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कोर्ट को भी गुमराह कर रहा कस्टम विभाग, सहायक आयुक्त तलब
पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी की हिदायतों का कस्टम और व्यवसाय कर विभाग के अधिकारियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।
इलाहाबाद : पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी की हिदायतों का कस्टम और व्यवसाय कर विभाग के अधिकारियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। अधिकारी आदेश न मानकर हाईकोर्ट को भी झांसा देने से नहीं चूक रहे। ऐसे ही कस्टम विभाग के एक अधिकारी शशि शेखर सहायक आयुक्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 28 अगस्त को तलब किया है।
कोलकता की एक कंपनी मेसर्स सुसवानी इंडस्ट्रीज की याचिका पर जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस यू सी त्रिपाठी की खंडपीठ ने वकील आदित्य पांडेय को सुनकर यह आदेश दिया है। बता दें कि ट्रांसपोर्टर विजय लॉजिस्टिक ने 20 लाख 22 हजार 435 रूपए की सुपारी व्यवसाय कर विभाग द्वारा पकड़े जाने को चुनौती दी।
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कोर्ट ने बैंक गारंटी लेकर जब्त माल एक महीने में छोड़ने का निर्देश दिया। लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। विभाग ने 30 मार्च 2017 को यह कहते हुए माल छोड़ने से इंकार कर दिया कि कस्टम विभाग ने माल छोड़ने से मना किया है। कोर्ट ने कस्टम विभाग को जब्त माल छोड़ने का निर्देश दिया तो सहायक आयुक्त ने अर्जी दी कि कोर्ट का आदेश स्पष्ट नहीं है, इसे स्पष्ट किया जाए।
कोर्ट ने कहा कि कौन सी बात समझ में नहीं आई तो कहा कि याची ने जो बांड फॉर्म दिया है वह सही नहीं है। कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त किया कि सहायक आयुक्त जैसे अधिकारी को ऐसी अर्जी देनी पड़ी। याची वकील आदित्य पांडेय का कहना है कि सुपारी कस्टम विभाग के दायरे मे नहीं आती तो उसे जब्त करने का अधिकार ही नहीं है। फिलहाल कोर्ट ने सहायक आयुक्त को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। माल कोलकत्ता से दिल्ली जा रहा था और इलाहाबाद में पकड़ा गया था।