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यहां मत आना ! ब्रिटिश टाइम में गोमती नदी पर बना पुल मौत का कुआं

ब्रिटिश टाइम में गोमती नदी पर बना पुल फिलहाल मौत का कुआं बन चुका है। आलम ये है कि बीते 10 दिनों के अंदर दो युवतियों समेत अब तक 4 लोग इसमें छलांग लगाकर सुसाइड कर चुके हैं।

tiwarishalini
Published on: 28 Aug 2017 5:21 PM IST
यहां मत आना ! ब्रिटिश टाइम में गोमती नदी पर बना पुल मौत का कुआं
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यहां मत आना ! ब्रिटिश टाइम में गोमती नदी पर बना पुल मौत का कुआं

सुल्तानपुर: ब्रिटिश टाइम में गोमती नदी पर बना पुल फिलहाल मौत का कुआं बन चुका है। आलम ये है कि बीते 10 दिनों के अंदर दो युवतियों समेत अब तक 4 लोग इसमें छलांग लगाकर सुसाइड कर चुके हैं। इन 4 केसों में ग्रेजुएशन की एक स्टूडेंट की तो पुलिस को आज तक डेड बॉडी भी नहीं मिल सकी है। बावजूद इसके प्रशासन की ओर से पुल की रेलिंग पर ऐसी कोई बैरिकेटिंग नहीं लगाई जा सकी है जिससे तेज़ी से हो रही सुसाइड की इस वारदात पर रोक लग सके।

गोमती पुल और डीएम आवास के बीच की दूरी 200 मीटर

जानकारी के अनुसार, कोतवाली नगर के गोलाघाट मोहल्ले में फैज़ाबाद रोड पर गोमती नदी के दो पुल बने हुए हैं, जानकार बताते हैं कि इसमें से पुराना पुल ब्रिटिश गवर्मेंट के समय का बना है। जिस पर आमतौर से सुसाइड की ढेरों वारदातें अंजाम हो चुकी हैं। वजह साफ है कि जर्जर हो चुके इस पुल पर लोगों का आवागमन न के बराबर है। गौर करने वाली बात ये है कि मौत का कुआं बने इस पुल पर अंजाम पा रही वारदात और डीएम आवास का फासला 200 मीटर का है। इसके बावजूद 18 अगस्त 2017 से लेकर 26 अगस्त 2017 के बीच ताबड़तोड़ 4 सुसाइड की वारदातें हो गईं और प्रशासन कोरे आश्वासन देता रहा।

*केस न. 1

प्रेमी के साथ 1 महीने पहले भाग कर की थी मैरेज

18 अगस्त को सड़कों पर जब लोगों का आवागमन शुरु हो चुका था, ठीक उसी समय एक युवती ने गोमती में छलांग लगा दिया। लोगों की भीड़ जमा हो गई, और तब तक पुलिस भी आ गई। पुलिस ने जाल डलवाया और क़रीब 12 घंटों की मशक्कत के बाद अगले दिन डेड बाडी निकलवाई। इस बीच सोशल मीडिया पर फोटो और ख़बर वायरल हो चुकी थी। जिससे सुसाइड करने वाली युवती की पहचान बल्दीराय थाना क्षेत्र के तिवारी का पुरवा ऐन्जर गांव निवासी राधेश्याम तिवारी की बेटी सरिता के रूप में हुई। 21 अगस्त को सरिता के घर वालों ने इस आरोप के साथ कोतवाली नगर में तहरीर भी दिया कि एक माह पूर्व पड़ोस के राम सहाय तिवारी का बेटा दिनेश उसे भगा ले गया था और लखनऊ में उससे शादी कर ली थी। परिजनों ने आरोप लगाया था कि दिनेश ने ही उसकी बेटी की हत्या कर दी है। फिलहाल पुलिस ने पति दिनेश को हिरासत में लिया था।

