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लाशों से पटी गंगा: खुलेआम प्रयागराज में रेत पर दफन हो रहे शव, वीडियो में देखें कोरोनाकाल जैसे हाल

Prayagraj News : जनपद के फाफामऊ गंगा नदी के घाट पर हर दिन दर्जन भर से अधिक शवों को गंगा के प्रवाह क्षेत्र की रेती में दफन किया जा रहा है। प्रशासन पूरे मामले को लेकर अंजान बना हुआ है।

Syed Raza
Report Syed RazaPublished By Deepak Kumar
Published on: 19 May 2022 7:30 PM IST
Prayagraj News In Hindi
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प्रयागराज में एक बार फिर गंगा की रेत पर दफन।

Prayagraj News: जनपद के फाफामऊ गंगा नदी के घाट पर एनजीटी (NGT) के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। रोक के बावजूद यहां पर हर दिन दर्जन भर से अधिक शवों को गंगा के प्रवाह क्षेत्र की रेती में दफन किया जा रहा है। प्रशासन पूरे मामले को लेकर अंजान बना हुआ है। गंगा की रेत में लोग शवों को दफन कर रहें हैं, ऐसे में बारिश के दिनों में जब गंगा का जलस्तर बढ़ेगा तो दफन किए गए शव बाहर निकलेंगे, इससे जहां गंगा के प्रदूषित होने का खतरा बढ़ेगा तो वहीं संक्रामक बीमारियां भी तटीय इलाकों में रहने वालों के लिए मुसीबत का सबब बनेगी।

पुलिसकर्मियों से लेकर निगम कर्मियों की घाटों पर तैनाती

पिछले वर्ष कोविड के दौरान जब गंगा की रेती में शवों की बाढ़ देखने को मिली थी तो एनजीटी (NGT) के सख्ती के बाद प्रशासनिक अमला हरकत में आया और फाफामऊ (fafamau) से लेकर श्रृंगवेरपुर घाट (Shringverpur Ghat) पर पुलिसकर्मियों से लेकर निगम कर्मियों की घाटों पर तैनाती कर दी गई, जिसमें साफ तौर पर निर्देश था कि घाटों पर शवों को दफन नहीं किया जाएगा। बल्कि उनका दाह संस्कार किया जाएगा, नगर निगम की तरफ से पहल करते हुए बड़ी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार भी किया गया था। हालांकि इस बार कोविड का खतरा नहीं है, बावजूद इसके शव को बड़ी संख्या में गंगा की रेती में दफन किया जा रहा है। जिससे गंगा के प्रदूषित होने से लेकर संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है। इतना ही नहीं गंगा के तटों पर शवों के दफन करने को लेकर एनजीटी का भी साफ निर्देश है कि किसी भी तरीके से शव को दफन ना किया जाए। जिससे गंगा को प्रदूषित होने से बचाया जा सके।

गंगा के घाटों पर शवों को दफन करने की वर्षो पुरानी परंपरा: डीएम

गंगा की रेती में शवों को दफनाने से रोकने को लेकर जिला प्रशासन दावे जरूर कर रहा है। लेकिन प्रयागराज के फाफामऊ (fafamau) गंगा के घाटों की सच्चाई बिल्कुल अलग है। जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री (District Magistrate Sanjay Kumar Khatri) का कहना है कि पिछले साल भी इस तरीके की समस्या का सामना करना पड़ा था। हालांकि उनका यह भी कहना है कि यहां पर गंगा के घाटों पर शवों को दफन करने की वर्षो पुरानी परंपरा है।

बड़ी संख्या में गंगा की रेती में शवों को दफन करते हैं लोग

इस लिहाज से लोग बड़ी संख्या में गंगा की रेती में शवों को दफन करते हैं। लेकिन इसको रोकने के लिए जिला प्रशासन एक विकल्प तैयार कर रहा है, जिसमें फाफामऊ इलाके में दाह संस्कार ग्रह बनाया जा सके। इसके लिए रेलवे की जमीन का भी चिन्हीकरण किया जा चुका है। कोशिश है कि जल्द ही अंतिम संस्कार गृह बनाया जाए, जिससे लोगों को घाटों पर शवों को दफन करने से रोका जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि इसके लिए लोगों को जागरूक करने की भी जरूरत है।



Deepak Kumar

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