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बेटियों ने दिया चिता को कंधा-मुखाग्नि, कहा-पापा की थी यही अंतिम इच्छा
कानपुरः आंखों में आंसू दिल में पिता के खोने का गम लेकर दोनों बेटियों ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। बेटियों ने कहा कि पिता ने कभी बेटी होने का एहसास नहीं होने दिया। दोनों बेटियों पिता की अर्थी को कंधा देते हुए गोविंद नगर स्वर्ग आश्रम पहुंचीं और पूरे रीती रिवाज के साथ पिता की चिता को अग्नि दी।
क्या है मामला
-गोविंद नगर निवासी बलराम मल्होत्रा की फैमिली में पत्नी मीना और दो बेटियां हैं।
-उनका ग्रील का कारोबार था।
-वह कई साल से अस्थमा की बीमारी से पीड़ित थे।
-उनकी शनिवार की सुबह मौत हो गई।
-उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनकी चिता को आग बेटियां दें।
-छोटी बेटी स्वाति की शादी दीपक चोपड़ा से हुई थी।
-स्वाति बर्रा ब्रांच के डीपीएस स्कूल में पढ़ाती हैं और स्पोर्ट्स टीचर हैं।
-बड़ी बेटी मीनाक्षी सेकरी की शादी सुनील से हुई है और वह हॉउस वाईफ हैं।
स्वाति ने क्या कहा?
-हमारे समाज में बेटियों से ज्यादा बेटों को महत्व दिया जाता है।
-घर में कई बेटियों ने जन्म ले लिया तो वह प्रताड़ित करना शुरू कर देते हैं।
-लेकिन लोगों को इस सोच से उबरने की जरूरत है।
-अब जमाना बदल गया है, बेटियां किसी से कम नहीं हैं।
-पिता को मुखाग्नि देकर समाज को संदेश देना चाहती हूं कि बेटियों को कमजोर न समझें।
-वह भी समाज में पुरुषों से कंधे से कंधा मिला कर चल सकती हैं।
मीनाक्षी ने क्या कहा?
-जितना गम पिता के खोने का है उतनी ही खुशी उनको मुखाग्नी देकर हुई है।
-पिता की देख भाल में हमने कोई कमी नहीं की थी।
-हमारे समाज को इससे सीख लेने की जरूरत है।
-वह बेटियों को खूब पढायें लिखायें और आसमान की बुलंदियों को छूने की प्रेरणा दें।
-बेटियों से आंगन खुशियों से भर जाता है।
अंतिम संस्कार में आये लोगों ने भी दोनों बेटियों की जमकर तारीफ की। प्रभु चड्डा ने कहा कि बेटियों के हाथों अंतिम संस्कार बहुत कम देखने को मिलता है जबकि वास्तविकता यही है कि बेटियों ने चिता दी है तो उन्हें स्वर्ग ही मिलेगा।