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Mukhtar Ansari: बांदा जेल में बंद मुख्तार से मिलने पहुंची बहू निखत, पोते को देख बोला माफिया – ‘मैं बदनसीब दादा हूं’
Mukhtar Ansari: मुख्तार का परिवार लभगग छिन्न-भिन्न हो चुका है। एक बेटा जेल में तो दूसरा फरारी काट रहा है। पत्नी भी फरार चल रही है।
Mukhtar Ansari: पूर्वांचल का कुख्यात माफिया और बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी लंबे समय से सलाखों के पीछे है। योगी सरकार आने के बाद से जेल में उसके ऐश के दिन लद गए और अतीत में उसके द्वारा किए गए गुनाहों का फैसला अदालतें करने में जुटी हुई हैं। मुख्तार का परिवार लभगग छिन्न-भिन्न हो चुका है। एक बेटा जेल में तो दूसरा फरारी काट रहा है। पत्नी भी फरार चल रही है।
बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी से उनकी बहू निखत अपने बेटे के साथ मिलने पहुंची। मुख्तार ने अपने पोते को देखते ही उसे गले से लगा लिया और भावुक होते हुए कहा मैं बदनसीब दादा हूं, खुशियों के बदले परिवार को तकलीफ दे रहा हूं। दोनों के बीच ये मुलाकात सोमवार को हुई। मुलाकात के बाद निखत वापस लौट आईं।
बांदा जेल अधीक्षक ने मुलाकात की पुष्टि करते हुए कहा कि सोमवार को विधायक अब्बास अंसारी की बीवी निखत बानो को उसके बच्चे के साथ माफिया मुख्तार अंसारी से मिलवाया गया। दोनों की मुलाकत जेल मैनुअल के हिसाब से कराई गई। मुलाकात की निगरानी सीसीटीवी कैमरे से की जा रही थी। जेल में उस दौरान अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
मुख्तार ने बहू निखत को दिया ये भरोसा
माफिया मुख्तार अंसारी की बहू निखत से मुलाकात करीब एक घंटे तक चली। इस दौरान ज्यादातर समय मुख्तार अपने पोते को सीने से लगाकर प्यार करता रहा। उसने कहा कि मैं बदनसीब दादा हूं, खुशियों के बदले परिवार को तकलीफ दे रहा हूं। इसके बाद उसने बहू निखत से कहा कि समय आने पर सब ठीक हो जाएगा। हो सकता है अल्लाह को यही पसंद रहा होगा।
11 अगस्त को निखत को मिली थी जमानत
निखत बानो मुख्तार अंसारी का बेटा और मऊ से सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब्बास जब चित्रकूट जेल में बंद था तो निखत बराबर उससे मिलने जाया करती थीं। निखत ने अपने पति की मदद से जेल के अंदर सबकुछ मैनेज कर रखा था। जेल मैनुअल की जमकर धज्जियां उड़ाई गई थीं। इस बात की जानकारी जब वरीय अधिकारी को मिली तो इस साल फरवरी में अचानक उन्होंने जेल में छापा मारा और निखत को रंगे हाथों अब्बास के साथ पकड़ लिया था।
निखत पर गवाहों को धमकाने, अपने पति के लिए जेल में सुविधाएं उपलब्ध कराने और जेल स्टाफ को रिश्वत देने का मामला दर्ज किया गया और उसे उसी चित्रकूट जेल में बंद कर दिया गया। निखत के पास से पुलिस को विदेशी मुद्रा, कई मोबाइल फोन और अन्य चीजें भी मिली थीं। 29 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जिसके खिलाफ निखत सुप्रीम कोर्ट पहुंची, जहां 11 अगस्त को मानवीय आधार पर उसे जमानत दे दी गई। वहीं, निखत का पति अब्बास अंसारी को चित्रकूट से कासगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया, जहां वो अभी भी बंद है।