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दरगाह शरीफ पर गाजे बाजे के साथ आईं 400 से अधिक बरातें, उमड़ा आस्था का सैलाब

सैयद सालार मसऊद गाजी की दरगाह पर रविवार को मुख्य मेले के अवसर पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। विभिन्न प्रांतों व जिलों से करीब दस लाख जायरीन दरगाह पहुंचे।

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Published on: 15 May 2017 4:41 AM GMT
दरगाह शरीफ पर गाजे बाजे के साथ आईं 400 से अधिक बरातें, उमड़ा आस्था का सैलाब
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बहराइच: सैयद सालार मसऊद गाजी की दरगाह पर रविवार को मुख्य मेले के अवसर पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। विभिन्न प्रांतों व जिलों से करीब दस लाख जायरीन दरगाह पहुंचे। ईशा की नमाज के बाद मुख्य मजार पर दुआ मांगी गई। इसके बाद बरातों के आने का शुरू हुआ सिलसिला पूरी रात जारी रहा। हजारों जायरीन ने दरगाह शरीफ पर पहुंचकर निशान व चादर चढ़ाकर मन्नत मांगी। चार सौ से अधिक बारातों ने देर रात से सोमवार सुबह तक मजार शरीफ पर हाजिरी लगाई।

मंजीरे की धुन पर नाचते-गाते बाराती गाजी की शान में कसीदे पढ़ रहे थे। इस दौरान हुई आतिशबाजी आकर्षण का केंंद्र रही। दरगाह शरीफ स्थित मुख्य मजार पर खुद्दामों ने देर शाम गुलाबजल, चंदन, केवड़े के साथ 101 घड़ों से मजार को स्नान कराया। मजार शरीफ को फूलों से दूल्हे की तरह सजाया गया। सेहरा भी रखा गया। दरगाह प्रबंध समिति व प्रशासनिक अमले ने मजार शरीफ पर खिदमत में चादर पेश की। देर रात मजार शरीफ का मुख्य नाल दरवाजा बारातों के आगमन के लिए खोल दिया गया। बराती जंजीरी गेट चूमते हुए दरगाह शरीफ में प्रवेश हुए।

नाचते-गाते बराती आस्था और श्रद्धा से लबरेज दिख रहे थे। देर शाम जियारत का शुरू हुआ सिलसिला पूरी रात जारी रहा। मजार पर माथा टेकने के लिए आस्था का सैलाब चारों ओर दिख रहा था। श्रद्धालु पलंग पीढ़ी, गागर व चादर के साथ भीड़ में गाजी की मजार पर पहुंचने के लिए कशमकश करते दिख रहे थे।हजारों की संख्या में निशान भी चढ़ाए गए। दरगाह प्रबंध समिति के अध्यक्ष शमशाद अहमद ने बताया कि बरातों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। नेपाल, आंध्र-प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य-प्रदेश, बिहार, उत्तरांचल, बंगाल, अहमदाबाद व उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से 400 से अधिक बारातें आईं हैं।

जौनपुर से घोड़े पर बरात लाई गई। जबकि मुंबई से किन्नरों की तीन बरातें आईं। बारातों के आने का सिलसिला सुबह तक जारी रहा। जायरीनों ने अपनी बरात के साथ लाए गए दहेज का सामान, पलंगपीढ़ी, फल-फूल, मेवा, गहने व कपड़े चढ़ाया। बरात की अगुवाई के लिए नाल दरवाजे पर दरगाह प्रबंध समिति के पदाधिकारी व सदस्यों, प्रशासनिक अधिकारियों व नगर के संभ्रांत लोग पूरी रात मौजूद रहे।

देर रात तक होती रही आतिशबाजी

दरगाह शरीफ में बरातियों के साथ ही आतिशबाजी का दौर भी चला। देर रात तक बाराबंकी और बनारस के आतिशबाज मुख्य मेले की खुशी में आतिशबाजी करते रहे। इसके चलते मेला परिसर में आसमान पर रंग-बिरंगी हवाइयां और फुलझड़ियां फूटती रहीं।

सोमवार सुबह 9 बजे आईं बारातें: दरगाह प्रबंध समिति के अध्यक्ष शमशाद अहमद ने बताया कि देर शाम शुरू हुआ बरातों के आने का सिलसिला सोमवार सुबह 9 बजे तक जारी रहा। इस दौरान पूरे समय मजार शरीफ का फाटक बारातियों व श्रद्धालुओं के लिए खुला रहेगा।

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