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नवरात्रि के पहले दिन परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने ग्रहण किया विभाग का चार्ज
सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन्हें परिवहन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है।
Dayashankar Singh: बलिया सदर सीट से सपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री नारद राय को 26000 से ज्यादा वोटों से हराकर पहली बार विधायक बने दयाशंकर सिंह को योगी कैबिनेट में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें परिवहन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है. दयाशंकर सिंह ने आज विधान भवन में अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया. नवरात्र के पहले दिन दया शंकर सिंह अपने कार्यालय पहुंचे.
वहां मौजूद पंडितों द्वारा विधि विधान से पूजा कराया गया. माता की आराधना के बाद दया शंकर सिंह ने अपना कार्यभार ग्रहण किया. इसके बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा उनका स्वागत किया गया. चार्ज संभालते ही दयाशंकर सिंह अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं.
सीएम योगी ने उन्हें परिवहन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी
बता दें दया शंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह योगी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थीं. इस बार पति-पत्नी दोनों सरोजनी नगर सीट से अपनी दावेदारी कर रहे थे. जिसके बाद स्वाति सिंह का टिकट कटा और दयाशंकर सिंह को बलिया सदर सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया. दयाशंकर यहां सपा के कद्दावर नेता नारद राय को हराकर विधायक बने और अब उन्हें सीएम योगी ने परिवहन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है. दयाशंकर सिंह का बीजेपी संगठन में कार्य करने का लंबा अनुभव रहा है. इस वजह से उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. चुनाव से पहले दयाशंकर सिंह को जॉइनिंग कमेटी का सदस्य भी बनाया गया था. जिन बहरी नेताओं की जॉइनिंग होती थी दयाशंकर सिंह और जॉइनिंग कमेटी के दूसरे सदस्य मौजूद हुआ करते थे. दयाशंकर सिंह ज्यादातर लोगों का स्वागत करते थे अब वह परिवहन विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे.
बिहार के रहने वाले हैं दयाशंकर सिंह
दयाशंकर सिंह मूल रूप से बिहार के बक्सर के रहने वाले हैं। उनकी पढ़ाई-लिखाई और शुरुआती राजनीति बलिया की ही रही है। 27 जून 1972 को जन्मे दयाशंकर सिंह ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरूआत छात्र राजनीति से की थी। लखनऊ विश्वविद्यालय में अपने कॉलेज के दिनों के दौरान वे एबीवीपी के सदस्य थे।
1997 से 1998 तक दयाशंकर लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव रहे। वहीं 1998 से 1999 तक अध्यक्ष। दयाशंकर पूर्व सीएमएम कल्याण सिंह के खास थे। 2000 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा उत्तर प्रदेश का सचिव बनाया गया। इसके बाद भाजयुमो में कई पदों पर रहने के बाद 2007 में दयाशंकर को भाजयुमो उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बना दिया गया।