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आकाशीय बिजली गिरने से पहले सावधान करेगा ये ऍप, ऐसे और अभी करें डाउनलोड

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के मौसम वैज्ञानिकों ने आमजन से अपने एंड्रॉयड मोबाइल फोन में आकाशीय बिजली....

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Published on: 3 July 2020 4:43 AM GMT
आकाशीय बिजली गिरने से पहले सावधान करेगा ये ऍप, ऐसे और अभी करें डाउनलोड
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अयोध्या: आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के मौसम वैज्ञानिकों ने आमजन से अपने एंड्रॉयड मोबाइल फोन में आकाशीय बिजली गिरने से पूर्व चेतावनी देने वाले दामिनी एप को डाउनलोड करने का आग्रह किया है।

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आकाशीय बिजली गिरने से अभी हाल में पड़ोस के जनपद अम्बेडकर नगर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश व बिहार में अनेकों लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इस आकाशीय विपत्ति से लोगों को सचेत करने के लिए तथा वज्रपात जैसी घटनाओं की पूर्वानुमान से लोगों को सचेत करने की दृष्टि से इंडियन इंस्टीट्यूट आप ट्रॉपिकल मौसम विज्ञान पुणे जो पृथ्वी मंत्रालय के अधीन कार्यकरता है, द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में 48 सेंसर के साथ एक लाइटिंग लोकेशन नेटवर्क स्थापित किया गया है।

बज्रपथ के बारे में सटीक जानकारी

यह नेटवर्क बिजली के लाइटिंग व बज्रपथ के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करता है। इस कार्यक्रम को और अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए और ज्यादा सेंसर लगाने पर अभी भी कार्य किया जा रहा है। इसी पूरानुमान उपायों व तकनीकियों के साथ आई आई टी एम ने एक वैज्ञानिक एप दामिनी विकसित किया है।

यह एप लाइटनिंग हमलों की सटीक जानकारी के साथ बज्रपात की घटनाओं का 40 किमी की परिधि तक सटीक अनुमान देने में सक्षम है। दामिनी एप विशेषरूप से आकाशीय विद्युत की गतिविधियों के विषय में अग्रिम जानकारी दे सकता है।

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पूर्वानुमान व सटीक जानकारी

विगत दिनों आकाशीय बिजली गिरने से होने वाली मौत की घटनाओं के दृष्टिगत आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉक्टर सीताराम मिश्र व उनकी टीम को निर्देशित किया कि अब जब पूर्वानुमान व सटीक जानकारी देने वाली दामिनी एप का विकास हो चुका है तो इस विषय में आमजन को तेजी से अवगत कराया जाय जिससे लोग स्वयं व अन्य सम्बन्धियों को आकाशीय बिजली व बज्रपात की घटना की संभावना बता कर खुले आसमान के नीचे बर्षा के दौरान जाने से रोक सकें।

डॉ. सीताराम मिश्र ने बताया कि बज्रपात से देश में प्रतिवर्ष दो हजार से ढाई हजार लोगों की असमायिक मृत्यु होती है वहीं बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसून के दौरान बज्राघात से लगभग 110 लोगों की मृत्यु इस वर्ष हो चुकी है। किसान भाई समेत आमजन दामिनी एप को गूगल प्ले स्टोर पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं तथा अपनी लोकेशन अपडेट कर अपने निकट होने वाली ऐसी घटनाओं से सुरक्षित हो सकते हैं।

रिपोर्ट: नाथ बख्श सिंह

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