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शातिर अपराधी ने प्रतापगढ़ जेल से फेसबुक पर डाली सेल्फी

Newstrack
Published on: 29 Dec 2017 8:57 AM GMT
शातिर अपराधी ने प्रतापगढ़ जेल से फेसबुक पर डाली सेल्फी
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शन्नू खान

रामपुर: सईंया भये कोतवाल अब डर काहे का! जी हां कुछ ऐसा ही नजारा प्रतापगढ़ के जिला कारागार में चल रहा महसूस होता है जिसकी बानगी सोशल साइट फेसबुक पर देखने को मिली। प्रतापढ़ जिला कारागार में बंद राहुल तिवारी नामक शातिर अपराधी ने फेसबुक पर अपनी सेल्फी अपलोड की। राहुल तिवारी ने फेसबुक पर अपनी तीन सेल्फी 20 दिसम्बर को रात करीब साढ़े दस बजे अपलोड कीं। राहुल तिवारी लूट, हत्या, डकैती, अपहरण व फिरौती जैसी संगीन घटनाओं को अंजाम देने में जिला कारागार में बंद है।

मामला संज्ञान में आने पर जांच के आदेश : प्रतापगढ़ जेल पहले भी कई बार ऐसे ही विवादों से घिरी रही है। इस जेल में अपराधियों को खुलेआम छूट मिलने की पहले भी शिकायतें मिलती रही हैं। अब यह जेल राहुल तिवारी की फेसबुक पर सेल्फी को लेकर चर्चा में है। सोशल साइल पर अपराधी की फोटो को महाराष्ट्र के इंद्र कुमार ने नोटिस किया कि एक अपराधी को जेल में आखिर मोबाइल कैसे मुहैया कराया गया यानी जेल में अपराधियों को पूरी तरह खुली छूट दी जा रही है। इस पर आपत्ति जताते हुए इंद्र कुमार ने अपने यूपी के जिला रामपुर के फेसबुक फ्रेंड व आरटीआई एक्टिविस्ट दानिश खान को यह सेल्फी टैग कर सूचित किया। इस पर तुरंत हरकत में आए दानिश खान ने इस प्रकरण को फेसबुक के ही माध्यम से पुलिस महानिदेशक व पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। 20 दिसम्बर को अपलोड हुई सेल्फी आखिरकार पुलिस के आला अधिकारियों के संज्ञान में आने पर एसएसपी प्रतापगढ़ को एडीजी जोन इलाहाबाद, आईजी रेंज इलाहाबाद, व डीआईजी रेंज इलाहाबाद ने पत्र लिखकर मामले की जांच कर वैधानिक कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। इससे पुलिस विभाग व जेल अधिकारियों में हडक़म्प मच गया है।

रुपये व रसूख के बल पर जेल में सारी सुविधा : आरटीआई कार्यकर्ता दानिश के मुताबिक उन्होंने फेसबुक पर पुलिस के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में मामला 21 दिसम्बर को पहुंचाया था जिस पर 22 दिसम्बर की सुबह उन्हें मेल से जांच और कार्रवाई के लिए लिखे गए पत्र के बारे में अवगत कराया गया है। उन्होंने बताया कि अक्सर जेलों में रुपये, रसूख और रुतबे के बल पर अपराधियों को घर जैसा माहौल दिया जाता है। साथ ही उन्हें जेल के बाहर मिलने वाले साधन भी उपलब्ध कराए जाते हैं जिसमें जेल अधिकारियों से लेकर पुलिस विभाग की मिलीभगत होती है। प्रतापगढ़ के जेल अधीक्षक आरके त्रिपाठी ने बताया कि जेल से तस्वीरें फेसबुक पर अपलोड करने की जानकारी मिलने पर सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और ऐसा कुछ पाया जाता है तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। इस घटना के बाद प्रदेश के सभी जिला कारागारों में तलाशी अभियान चलाए जाने की खबरें मिल रही हैं। जिला रामपुर कारागार में भी जेल अधिकारियों ने चेकिंग अभियान चलाया।

न्यायिक मजिस्ट्रेट की निगरानी में हो जांच : आरटीआई एक्टिविस्ट दानिश खान ने आरोप लगाया कि एसएसपी की नाक के नीचे ही जेल में अपराधियों को सभी साधन मुहैया कराए जाते हैं। ऐसे में एसएसपी को ही जांच के लिए आदेश देना महज एक खानापूर्ति है। किसी न्यायिक मजिस्ट्रेट की निगरानी में टीम बनाकर जांच की जानी चाहिए ताकि बंदी सुधार गृह में भेजे गये अपराधियों में खौफ पैदा हो। अगर इस पर जल्द ही कड़े कदम नहीं उठाए गए तो वह दिन दूर नहीं जब अपराधियों के मन से जेल का खौफ भी निकल जाएगा।

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