्तन की कार्यवाही प्रभावी ढंग से जारी रखी जाए। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समिति पूरी सक्रियता से कार्य करें।

औद्योगिक इकाइयों में कोविड प्रोटोकाॅल का पालन कराते हुए गतिविधियां संचालित की जाएं। गो-आश्रय स्थलों में व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की जाए।



Vidushi Mishra

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