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सड़क भटक रही महिला को थाने लेकर पहुंचा दारोगा, ऐसे की सेवा कि हर तरफ हो रही तारीफ
पुलिस की बर्बरता का घृणित चेहरा अक्सर हमारे सामने आता रहता है जिसे देखकर हम सभी के दिगाम में खाकी को लेकर तरह-तरह की धारणाएं बनती हैं। फिर मित्र पुलिस तिरस्कार की निगाह से देखी जाने लगती है। हालांकि सभी एक तर नहीं होते।
सुल्तानपुर: पुलिस की बर्बरता का घृणित चेहरा अक्सर हमारे सामने आता रहता है जिसे देखकर हम सभी के दिगाम में खाकी को लेकर तरह-तरह की धारणाएं बनती हैं। फिर मित्र पुलिस तिरस्कार की निगाह से देखी जाने लगती है। हालांकि सभी एक तर नहीं होते। इन लोगों में वे भी होते हैं जो समाज के प्रति वचनबद्ध रहते हैं। इन्हीं में एक नाम जुड़ा है एसआई मोहम्मद अरशद का।
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दरअसल जिले के दोस्तपुर थाने में तैनात एसआई मोहम्मद अरशद ड्यूटी पर थे। उसी समय इलाके में कई दिनों से भटकर रही एक वृद्ध महिला पर उनकी निगाह पड़ गई। मानवता वर्ष एसआई ने पूछा मां कुछ खाया, इस पर भूख से बिलख रही वृद्ध महिला ने सिर हिलाकर कहा नहीं। जिस पर आनन-फानन में मोहम्मद अरशद उसे थाने लेकर आए। यहां उन्होंने महिला को खाना खाने के लिए दिया, कुछ कपड़े दिए। इसके बाद वो बूढ़ी महिला को शहर के पयागीपुर स्थित आनंद वृद्धा आश्रम लेकर आए और यहां ये कहते हुए उसकी इंट्री करवाई कि "मां का ख्याल रखना।"
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इस बाबत एसआई से जब पूछा गया आखिर महिला तो कई दिन से सड़क पर भटक रही थी और मदद के लिए कोई नहीं आया तो आपके दिमाग में यह ख्याल कैसे आया। उन्होंने जवाब में कहा कि मैंने वृद्ध महिला की जाति-धर्म नहीं देखा, मेरा सबसे बड़ा धर्म भूखे को खाना खिलाना और भटके हुए को सहारा देना है मैने बस वही धर्म निभाया है।