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आपराधिक मुकदमा तय होने के बाद धारा 319 में नहीं की जा सकती कार्यवाहीःहाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 319 के तहत ट्रायल के दौरान ही सम्मन जारी किया जा सकता है। आपराधिक मुकदमे का फैसला हो जाने के बाद कोर्ट इस धारा के तहत मिली शक्ति का मुकदमा नये सिरे से शुरू करने के लिए सम्मन जारी नहीं कर सकता।

Anoop Ojha
Published on: 22 May 2019 8:47 PM IST
आपराधिक मुकदमा तय होने के बाद धारा 319 में नहीं की जा सकती कार्यवाहीःहाईकोर्ट
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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 319 के तहत ट्रायल के दौरान ही सम्मन जारी किया जा सकता है। आपराधिक मुकदमे का फैसला हो जाने के बाद कोर्ट इस धारा के तहत मिली शक्ति का मुकदमा नये सिरे से शुरू करने के लिए सम्मन जारी नहीं कर सकता। कोर्ट ने याची ओम प्रकाश के खिलाफ मऊ में चल रही आपराधिक कार्यवाही व जारी सम्मन को रद्द कर दिया है।

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यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने ओमप्रकाश की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची अधिवक्ता दयाशंकर मिश्र का कहना था कि एक आपराधिक केस में आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया और फैसले के बाद धारा 319 में याची को सम्मन जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि जैनू व ओमप्रकाश एक ही व्यक्ति है जबकि विवेचनाधिकारी ने याची की अपराध में लिप्ततता के सबूत न होने के कारण बाहर कर दिया था। पीड़िता ने जैनू को भी अन्य के साथ आरोपी कहा है।

दर्ज प्राथमिकी के अनुसार पीड़िता नाबालिग लड़की का अपहरण कर सामूहिक दुराचार किया गया और वाराणसी के मडुवाडीह के बाजार में बेच दिया गया। लड़की के बयान पर आरोपियों के खिलाफ केस चला। दोबारा दिये गये बयान में पहले बयान में विरोधाभाष भी है। कोर्ट ने दो आरोपियों को बरी कर दिया। चार लोगों पर दुराचार, अपहरण का केस दर्ज कराया गया था।

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कोर्ट ने कहा कि जैनू ही ओम प्रकाश है। मडुवाडी की निशा के साथ याची को भी सम्मन जारी किया गया था। याची अधिवक्ता ने कोर्ट की अधिकारिता पर सवाल उठाये और कहा कि मुकदमे में फैसले के बाद कोर्ट को धारा 319 के तहत कार्यवाही शुरू करने का अधिकार नहीं है। इस धारा में कोर्ट को विशेष अधिकार वास्तविक अपराधी बचने न पाये इसलिए दिया गया है। इस शक्ति का इस्तेमाल दौरान मुकदमा ही किया जा सकता है। कोर्ट ने नये सिरे से शुरू की गयी आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही रद्द कर दी है।



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Anoop Ojha

Anoop Ojha

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