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Prayagraj: ऑनलाइन ठगी के बड़े गिरोह का भंडाफोड़, वेबसाइट बना कर की करोड़ों की ठगी
Prayagraj News Today: शातिर बदमाशों ने बड़ी कंपनियों की वेबसाइट बनाकर 30 करोड़ रुपये की ठगी कर डाली। मामले में प्रयागराज की साइबर क्राइम की टीम ने तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।
Prayagraj News Today: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर (Prayagraj Ki Khabar) में ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) करने वाले बड़े गिरोह के 3 शातिर सदस्यों को साइबर सेल (Cyber Cell) की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये अंतरराज्यीय गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं जो ईजीडे, रायल इन्फील्ड, जावा मोटर, हर्बल लाइफ, मदर डेयरी, बजाज फाइनेंस, क्विक लोन जैसी नामी गिरामी कंपनियों की क्लाेन वेबसाइट तैयार कर अब तक 600 से अधिक लोगों से 30 करोड़ की ठगी कर चुके हैं। शातिरों की ठगी का शिकार हुए प्रयागराज के व्यवसायी मोहम्मद सईद व सोनाली जायसवाल भी हो चुके हैं। दोनों की शिकायत पर साइबर क्राइम सेल की टीम ने इन्हें पकड़ा है।
पूछताछ में पता चला है कि शातिरों ने पढ़ाई बीटेक, एमसीए की कर रखी है और काम ठगी का करते हैं। पूछताछ में शातिरों ने कई चौंकने वाले खुलासे किए हैं। प्रयागराज के रहने वाले व्यवसायी मोहम्मद सईद व सोनाली जायसवाल से ईजी डे की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर बात शुरू हुई। इसके बाद कहा गया कि आपकी एप्लीकेशन अप्रूव हो गई है। यहीं से ठगी की कहानी शुरू होती है। अब सिक्योरिटी मनी के नाम पर 30 हजार से 50 हजार रुपये जमा कराए जाते हैं। इसके बाद एक फर्जी ऑनलाइन सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। सर्टिफिकेट जारी होने के बाद माल भेजने के नाम पर पांच से 8 लाख रुपये मंगाए जाते हैं। सर्टिफिकेट मिलने के बाद दोनों ने विश्वास कर लिया कि ये सही लोग व कंपनी है।
प्रयागराज के मोहम्मद सईद के साथ भी हुई ठगी
इसके बाद विश्वास में पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर (Money Online Transfer) कर दिया जाता है। पैसा तो चला गया खाते से अब न माल आया और न ही कोई जानकारी आई। प्रयागराज के मोहम्मद सईद के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उन्होंने 17,39,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए। सोनाली जायसवाल ने 1.25 लाख रुपये ट्रांसफर किए। पैसे ट्रांसफर करने के 24 घंटे बाद न तो कोई सामान आया और न ही वेबसाइट गूगल पर रही। वेबसाइट अपने आप 24 घंटे बाद गायब हो गई। ठगी का शिकार होने के बाद साइबर क्राइम थाना प्रयागराज परिक्षेत्र (Parikshetra) में शिकायत दर्ज कराई गई। जांच हुई तो एक से एक कड़ी जुड़ती चली गई।
शातिराना तरीके से करते थे ठगी
साइबर क्राइम की जांच आगे बढ़ी तो पूरे गिरोह का सरगना विनय कुमार उर्फ एसएसपी कोलकाता, नालंदा बिहार का रहने वाला निकला। पूरे गिरोह को संचालित करने में अहम भूमिका निभाने वाले वेबसाइट डेवलपर अभिषेक शर्मा रतलाम मध्य प्रदेश और रत्नीश भारती नवादा बिहार का रहने वाला है। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि ये तीनों बेहद शातिराना तरीके से वेबसाइट डेवलप कर ठगी करते थे।
पढ़े लिखे हैं तीनों अभियुक्त
आईजी प्रयागराज डॉ राकेश सिंह ने बताया कि पकड़े गए तीनों अभियुक्त पढ़े लिखे हैं। रत्नेश भारतीय ने जीआरटी भुवनेश्वर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है। इसके अलावा अभिषेक शर्मा ने एमए के साथ बैचलर ऑफ कंप्यूटर साइंस की डिग्री ली है। विनय कुमार ने केवल बीए तक की पढ़ाई की है। तीनों नई दिल्ली की कंपनी स्टेट डेवलपर में 16 हजार रुपये पगार पर काम कर रहे थे। यहीं से अभिषेक व रत्नेश ने वेबसाइट डेवलप करने का काम सीखा और लॉकडाउन में वर्क फार्म होम होने पर घर से काम करने लगे। धीरे-धीरे ये अपनी खुद की वेबसाइट तैयार करने लगे। बस, यहीं से शुरू हुआ फर्जीवाड़े का सफर। ये तीनों इतने शातिर थे कि पांच से 10 हजार रुपये गूगल पर वेबसाइट को नंबर 1 रैंक कराने के लिए देते थे।
ट्रू कॉलर पर एसएसपी के नाम से सेव था नंबर
पकड़े गए विनय कुमार ने बताया कि गूगल को पैसे पेड करने के बाद जब वेबसाइट नंबर वन पर रैंक करने लगती थी। जिस कंपनी की वेबसाइट बनाते उसमें 72 घंटे में पांच से 7 क्लाइंट तो फंस जाते थे। उनसे पांच से 8 लाख रुपये वसूलने के बाद वो वेबसाइट 72 घंटे बाद अपने आप गूगल से हट जाती। दोबारा गूगल करने पर जब नहीं मिलती तब लोगों को लगता की उनके साथ ठगी हो गई है। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि गिरोह का सरगना विनय कुमार ने अपने नंबर को ट्रू कॉलर पर एसएसपी कोलकाता के नाम से सेव कर रखा था। इससे जिसको भी फोन करता वह डर जाता।
आईजी ने बताया कि इन तीनों शातिरों पर देश के 9 राज्यों में साइबर ठगी के कुल 17 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटका, गुजरात, तेलंगाना, राजस्थान, दिल्ली जैसे राज्यों में कुल 17 मुकदमा है। पुलिस के मुताबिक यह गिरोह अब तक 25 से तीस करोड़ की ठगी कर चुका है, अकेले प्रयागराज में करीब 18 लाख 49 हजार रुपये ठग चुके हैं। आईजी ने बताया कि तीनों के खातों से 10 लाख रुपये फ्रीज भी कराए गए हैं।
प्रयागराज के मोहम्मद सईद को 8 लाख 39 हजार रुपये वापस कराए गए। गिरोह की जड़ें काफी गहरी हैं। अभी इसमें कई और सदस्य पूरे देश में फैले नेटवर्क में काम कर रहे हैं और लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार अभियुक्तों पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में यह जल्दी जेल से बाहर न आ सके।
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