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डेड लाइन ख़त्म, लेकिन डीआईओएस ऑफिस नहीं पहुंचे कक्ष निरीक्षकों के कार्ड

जब 26 फरवरी तक किसी भी कॉलेज ने विभाग को सूचना उपलब्ध नहीं करवाई तो इस तिथि को बढाकर 4 मार्च कर दिया गया। लेकिन डेडलाइन ख़त्म हो जाने के बाद भी राजधानी के 750 में से सिर्फ 150 कॉलेजों द्वारा सूचना देना चिंताजनक स्थिति है।

zafar
Published on: 4 March 2017 8:03 PM IST
डेड लाइन ख़त्म, लेकिन डीआईओएस ऑफिस नहीं पहुंचे कक्ष निरीक्षकों के कार्ड
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डेड लाइन ख़त्म, लेकिन डीआईओएस ऑफिस नहीं पहुंचे कक्ष निरीक्षकों के कार्ड

SUDHANSHU SAXENA

लखनऊ: यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 16 मार्च से प्रस्तावित हैं। लेकिन अभी तक राजधानी के 150 परीक्षा केंद्रों पर कक्ष निरीक्षकों की तैनाती नहीं हो सकी है। विभागीय कर्मचारियों से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी के 150 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 5000 कक्ष निरीक्षकों की तैनाती होनी है।

इसके लिए राजधानी के 750 कॉलेजों को निर्धारित प्राइज़ के 6 बिंदुओं पर अध्यापकों का विवरण भरकर काउंटर साइन के लिए आईडी कार्ड डीआईओएस कार्यालय में जमा करवाने थे। लेकिन अभी तक सिर्फ 150 कॉलेजों ने अपना ब्यौरा विभाग को उपलब्ध करवाया है। ऐसे में बोर्ड परीक्षा से पहले कक्ष निरीक्षकों की तैनाती करना बडी चुनौती है।

आगे स्लाइड में जानिये क्यों बढ़ी थी डेडलाइन...

26 फरवरी से बढ़कर 4 मार्च हुई थी डेडलाइन

बोर्ड परीक्षा के लिए कक्ष निरीक्षकों की तैनाती के लिए निर्धारित प्रारूप पर 6 बिंदुओं में सूचना मांगी गयी थी। ये प्रारूप भरकर कॉलेजों को 26 फरवरी तक डीआईओएस कार्यालय में जमा करवाने थे। लेकिन जब 26 फरवरी तक किसी भी कॉलेज ने विभाग को सूचना उपलब्ध नहीं करवाई तो इस तिथि को बढाकर 4 मार्च कर दिया गया। लेकिन डेडलाइन ख़त्म हो जाने के बाद भी राजधानी के 750 में से सिर्फ 150 कॉलेजों द्वारा सूचना देना चिंताजनक स्थिति है। इसका सीधा असर बोर्ड परीक्षाओं की शुचिता पर पड़ने की सम्भावना है।

दो दिन बाद बंटेगी कोडेड आंसर बुकलेट

माध्यमिक परिषद की बोर्ड परीक्षाओं के लिए दो दिन बाद से कोडेड आंसर बुकलेट विभाग द्वारा बांटना शुरू कर दिया जायेगा। इस कोडेड आंसर बुकलेट का प्रयोग नकलविहीन परीक्षा कराने के उद्देश्य से किया जा रहा है।ये सारी बुकलेट निशातगंज राजकीय इंटर कालेज पर बने केंद्र से सभी केंद्र अधीक्षकों को सौंपी जानी है।

परिषद् द्वारा एलिजिबल शिक्षक बनेंगे निरिक्षक

डीआईओएस उमेश त्रिपाठी ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की गाइड लाइन के मुताबिक अर्ह शिक्षक ही परीक्षा केंद्रों पर बतौर निरीक्षक तैनात किऐ जाएंगे। बोनाफाइड शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक बनाने के पीछे विभाग की मंशा जहां एक ओऱ फर्ज़ी कक्ष निरीक्षकों पर लगाम लगाकर परीक्षा की शुचिता बनाये रखना है, वहीं दूसरी ओऱ मानदेय वितरण में आने वाली समस्याओं से निजात पाना भी है।

आगे स्लाइड में जानिये क्या है 2017 का फॉर्मेट...

​​2017 का ये है फॉर्मेट

डीआईओएस उमेश त्रिपाठी ने बताया कि इस बार वर्ष 2017 में कक्ष निरीक्षकों को जिस आई कार्ड का वितरण किया जाएगा उसमें 6 बिन्दुओं को शामिल किया गया है। इसमें राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त और वित्त विहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का 6 बिन्दुओं पर ब्यौरा मांगा गया है। इसमें शिक्षक का नाम, पदनाम, पिता का नाम, विद्यालय का नाम, विद्यालय में नियुक्ति की तिथि, शैक्षिक योग्यता का स्पष्ट विवरण ​जिसमें ग्रेजुएशन और पोस्‍ट ग्रेजुएशन के विषय के साथ शिक्षक द्वारा वर्तमान में पढ़ाये जा रहे ​सब्‍जेक्‍ट की डिटेल शामिल होगी।

