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Good News: यूपी के इस जिले ने लावारिस बच्चों के लिए उठाया ये बड़ा कदम

Shivakant Shukla
Published on: 3 Oct 2018 5:12 PM IST
Good News: यूपी के इस जिले ने लावारिस बच्चों के लिए उठाया ये बड़ा कदम
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शाहजहांपुर: आपने देखा होगा कि अक्सर नवजात शिशुओं के शव या तो जीवित शिशु ही लावारिस हालत में कहीं न कहीं फेंके हुए पाये जाते हैं। लेकिन अब यूपी के शाहजहांपुर जनपद का कोई बच्चा लावारिस नहीं रहेगा। वह इसलिए कि अब यहां के जिला अस्पताल मे पालना शिशु स्वास्थ केंद्र खोल दिया गया है और साथ ही उसमें लावारिस बच्चे के लिए झूला भी रखा गया है।

जिला अस्पताल की इस पहल से कई ऐसे मां बाप है जो इसकी सराहना कर रहे हैं। वहीं सीएमएस का कहना है कि अगर कोई मां बाप किसी कारणवश बच्चे को लावारिस हालत मे छोङते है तो वह यहां पालना शिशु स्वास्थ केंद्र मे लाकर छोङ दें ताकि उस बच्चे को कोई गोदकर लेकर उसकी अच्छी परवरिश मिल सके।

लावारिस बच्चों को मिलेंगे मां बाप

शाहजहांपुर का पंडित राम प्रसाद बिस्मिल जिला संयुक्त चिकित्सालय ने एक नेक काम का बीङा उठाया है। अब इस अस्पताल मे लावारिस बच्चों को उसके मां बाप से मिलवाया जाएगा। बस फर्क होगा कि वो मां बाप सगे नही होंगे। लेकिन लावारिस बच्चो को सगे मां बाप जैसा प्यार देकर उनकी अच्छी परवरिश जरूर मिलेगी। अक्सर नवजात बच्चों के शव झाङियों नालों या फिर अस्पतालों के बाहर नवजात मिलते रहे हैं। या फिर किसी कारणवश कुछ मां बाप बच्चे के जन्म के बाद ही उनको लावारिस हालत मे छोङकर कर चले जाते हैं। जिसके बाद वही बच्चे जानवरों का निवाला बन जाते है।

अब जिला अस्पताल के सीएम एमपी गंगवार ने उन्ही लावारिस बच्चो की सुध लेते हुए अपने अस्पताल मे एक पालना स्वास्थ शिशु केन्द्र खोला है। उस केंद्र में लावारिस छोटे बच्चो के लिए एक झूला भी रखा गया। सीएमएस का कहना है कि अगर कोई मां बाप जन्म के बाद किसी कारणवश बच्चे को कहीं लावारिस हालत मे छोङकर चले जाते है तो वह अब जिला अस्पताल आकर पालना शिशु स्वास्थ केंद्र मे झूले मे रखकर चले जाएं।

जो मां बाप बच्चों को गोद लेना चाहते हैं उनकी भी गोद भर सकेगी

सीएमएस एमपी गंगवार का कहना है की जिला अस्पताल मे पालना शिशु स्वास्थ केंद्र खोला गया है। जिसमे एक झूला रखा गया है। अक्सर देखा जाता है कि रोड के किनारे या कूङे के ढेरों मे नवजात बच्चों को लावारिस हालत मे छोङकर चले जाते है। या किसी कारण मां बाप ही बच्चो को लावारिस छोङ देते है तो ये उन मां बाप के लिए है। वह अब बच्चो को कूङे मे फेंकने के बजाए जिला अस्पताल मे पालना शिशु केंद्र मे आकर झूले मे रखकर चले जाए। ताकि जो मां बाप बच्चो को गोद लेना चाहते है तो उनकी गोद भर सके और लावारिस होने से बच्चे भी बच जाए और उन्हे एक अच्छी परवरिश के साथ उन्हे शिक्षा भी मिल सके।

newstrack.com ने ऐसे माता-पिता से बात की जिन्होंने अपने बच्चे न होने पर लावारिस बच्चो को गोद लिया अपनी गोद भरी। उनका कहना है कि बङी त​कलीफ होती है जब सुनने मे आता है कि नाले मे नवजात शिशु का शव मिला है या कूङे मे शव पङा था और उसे कुत्ते नोच रहे थे। लेकिन अब जब जिला अस्पताल मे पालना शिशु केंद्र खुल गया है तो य​ह उम्मीद है कि लावारिस बच्चों को छोङने वाले उस केंद्र मे छोङ देंगे। पालना केंद्र पर बच्चे को रखने से बच्चे का भविष्य अच्छा बनता सकता है। क्योंकि जब कोई भी उस बच्चे को गोद लेगा तो उसको मां बाप का प्यार मिलेगा। अच्छी परवरिश और अच्छी शिक्षा भी मिलेगी।



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Shivakant Shukla

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