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DCM ब्रजेश पाठक का मरीज़ों से सीधा कम्युनिकेशन: 33 दिन में लिया 330 मरीजों का हाल, सुझावों पर करते हैं अमल

DCM ब्रजेश पाठक का मरीज़ों से सीधा कम्युनिकेशन: उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जब मरीजों से स्वास्थ्य आपका संकल्प सरकार का अभियान के तहत फोन पर बात की।

Shashwat Mishra
Published on: 25 July 2022 6:30 PM IST
UP hospitals Deputy CM Brajesh Pathak warning
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उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक: Photo- Social Media

Lucknow: किसी ने मुफ्त इलाज मिलने की बात कही तो किसी ने डॉक्टर-कर्मचारियों के बरताव में एकदम से बदलाव की जानकारी दी। इमरजेंसी सेवाओं (medical emergency services) की व्यवस्था में भी सुधार की बात मरीजों ने खुद की। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) ने जब मरीजों से स्वास्थ्य आपका संकल्प सरकार अभियान के तहत फोन पर बात की। तो तमाम मरीजों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार की बात कही। कुछ मरीजों ने दवा व ओपीडी पर्चा काउंटर की दुश्वारियों को उजागर किया। संबंधित अस्पताल के अधिकारियों को जरूरत व स्थान की उपलब्धता के आधार पर दवा व पर्चा काउंटर बढ़ाने के निर्देश दिए। भर्ती मरीजों के इलाज में कोई कसर न छोड़ने की हिदायत दी।

ये है अभियान

22 जून को स्वास्थ्य आपका, संकल्प सरकार का अभियान की शुरुआत उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने की थी। अभियान के तहत वह खुद रोज पांच जिलों के 10 मरीजों से फोन पर बात कर रहे हैं। मरीजों की शिकायत और सुझाव को सुन रहे हैं। यह मरीज अस्पताल में भर्ती व ओपीडी में आने वाले हैं। इसके लिए स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के अस्पतालों में भर्ती व ओपीडी मरीजों का रोज ब्यौरा खुद देख रहे हैं। मरीजों की संख्या से लेकर उपलब्ध सेवाओं की समीक्षा कर रहे हैं। इसी कड़ी में वह मरीजों से बात कर रहे हैं। उनकी सेहत व अस्पताल में इलाज के दौरान आने वाली दुश्वारियों के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं। ताकि समस्याओं को समय पर दूर किया जा सके।

समय पर ओपीडी में बैठे, नियमित राउंड ले डॉक्टर

करीब 33 दिन में 330 से अधिक मरीजों से उप मुख्यमंत्री ने संवाद किया। इसमें बलिया, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, बांदा, कानपुर, लखनऊ, रायबरेली, हापुड, चंदौली, बाराबंकी, मेरठ, बस्ती, गोरखपुर, बलिया, हाथरस, कन्नौज समेत लगभग सभी जिलों में मरीजों से फोन पर बात की। अधिकांश मरीजों ने समुचित निशुल्क इलाज मिलने की बात कही। डॉक्टर-कर्मचारियों के समय पर ओपीडी में बैठने व नियमित राउंड की बात भी मरीजों ने बताई। डॉक्टरों का मरीजों के प्रति व्यवहार भी ठीक मिला।

दवा व पर्चा काउंटर बढ़ाए जाएं

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि करीब आठ ज़िलों से मरीजों ने दवएं मिलने में दिक्कत बताई। मरीजों की कतार लंबी होने से दवा मिलने में देरी की बात सामने आई। मरीजों की भीड़ के मद्देनजर दवा काउंटर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। पैथोलॉजी जांच के काउंटर भी स्थान व संसाधनों की उपलब्धता के हिसाब से बढ़ने के लिए कहा गया है। इसके अलावा पर्चा काउंटर पर मरीजों का दबाव अधिक है। मरीजों की भीड़ के मुकाबले काउंटर की कमी महसूस की गई। लिहाजा काउंटर बढ़ाने के निर्देश सभी अस्पताल के सीएमएच और अधीक्षक को जारी किए गए हैं।

इमरजेंसी में मरीज भर्ती किए जाएं

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि सामुदायिक व प्राथमक स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरत के हिसाब से मरीजों की भर्ती के निर्देश दिए गए हैं। अभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की इमरजेंसी में मरीज तो खूब आ रहे हैं। लेकिन ज्यादातर मरीजों को बड़े अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है। इससे बड़े अस्पतालों में मरीजों का दबाव बढ़ रहा है। बड़े अस्पतालों में मरीजों का दबाव कम करने के लिए सामुदायिक व प्राथमिक अस्पतालों में मरीजों की भर्ती बढ़ाई जाए। इसके लिए जरूरी संसाधन भी बढ़ाए जाएं। इमरजेंसी दवाएं भी पर्याप्त मात्रा में जुटाई जाएं।

अभियान का बढ़ सकता है दायरा

"स्वास्थ्य आपका संकल्प सरकार का" अभियान (Swasthya Apka Sankalp Hamara) का दायरा बढ़ेगा। मरीजों की सुविधाओं और स्वस्थ्य व्यवस्था में सुधार के मद्देनजर राज्य सरकार इस अभियान को विस्तृत रूप देने पर विचार कर रही है। स्वास्थ्य महकमे में इसको लेकर हलचल शुरू हो है। जानकारों के मुताबिक उप मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप अभियान के जरिए अधिकतम मरीजों तक पहुंचने कर फीड बैक जानने की कोशिश होगी। सरकार व स्वस्थ्य विभाग की तरफ से मिल रही सुविधाओं और सेवाओं की सच्चाई परखी जाएं। मरीजों की सलाह भी लें। ताकि इस पायलट प्रोजेक्ट का आकार बढ़ाया जा सके। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अभियान के आकार का ब्लू प्रिंट तैयार करने में जुटे हैं।

इन पर है सरकार का फोकस

-मरीजों की संख्या के मुताबिक दवा काउंटर हों।

-पर्चा काउंटर बढ़ाए जाएं।

-पीने का साफ व ठंडा पानी मिले।

-अस्पतालों में नियमित साफ-सफाई हो

-नियमित बेड सीट बदली जाए

-डॉक्टर समय पर ओपीडी में बैठे

-रोज भर्ती मरीजों की सेहत का हाल लें

-जांच की तारीख के बजाए तुरंत जांच हो

-डेंगू मरीज मच्छरदानी में भर्ती किए जाएं

-अस्पतालों में नियमित फागिंग हो।



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Shashi kant gautam

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