*केस न. 2

परिजनों ने प्रेमी पर लगाया ब्लैकमेलिंग का आरोप

सरिता के केस को बीते अभी 5 दिन भी नहीं गुज़रे थे कि 23 अगस्त की सुबह 6 से 7 बजे के आसपास फिर एक युवती के उसी नदी में कूदने की सूचना पुलिस को मिली। गोताखोरों की टीम के साथ पुलिस फिर मौका-ए-वारदात पर पहुंची और दिन भर पुलिस ने पसीना बहाया, लेकिन पुलिस सफल नहीं हो सकी। युवती की लाश कहां बह निकली, पुलिस के पास आजतक इसका जवाब नहीं है। पुलिस को इतना ज़रूर पता लग गया कि नदी में कूदने वाली युवती निवेदिता शहर के केएनआई इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस में एग्रीकल्चर में बीएससी थर्ड ईयर की स्टूडेंट थी और उसका अपने प्रेमी गौरव सिंह से मन-मुटाव चल रहा था। बता दें कि निवेदिता के पिता राजेंद्र सिंह रायबरेली जिले के मिल एरिया थाने के कल्लू का पुरवा के निवासी हैं और रायबरेली सीएमओ ऑफिस में तैनात हैं। बेटी की मौत की ख़बर सुनकर वो यहां पहुंचे और उन्होंने गौरव के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। फिलहाल पुलिस को तब से अबतक न तो निवेदिता जिंदा और न ही मुर्दा हालत में मिली। बस सबूत के तौर पर पुलिस के हाथ निवेदित का मोबाइल फोन लग सका है, जिसके कॉल रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस वर्क कर रही है।

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*केस न. 3

रेलिंग पर खड़ा ले रहा था सेल्फी, बैलेंस बिगड़ा तो...

बीएससी स्टूडेंट निवेदिता के केस की उलझी हुई गुत्थी को कोतवाली पुलिस अभी सुलझा भी नहीं पाई थी कि 25 अगस्त की रात इसी गोमती पुल पर मोबाइल से सेल्फी लेने के चक्कर में एक युवक ने अपनी जान गंवा दी। पुलिस को फिर ख़बर हुई तो एक बार फिर पुलिस ने आनन फानन में गोताखोरों की टीम को बुलवाकर जाल डलवाया। घंटों की खोजबीन के बाद 26 अगस्त की सुबह युवक की डेड बॉडी निकाली जा सकी। उसकी पहचान शिवांक श्रीवास्तव निवासी शास्त्री नगर सुल्तानपुर के रूप में हुई। बताया जा रहा है कि शिवांक हादसे का शिकार उस वक्त हुआ जब वह पुल की रेलिंग पर खड़ा हो गया और झुककर सेल्फी लेने लगा था, एकाएक बैलेंस डगमगा गया और वह बीच नदी में जा गिरा।

*केस न. 4

ज़्यादा ड्रिंक कर लेने से फिसला पैर

26 अगस्त की सुबह ही युवक की डेड बॉडी को नदी से निकलवाकर कोतवाली पुलिस ने अभी चैन की सांस लिया था कि तभी शाम को कोतवाली पुलिस के सीयूजी नंबर पर कॉल आ गई साहब चौथा फिर गोमती में कूदा। आखिर पुलिस करती भी तो क्या? वर्दी जो पहन रखा है तो फ़र्ज़ तो निभाना ही है। बस गनीमत ये रही कि इस बार पुलिस को ज़्यादा दौड़ भाग और पसीना नहीं बहाना पड़ा। दरअस्ल डेडबॉडी नदी के किनारे पर ही थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने डेडबॉडी को वहां से उठाकर सील किया और पोस्टमाॅर्टम के लिए भेज दिया। सूत्रों की मानें तो जिस युवक की डेडबॉडी पाई गई है उसने ड्रिंक अधिक कर ली थी और पैर फिसलने से वो नदी में जा गिरा। मृतक की पहचान कोतवाली नगर के बघराजपुर निवासी आशीष वर्मा (35) के रूप में हुई।

अगली स्लाइड में जानिए क्या बोले अधिकारी

क्या बोले अधिकारी ?

खैर 10 दिनों में गोमती में 4 वारदातों से शहरवासी सहम गए हैं। वहीं ज़िम्मेदार ठोस क़दम उठाने के बजाए अब भी तर्क दे रहे हैं। इस बाबत पुलिस और प्रशासन के 3 अधिकारियों से जब बात की गई तो उन्होंने ये जवाब दिए।

निगरानी के लिए पुलिस को कहा गया : एडीएम

एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अमरनाथ ने कहा कि पुलिस को ऐसी घटनाओं से रोकने के लिए निगरानी रखने को कहा गया है। सुरक्षा की दृष्टि से पुल पर उपाय और सुझाव के लिए ठोस उपाय किए जाएंगे।

शासन से आया नहीं बजट : पीडबल्यूडी अधिकारी

पीडबल्यूडी के अधिशासी अभियंता संजय भारती ने कहा कि घटना रोकने के लिए ठोस उपाय करना जरूरी है। इस बाबत पूर्व में शासन को लिखा गया है। बजट की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक बजट आया नहीं है।

दुर्भाग्यपूर्ण हैं ये घटनाएं : सीओ सिटी

सीओ सिटी श्यामदेव ने कहा कि गोमती पुल से हो रही घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं। सुरक्षा मानकों के लिए अन्य विभाग को लिखा जाएगा। जिससे घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो।

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