Cyclone Yaas: वाराणसी-बंगाल की खड़ी में उठने वाले यास तूफ़ान का असर देश के दूसरे हिस्सों में भी देखने को मिल रहा है। तूफ़ान के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट जारी किया गया है। वाराणसी में गंगा किनारे घाटों पर नाविक मुस्तैद हैं। गंगा घाट पर नाविकों द्वारा अपनी नाव को सुरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। तूफ़ान से बचने के लिए नाविकों ने अपनी नावों को मोती रस्सीयों के सहारे किनारे बाँध दिया है।
नाविकों ने भांपा आने वाला खतरा
इसी बीच वाराणसी में गंगा नदी में हलचल को देखते हुए गंगा पुत्रों ने अपनी नावों को गंगा तट पर मज़बूती से बाँधना शुरू कर दिया है। नाविकों की माने तो यदि नावों को नहीं बांधा गया तो ये गंगा में मौजूद पत्थरों में टकराकर क्षतिग्रस्त हो जाएंगी जिससे लाखों का नुकसान होगा। गंगा तट पर अपने नाव को मज़बूती से बांध रहे राकेश सहानी बब्लू ने बताया कि ताऊ ते तूफ़ान के समय गंगा में लहरें उठी थीं उससे कई नावें क्षतिग्रस्त हुई थी। उसके बाद मौसम विभाग द्वारा यास चक्रवाती तूफ़ान को देखते जारी किये गए अलर्ट के अनुसार इस तूफ़ान का असर प्रभावी होगा। इसे ध्यान में रखते हुए हम मौसम बिगड़ने के पहले अपनी नावों को गंगा तट पर मज़बूती से बाँध रहे हैं।
हवन पूजन के सहारे लोग
यास तूफान के खतरे को कम करने के लिए कुछ लोग भगवान की शरण में पहुंच गए हैं। धार्मिक नगरी काशी में हवन पूजन करके यास तूफान की शांति की कामना की जा रही है। वाराणसी के प्रहलाद घाट स्थित प्रहलादेश्वर मंदिर में यास तूफान का असर जनता पर न पड़े और इससे ज्यादा तबाही न हो लिहाजा भगवान शिव का दुधाविषेक और हवन किया जा रहा है।
बता दें कि चक्रवाती तूफान यास की दस्तक से पहले मंगलवार से ही देश के कई इलाकों में बारिश और आंधी -तूफान का कहर बरपा।
बंगाल और ओडिशा के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है। कई क्षेत्रों में तेज हवाएं चल रही हैं। लोगों के घरों में पानी भरने लगा है। कई एयरपोर्ट बंद कर दिए गए हैं। ट्रेने रद्द हो गयीं हैं। इसके अलावा ओडिशा के कई जिलों में वैक्सीनेशन को भी रोक दिया गया है।वहीं कानपुर (Kanpur) के चंद्रशेखर आजाद विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक (Meteorologist) डॉ एसएन सुनील पांडेय ने भी उत्तर प्रदेश 27 जिलों (27 Districts) के लिए यास को लेकर चेतावनी दी है। 24 मई से 28 मई के बीच यूपी में भी तूफान आने की बात कही गई है। वैज्ञानिक डॉ एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि ओमान द्वारा नामित तूफान 'यास' जब 24 मई को विकसित होगा, तो समुद्र तट से पहले मुश्किल से 500-600 किमी का समुद्री विस्तार होगा। 25 या 26 मई तक तूफान के उत्तर पश्चिम की ओर पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा तट की ओर आने की उम्मीद है। यूपी के इन जिलों में आ सकता है तूफान -
मौसम विभाग की ओर से उप्र के पश्चिम क्षेत्र में स्थित मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, संभल, बदायूं, कासगंज जिलों को अलर्ट पर रहने को चेताया गया है। इसी तरह पूर्वांचल में आने वाले जिले सुल्तानपुर, जौनपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, संत कबीर नगर, महराजगंज, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती और कुशीनगर जनपद को अलर्ट किया गया है। इसके अलावा बहराइच, बाराबंकी, अयोध्या, अमेठी जिले के लिए चेतावनी मौसम विभाग द्वारा जारी की गई है।