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दारुल उलूम की हिलाल कमेटी का निर्णय, २२ अगस्त को मनाया जाए ईदुलजुहा

sudhanshu
Published on: 13 Aug 2018 5:56 PM IST
दारुल उलूम की हिलाल कमेटी का निर्णय, २२ अगस्त को मनाया जाए ईदुलजुहा
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सहारनपुर: पवित्र माह रमजान व ईदुल फितर की तरह ईदुल जुहा के चांद को लेकर उत्पन्न हुई विरोधाभास की स्थति को समाप्त करते हुए विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद की रुयते हिलाल कमेटी ने रविवार को चांद होने की पुष्टि कर दी है। जिसके तहत अब आगामी २२ अगस्त को ईदुल जुहा का त्यौहार मनाया जाएगा। हालांकि दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम अभी भी २३ अगस्त को ईदुलजुहा मनाए जाने के अपने फैसले पर अड़े हुए हैं।

अरबी कैलेंडर के बारहवें माह की दस तारीख को होता है त्‍योहार

अरबी कैलेंडर के बारहवें महीने 'जिलहज्ज की दस तारीख को ईदुलजुहा का त्यौहार मनाया जाता है। रविवार को देश के विभिन्न हिस्सों में जिलहज्ज का चांद देखने के लिए लोगों की निगाहें आसमान पर टिकी हुई थीं। लेकिन आसमान में कहीं बादल तो कहीं बारिश होने के चलते देश के बड़े हिस्से में लोग चांद नहीं देख सके। जिस कारण पवित्र माह रमजान व ईदुल फितर की तरह ईदुलजहां के चांद को लेकर भी विरोधाभास की स्थिति पैदा हो गई थी। दिल्ली जामा मस्जिद की हिलाल कमेटी की ओर से शाही इमाम अहमद बुखारी द्वारा रविवार को जिलहिज्जा का चांद न दिखने की घोषणा करते हुए 23 अगस्‍त को ईदुलजुहा का त्यौहार मनाने का फैसला सुना दिया गया था। लेकिन इसके बावजूद देश में रहने वाले सभी लोगों की निगाहें दारुल उलूम देवबंद की रुयते हिलाल कमेटी के फैसले पर टिकी हुई थीं। रविवार की शाम दारुल उलूम के अतिथिगृह में शुरू हुई रुयते हिलाल कमेटी की मीटिंग देर रात तक चली लेकिन चांद दिखाई देने को लेकर भारी विरोधाभास के चलते कोई नतीजा नहीं निकल सका। जिसके चलते कमेटी के जिम्मेदारों ने सोमवार की सुबह अंतिम फैसला सुनाने की बात कही। और देर रात तक कमेटी से जुड़े लोग देश के विभिन्न हिस्सों में उलेमा से फोन पर सम्पर्क करते रहे। सोमवार की सुबह अतिथिगृह में एक बार फिर मीटिंग का आयोजन हुआ और कमेटी ने गुजरात, महाराष्ट समेत अन्य स्थानों पर चांद देखे जाने की उलेमा की गवाही की बुनियाद पर रविवार को जिलहज्ज का चांद होने की घोषणा करते हुए अगस्त माह की २२ तारीख को ईदुलजुहा का त्यौहार मनाए जाने का फैसला सुनाया है।

दिल्‍ली के शाही इमाम अपने फैसले पर अड़े

बता दें कि दारुल उलूम देवबंद के अलावा, जमीयत उलेमा ए हिंद, हिलाल कमेटी फुलवारी शरीफ बिहार, हिलाल कमेटी अहले हदीस समेत देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय ज्यादातर हिलाल कमेटी रविवार को चांद दिखाई देने व २२ अगस्त को इदुलजुहा का त्यौहार मनाए जाने के फैसले पर मुत्तफिक हैं। लेकिन दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम अभी भी रविवार को जिलहज्ज का चांद दिखाई न देने और ईदुलजुहा का त्यौहार २३ अगस्त को मनाने के अपने फैसले पर अड़े हुए हैं। जिसके चलते मुसलमान अभी भी पसोपेश में है।

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