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Crime Rate in UP 2021: यूपी में साल की कुछ चर्चित आपराधिक घटनाएँ सरकार के गले की बनी फांस, अब भी विपक्ष के निशाने पर
Crime Rate in UP 2021: उत्तर प्रदेश में साल 2021 में कुछ ऐसी आपराधिक घटनाएं हुई, जो सरकार के लिये गले की फ़ांस बन गयीं।
Crime Rate in UP 2021: वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश में कुछ ऐसी आपराधिक घटनाएं घटीं जो सरकार के लिये गले की फ़ांस बन गयीं। हालाँकि समय रहते यूपी सरकार (Yogi Sarkar) ने इन घटनाओं को काफी हद तक मैनेज भी किया है लेकिन कुछ घटनाओं को लेकर विपक्ष अभी भी सरकार को घेरे हुए है।
27 सितम्बर 2021 को गोरखपुर में एक होटल में कानपुर के रियल व्यापारी मनीष गुप्ता (gorakhpur manish gupta hatyakand) को पुलिस कर्मियों ने कमरे की चैकिंग करने के नाम पर इतना पीटा कि उस व्यापारी की मौत हो गयी। पुलिस कर्मियों पर लगे इस व्यापारी मनीष की हत्या पर विपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। आनन फानन में सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ कानपुर पहुंचे और मृतक व्यापारी की पत्नी से मिले और उसकी सभी मांगो मानते हुए उसे केडीए में ओएसडी के पद पर नोकरी देकर इस घटना काफी हद तक संभाला।
सूबे की सरकार पर सवाल
अभी इस घटना की चर्चाएं शांत भी नहीं हो पायीं थीं कि गत 25 नवम्बर 2021 को भारत सरकार के गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र उर्फ टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्र ने लखीमपुर (ashish mishra lakhimpur kheri) तिकोनियाँ में सड़क पर आंदोलन कर रहे किसानों को अपनी जीप से रौंद डाला। जिसमें चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गयी है।
यह मामला तो अब तक सूबे की सरकार(UP Ki Yogi Sarkar) को कटघरे में खड़ा किये हुए है। पूरा विपक्ष अभी इस मामले में सरकार के खिलाफ मुखर है। हालाँकि इस मामले मंत्री पुत्र समेत अन्य आरोपी जेल में हैं। गत 21 अक्तूबर 2021 आगरा के थाना जगदीशपुर हिरासत में लिए गए सफाईकर्मी की मौत (Agra sweeper death Police Custody) हो गयी।
परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस हिरासत में उनके पुत्र की मौत थाने में पूछताछ दौरान पुलिस की थर्ड डिग्री देने के कारण मौत हो गयी। इस मुद्दे पर भी विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा।अभी यह मामला शांत नही हो पाया था कि गत 10 नवम्बर 2021 जनपद कासगंज (Kasganj Case) की सदर कोतवाली में लड़की भगाने के आरोप में 22 वर्षीय अल्ताफ को पुलिस कोतवाली में पूछताछ के लिये आयी और सुबह थाने की हवालात के बाथरूम में युवक की लाश मिली।
इस मौत में पुलिस तर्क दिया कि जमीन से ढाई फिट की ऊंचाई पर लगे नल से फांसी लगाकर युवक ने आत्महत्या कर ली।पुलिस का यह तर्क किसी के भी गले नही उतरा।इस मुद्दे पर भी विपक्ष ने पुलिस व सरकार की जमकर खिंचाई की।
इन चर्चित घटनाओं को लेकर सरकार की जितनी किरकिरी हुई तो मफिया (up don name list) के खिलाफ यूपी सरकार(UP Ki Yogi Sarkar) ने जो सख्ती सरकार ने दिखाई , सरकार की इस सख़्ती ने आम जनता की नजरों में सरकार के नम्बर भी बढ़े।वर्ष 2021 में माफिया व उसके गुर्गे या तो जेल में है या ये गुर्गे अब तक भूमिगत हैं या फिर उत्तर प्रदेश से पलायन कर गए हैं।
माफियाओं पर योगी सरकार का बुल्डोजर
योगी सरकार ने इस वर्ष 2021 में माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) व माफिया अतीक़ अहमद (atiq ahmed cases) में माफियावाद के नेटवर्क को तो एक दम से नेस्तनाबूत ही कर दिया है।जबकि वेस्ट यूपी के भी तीन दर्जन माफिया डॉन (up most wanted gangster list) समेत कुल 150 शातिर इनामी अपराधियों (up ke top 10 gangster) को जेल में दाखिल करवाया है।
इन माफिया के जेल में शिफ्ट होने के बाद भी उत्तर प्रदेश में हत्याओं के अपराध का सिलसिला नही रुक सका है।हत्या की घटनाओं (Murder Cases in UP) के मामले में इस वर्ष भी उत्तर प्रदेश अव्वल स्थान पर रहा है।अगर एनसीआरबी के आंकड़ों पर गौर करें तो सूबे विभिन्न अलग अलग शहरों में 20 हजार 816 लोगों की हत्याएं हुई हैं। इसके अलावा सूबे में इस वर्ष रेप के 2 हजार 769 मामले विभिन्न जिलों के थानों में दर्ज हुए हैं।
हालाँकि रेप के मामले में राजस्थान अव्वल स्थान पर (Rajasthan tops in rape case) है। जबकि एमपी तीसरे स्थान पर है। 1 जनवरी से नवम्बर 2021 के दौरान अपहरण, लूट, डकैती की घटनाओं में इजाफा हुआ है। मार्च 2020 में लॉकडाउन (Lockdown in 2020) था, 2021 में यूपी के शहरों में कोरोना कर्फ्यू का काल मई महीने तक जमकर चला।
लोगों का मानना है कि इस दौरान बढ़ी बेरोजगारी के कारण (unemployment) ये अपराध बढ़े।गत 2020 में फिरौती के लिए अपहरण के कुल 11 मामले सामने आए थे लेकिन 2021 में ये मामले बढ़कर 18 हो गए लेकिन चोरी, दहेज की घटनाओं में कमी देखने को मिली है।2020 की तुलना में इस वर्ष 2021 में चोरी में 8.31 फीसदी, बलवा में 12.21 फीसदी, दहेज हत्या में 12.21फीसदी की कमी पाई गई है।
डीजीपी मुकुल गोयल के अनुसार अधिकांश आपसी रंजिश व चुनावी रंजिश से जुड़े हैं।डीजीपी के अनुसार सूबे के छोटे जिलों में जमीनी विवाद, आपसी रंजिश व चुनावी रंजिश को लेकर कई घटनाएं इस वर्ष सामने आईं हैं।इनमेँ हत्या, जमीन हड़पने व कोर्ट कचहरी के चक्कर भी शामिल हैं।