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दुष्कर्म मामलों में यूपी पुलिस की मोटी हुई खाल, महिला अत्याचारों पर नहीं खौलता खून

शाहजहांपुर दुष्कर्म कांड से लेकर उन्नाव के माखी कांड और हाथरस कांड में यूपी पुलिस ने पीड़िता के चरित्र पर ही लांछन लगाकर अपराध की तीव्रता को कम करने की कवायद की है।

Roshni Khan
Published on: 6 Jan 2021 7:31 AM GMT
दुष्कर्म मामलों में यूपी पुलिस की मोटी हुई खाल, महिला अत्याचारों पर नहीं खौलता खून
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दुष्कर्म मामलों में यूपी पुलिस की मोटी हुई खाल, महिला अत्याचारों पर नहीं खौलता खून (PC: social media)

अखिलेश तिवारी

लखनऊ: यूपी पुलिस का महिला अत्याचार और दुष्कर्म मामलों को लेकर रुख हमेशा सर्द दिखाई दिया है। बच्चियों और महिलाओं के साथ हो रहे घिनौने और अमानवीय अत्याचार मामलों में भी पुलिस का रवैया हमेशा उदासीनता से भरा रहा है। हाथरस , बलरामपुर, उन्नाव समेत शाहजहांपुर कांड में पुलिस का रवैया पीडि़ता को इंसाफ दिलाने के बजाय लीपापोती का रहा है। यही वजह है कि यूपी में महिला अत्याचार के जघन्य मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

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शाहजहांपुर दुष्कर्म कांड से लेकर उन्नाव के माखी कांड और हाथरस कांड में यूपी पुलिस ने पीड़िता के चरित्र पर ही लांछन लगाकर अपराध की तीव्रता को कम करने की कवायद की है। बलरामपुर कांड में भी पुलिस ने आरोपितों को जेल भेजने से पहले पीड़िता का आधी रात में शवदाह कराने पर जोर बना रहा। ऐसे में बदायूं का ताजा हैवानियत मामला भी यूपी पुलिस की कार्यशैली के अनुसार ही है। इस मामले में भी खुलासा हो चुका है कि उघैती के थानेदार राघवेंद्र प्रताप सिंह ने फरियादी की बात नहीं सुनी। वह घटनास्थल पर भी नहीं पहुंचे। महिला की मौत के बाद जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई तो हैवानियत का भांडा फूटा।

पांच दिन पहले रायबरेली में भी एक महिला के साथ दुष्कर्म हुआ

पांच दिन पहले रायबरेली में भी एक महिला के साथ दुष्कर्म हुआ। जब वह मामले की रिपोर्ट करने के लिए थाने पर पहुंची तो उसे सीमा क्षेत्र का हवाला देकर भेज दिया गया। बाद में उसकी रिपोर्ट अपने निवास क्षेत्र के थाने में दर्ज हो सकी है। हाथरस कांड में पुलिस ने पीड़िता का चरित्रहनन करने से लेकर उसके साथ दुष्कर्म नहीं होने का दावा किया था। अब सीबीआई जांच में यूपी पुलिस के झूठे दावे की पोल खुल चुकी है।

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दिसंबर महीने के प्रमुख दुष्कर्म मामले

उत्तर प्रदेश में लगातार महिलाओं के साथ दुष्कर्म की वारदात में इजाफा हो रहा है। ऐसे मामलों में यूपी पुलिस की कोशिश पीड़िता को इंसाफ दिलाने के बजाय लीपापोती की रही है। कई मामलों में तो दुष्कर्म आरोप को भी राजनीतिक साजिश बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की गई है।

11 दिसंबर मुजफ्फरनगर में सात साल की बच्ची से गैंगरेप

15 दिसंबर फिरोजाबाद में दस साल की बच्ची से रेप

24 दिसंबर शाहजहांपुर थाने में शिकायत लेकर पहुंची महिला से दारोगा समेत पांच ने किया दुष्कर्म

28 दिसंबर बलिया में नाबालिग को अगवा कर दुष्कर्म

31 दिसंबर रायबरेली में विधवा से दुष्कर्म

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