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दलित सरोगेट मदर से धोखा, 6 महीने की प्रेग्नेंसी के बाद BSP नेता के भतीजे ने छोड़ा
कौशांबी: यूपी के कौशांबी में एक दलित महिला की कोख किराए पर लेकर गर्भवती करने के बाद उसके साथ फरेब करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। हैरत की बात यह है कि पीड़ित महिला के साथ यह धोखाधड़ी यूपी के एक पूर्व कैबिनेट मंत्री और बीएसपी के बड़े नेता के नाम पर की गई। बहरहाल पुलिस ने सरोगेसी के नाम पर ठगी गई इस महिला की शिकायत पर आईपीसी की गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है। पुलिस ने सीमा की कोख को किराए पर दिलाने वाले बिचौलिए को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ भी की है।
3 बच्चों का पेट पालने के लिए बनी सरोगेट मदर
इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही इस पीड़ित महिला का नाम सीमा देवी है। वह पिपरी इलाके के उमरावल गांव की रहने वाली हैं। गरीबी ने उसे इस कदर जकड़ा कि तीन बच्चों का पेट पालने के लिए कोख किराए पर रख दी। लेकिन, उसे नहीं पता था कि यहां उसके साथ धोखा होने वाला है। सीमा इस वक्त छह महीने की प्रेग्नेंट है। इस हालत में खाने-पीने से लेकर इलाज तक उसे हजारों रूपए अलग से खर्च करने पड़ रहे हैं।
सुनिए विक्टिम का दर्द
पति पहले ही चुका है छोड़
30 साल की सीमा की शादी नौ साल पहले कौशांबी के ही रहने वाले मुकेश के साथ हुई थी। करीब दो साल पहले पति ने दूसरी औरत से संबंधों के चलते उसे छोड़ दिया। उसका एक रिश्तेदार सरजू पासी खुद को कौशांबी से चुनाव लड़ने वाले यूपी के एक पूर्व कैबिनेट मंत्री और बीएसपी के बड़े नेता का करीबी बताता था। सीमा ने सूरज से मिलकर पूर्व मंत्री के ज़रिये कुछ काम दिलाने की मदद मांगी तो सरजू ने कुछ दिनों बाद उसे ऐसा ऑफर दिया, जिसे न चाहते हुए भी वह ठुकरा नहीं सकी।
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किराए की कोख के लिए ऐसे हुई राजी
सरजू ने सीमा को बताया कि बीएसपी के पूर्व मंत्री के एक भतीजे की कोई संतान नहीं है, जिससे उसका पूरा खानदान बेहद परेशान रहता है। अगर सरोगेसी के ज़रिये वह अपनी कोख किराए पर देकर एक बच्चा पैदा कर दे तो उसे ज़िंदगी भर पैसों की कोई कमी नहीं होगी। गर्भवती होते ही उसे हर महीने दस हजार रूपए दिए जाएंगे और रहने के लिए इलाहाबाद में मकान भी दिया जाएगा।
इतना ही नहीं बच्चा होने पर उसे आठ लाख रूपए नगद और उसकी दोनों बेटियों के नाम 50-50 हजार रुपए की एफडी समेत कई दूसरी सुविधाएं भी दी जाएंगी। इलाज से लेकर बच्चे के जन्म और सीमा के परिवार के खाने-पीने का सारा खर्च भी पूर्व मंत्री द्वारा ही उठाया जाएगा। शुरू में उसे कुछ पैसे दिए गए, लेकिन बाद में वह एक-एक पाई की मोहताज हो गई।
कैबिनेट ने दी है सरोगेसी बिल के ड्रॉफ्ट को मंजूरी
कैबिनेट ने 24 अगस्त को सरोगेसी बिल के ड्राफ्ट को मंजूरी दी है। इसके लागू हो जाने के बाद भारत में कमर्शियल सरोगेसी पूरी तरह से बैन हो जाएगी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था, ”आजकल सरोगेसी एक व्यापार बन गया है। प्रसव पीड़ा से बचने के लिए कई औरतें सरोगेसी का सहारा ले रही हैं। भारत में यह फैशन सा बन गया है। इस बिल के कानून बनने के बाद कमर्शियल सरोगेसी के जरिए गरीब महिलाओं को पैसा देकर नहीं खरीदा जा सकेगा और न ही उनका शोषण हो पाएगा।''
क्या होती है सरोगेसी?
सरोगेसी नि:संतान लोगों के लिए एक बेहतरीन चिकित्सा विकल्प है। इसकी जरूरत तब पड़ती है जब किसी स्त्री को या तो गर्भाशय का संक्रमण हो या फिर वह किसी अन्य कारण (जिसमें बांझपन भी शामिल है) से गर्भ धारण करने में सक्षम नहीं होती है। जो महिला किसी और दंपति के बच्चे को अपनी कोख से जन्म देने को तैयार हो जाती है उसे ‘सरोगेट मदर’ कहा जाता है।