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गो रक्षक पहुंचे लखनऊः गायों को दफनाने ले जा रहे दलितों को पीटा

Rishi
Published on: 30 July 2016 2:28 AM GMT
गो रक्षक पहुंचे लखनऊः गायों को दफनाने ले जा रहे दलितों को पीटा
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लखनऊः गाय मारने के आरोप में गुजरात और मध्यप्रदेश में मारपीट की घटनाओं का सिलसिला बढ़ते-बढ़ते अब लखनऊ तक आ पहुंचा है। गुरुवार शाम को तकरोही इलाके के चांदन गांव में कुछ युवकों ने पशुओं के शव निस्तारित करने वाली कंपनी के दो दलित कर्मचारियों को जमकर पीटा। दोनों ने भागकर जान बचाई। कंपनी के ठेकेदार ने शुक्रवार को नगर निगम में शिकायत करते हुए सुरक्षा न मिलने पर काम बंद करने की धमकी दी है।

क्या है मामला?

-मरने वाले पशुओं को शहर से बाहर निस्तारित करने का ठेका लखनऊ नगर निगम ने निजी एजेंसी को दिया है।

-एजेंसी के ठेकेदार इलियास के मुताबिक उनके कर्मचारी विद्यासागर और छोटे मायावती कॉलोनी और सूर्यनगर से दो मरी गायों की लाशें कुर्सी रोड स्थित जंगल की ओर ले जा रहे थे।

-चांदन गांव के 20 से ज्यादा युवकों ने उन पर हमला कर जमकर पिटाई की। गोकशी करने का आरोप लगाया।

-विद्यासागर और छोटे ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई।

डरे हुए हैं दोनों कर्मचारी

-सीतापुर के बिसवां के रहने वाले विद्यासागर के पिता भी पशुओं को ठिकाने लगाने का काम करते थे।

-विद्यासागर के मुताबिक ऐसा कई बार पहले भी हो चुका है।

-पीड़ित छोटे के मुताबिक गाय या भैंस की खाल निकालकर ही उनकी रोजी चलती है।

-दोनों हर महीने 6 से 7 हजार रुपए ही कमा पाते हैं।

-विद्यासागर और छोटे के मुताबिक दूसरा काम मिल जाए तो इस काम को वे कतई नहीं करेंगे।

नगर निगम का क्या है कहना?

-नगर निगम के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरविंद कुमार राव ने कहा कि ये मामला सामने आया है।

-नगर आयुक्त के संज्ञान में मामला लाया गया है। ठेकेदार से लिखित शिकायत लेकर कार्रवाई की जा रही है।

-कर्मचारियों को परिचय पत्र भी जारी किए जा रहे हैं।

फोटोः पीटा गया दलित विद्यासागर

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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