परिचय पत्र पर विद्यालय के ​प्रधानाचार्य द्वारा सत्यापित शिक्षक की फोटो भी होगी। परिचय पत्र को शिक्षक और प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर और मोहर के साथ डीआईओएस द्वारा​काउंटरसाइन करवाया जाएगा। इन परिचय पत्रों को डीआईओएस द्वारा ​काउंटरसाइन करवाने के लिए 26 फरवरी तक डीआईओएस कार्यालय में जमा किया जाना है। इसके बाद ही निरीक्षकों को ​वै​ध परिचय पत्र वितरित किये जाएंगे। इन परिचय पत्रों को निरीक्षक डयूटी के दौरान अपने साथ रखेंगे। यदि कोई व्यक्ति बिना इस आईडी कार्ड के ड्यूटी करता पाया गया तो उसके विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जायेगी।

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​​पिछले वर्षों में होती थी अनियमितता

माध्यमिक शिक्षक़ संघ के प्रादेशिक संरक्षक आरपी मिश्र ने बताया की बीते वर्षो में बोर्ड परीक्षाओं के दौरान घोर अनियमितता होती आई हैं। पिछले साल ही इन्दिरा नगर के सक्सेना इंटर कॉलेज में बक्शी का तालाब क्षेत्र के एक गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय के बच्चे परीक्षा देते पाये गए थे। इसमें कक्ष निरीक्षक समेत केंद्र अधीक्षक की भूमिका संदिग्ध पाई गयी थी। तत्कालीन जिलाधिकारी राजशेखर द्वारा इस मामले में एफआईआर के निर्देश भी दिए गए थे। इसके अलावा कई जगहों पर अवैध और गैर अर्ह कक्ष निरीक्षक परीक्षा क​रा​ते पाये गए थे। इसके बाद मानदेय वितरण को लेकर भी काफी खींचतान रही थी।

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5000 कक्ष निरीक्षक होंगे तैनात

डीआईओएस उमेश त्रिपाठी ने बताया कि इस बार राजधानी में 150 परीक्षा केंद्र बनाए गए है। इसमें 48 वित्तविहीन और शेष राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय सम्मलित हैं। इन केंद्रों पर 5000 कक्ष निरीक्षकों की तैनाती होनी है। ये कक्ष निरीक्षक राजधानी में पंजीकृत एक लाख 6 हज़ार बच्चों की परीक्षा कराएंगे। इनमें हाई स्कूल के 57,907 बच्चे शामिल हैं, जिनमें 29,615 बालक और 28,292 बालिकाएं हैं। इनके अलावा इंटरमीडिएट के 44,754 बच्चे भी शामिल हैं, जिनमें 21,503 बालक और 23,251 बालिकाएं शामिल रहेंगे।

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​हर 10 केंद्रों पर होगा एक सेक्‍टर मजिस्‍ट्रेट

डीआईओएस उमेश त्रिपाठी ने बताया कि मुख्‍य सचिव राहुल भटनागर द्वारा 6 फरवरी को सभी मंडलों के कमिश्‍नरों और डीएम को पत्र लिखकर यूपी बोर्ड परीक्षा को संपन्‍न करवाने के लिए राजस्‍व अधिकारियों को बतौर सेक्‍टर मजिस्ट्रे्ट तैनात करने का आदेश हुआ है। हर 10 सेंटर्स पर एक-एक सेक्‍टर मजिस्‍ट्रेट को तैनात किया जाएगा।

​​डीआईओएस ​कार्यालय में बनेगा कंट्रोल रूम

​डीआईओएस उमेश त्रिपाठी ने बताया कि डीआईओएस कार्यालय में ही एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा और यहां शिफ्ट के हिसाब से कर्मचारी की तैनाती की जाएगी। इसके हेल्‍पलाइन नंबर को जल्‍द ही जारी किया जाएगा। बाकी व्‍यक्तिगत रूप से कोई भी उनके सीयूजी नंबर 9454457262 पर भी कॉल कर सकता है।

डीआईओएस बोले- जल्द तैनात होंगे कक्ष निरीक्षक

डीआईओएस उमेश त्रिपाठी ने बताया कि राजधानी में 150 परीक्षा केंद्रों पर 5000 कक्ष निरीक्षकों की तैनाती होनी है। इसको लेकर प्रक्रिया चल रही है, जिन कालेजों ने अध्‍यापकों के ब्‍यौरे सहित काउंटर साइन के लिए आईडी कार्ड उपलब्‍ध नहीं करवाए हैं, उनको इसे तत्‍काल उपलब्‍ध करवाने को कहा गया है। ऐसा न करने की स्थिति में कालेजों पर सख्‍त कार्यवाही की जाएगी। किसी भी हाल में बोर्ड परीक्षा के कार्यों को लेकर हीलाहवाली बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी। जिन अध्‍यापकों की डीटेल विभाग के पास उपलब्‍ध है, उन अध्‍यापकों की कक्ष निरीक्षक के रूप में डयूटी लगाने का कार्य किया जा रहा है।



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