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शाहजहांपुर में 45 दलित परिवार दबंगई का हुए शिकार, विशेष समुदाय ने दी पलायन की धमकी
यूपी के शाहजहांपुर मे 45 दलित परिवारों को दबंगई का शिकार होना पड़ रहा है। उन्होंने विशेष समुदाय द्वारा गांव से पलायन की धमकी दी गई। दलित परिवारों ने थाने में शिकायत दर्ज की तो पुलिस ने मामले को हल्के में लिया। यह मामला जब बीजेपी नेताओं तक पहुंचा तो पुलिस ने 15 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं मे मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मामला दर्ज होने के बाद दलित परिवारों ने चैन की सांस ली।
शाहजहांपुर : यूपी के शाहजहांपुर मे 45 दलित परिवारों को दबंगई का शिकार होना पड़ रहा है। उन्होंने विशेष समुदाय द्वारा गांव से पलायन की धमकी दी गई। दलित परिवारों ने थाने में शिकायत दर्ज की तो पुलिस ने मामले को हल्के में लिया। यह मामला जब बीजेपी नेताओं तक पहुंचा तो पुलिस ने 15 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं मे मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मामला दर्ज होने के बाद दलित परिवारों ने चैन की सांस ली।
वहीं दलित परिवारों का कहना है कि ये गांव मुस्लिम बाहुल्य है। वह लोग गांव मे रहने वाले 45 दलित परिवारों को गांव से निकालना चाहते हैं। उनकी जमीनों पर कब्जा कर अपने लोगों को बसाना चाहते है। फिलहाल पुलिस ने बीजेपी नेताओ की दखलअंदाजी के बाद मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
क्या है मामला?
दरअसल, मामला खुटार थाना क्षेत्र के मौजा मैदाखड़ा गांव का है। इस ग्राम पंचायत की आबादी करीब 6 हजार है। इस गांव मे इस वक्त करीब 45 दलित परिवार रहते हैं। ये गांव मुस्लिम बाहुल्य है। दलित परिवारों का आरोप है कि करीब 15 साल पहले ये गांव बसा था तब उसने करीब 175 परिवार यहां रहते थे। लेकिन दूसरे समुदाय के उत्पीड़न के चलते लोग यहां से चले गए और दूसरी जगह जाकर अपने घर बसा लिए। अब गांव मे सिर्फ 45 परिवार बचे है। दलित परिवारों का आरोप है कि दूसरे समुदाय के लोग उन्हे यहां से भगाकर अपने करीबियों को बसाकर उनकी जमीनों पर कब्जे करना चाहते हैं। इस मामले मे उन्होंने बीते कई माह से पुलिस मे तहरीर देकर शिकायत की, लेकिन उनकी कोई सुनने को राजी नही था। पुलिस दूसरे समुदाय का साथ देती थी इसी कारण वह उन्हें दिन-रात परेशान और मारपीट करते थे। फिर भी पुलिस मामला दर्ज नही करती थी। अब जब बात हिंदू संगठनों और बीजेपी नेताओ ने सुनी और तीन दिन पहले थाने में दोनों पक्षो को बुलाया गया और उसमें बीजेपी नेता भी शामिल हुए उसके बाद पुलिस कुछ हरकत मे आई। फिर पुलिस ने 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
दलित परिवार ने लगाया आरोप
दलित परिवारों का आरोप है कि दूसरे समुदाय के लोग दिन दहाड़े बात-बात पर मारपीट करते थे। रात मे उनके घरों मे घुसकर महिलाओं और बच्चों से अभद्रता करते है। खुली धमकी देते है कि तुम लोगों को यहां रहने नही देंगे। गांव मे नल से पानी भी नहीं भरने देते है। उनके खिलाफ हमने कई बार थाने मे शिकायत की लेकिन कोई असर नहीं हुआ। आखिरकार उन्होंने कुछ हिंदू संगठन और बीजेपी नेताओ से मदद मांगी जिसके बाद थाने मे दोनों पक्षो को बुलाया गया, लेकिन वहां पर कोई समझौता नहीं हो सका जिसके बाद उन्होंने धमकी दी थी अगर कार्यवाई नही हुई तो वह गांव छोड़ देंगे। उसके बाद मामला आलाधिकारियों तक पहुंचा जिसके बाद आरोपियों को खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। इस कार्यवाही से उन्होंने चैन की सांस ली है।
मुकदमा दर्ज होने वालों के नाम मेहराजउददीन, ताजुददीन, शमसुददीन, जमील, कलाउलला, इकबाल, गुलबहार, राशिद, नसतुलला, मुसतकीम, जाकिर, हसन, रफीक खान, हसीउलला, गुड्डू खान और गुलफाम है।
क्या कहना है एसओ का?
एसओ बिरजाराम ने बताया कि मैदाखेड़ा गांव मे पिछले 7 साल से पूर्वांचल से कुछ लोग यहां आकर बसे थे। ये दलित परिवार है। गांव मे गोमती नदी के किनारे इन परिवारों ने अपने झोपड़ी डालकर रहने लगे थे। एसओ के मुताबिक कुछ दिन पहले ग्राम प्रधानपति मेहराजुदददीन अपने साथियों के साथ उन परिवारों के पास गए और उनको धमकाया कि यहां से चले जाओ इस जमीन पर वह प्लाटिंग करेंगे।
इसके बाद दलित परिवार थाने आए तो उन्होंने दरोगा आरिफ खान से कहा कि प्रधानपति से कार्यवाई की धमकी देकर मामले को निपटाओ लेकिन पुलिस के चेतावनी देने के बाद भी प्रधानपति अपने साथियों के साथ गए और उनको धमकाया। उनका कहना है कि ये गांव इतना पिछड़ा है कि उनके एरिए मे एक भी नल नही लगा है। दलित परिवारों ने मजदूरी करके एक नल लगाया था जिससे उनका गुजर बसर हो रहा है। इस मामले मे 15 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं मे मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। धारा 147.148.149.323.504.506.427 एससी एसटी एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है। मामले की जांच सीओ पुवायां करेंगे।