Gorakhpur News: अमेरिकन एजेंसी की रैकिंग में गोरखपुर यूनिवर्सिटी देश के टॉप 100 में शामिल

उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षा और शोध जगत में मूल्यांकन करने वाली अमेरिका की ख्यातिलब्ध एजेंसी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग (क्वाक्रैली सिमंड्स) ने वर्ष 2020-21 की वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग लिस्ट जारी कर दी है

Purnima Srivastava
Reporter Purnima SrivastavaPublished By Shweta
Published on: 12 Jun 2021 5:16 PM GMT (Updated on: 12 Jun 2021 5:17 PM GMT)
Gorakhpur University
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 गोरखपुर विश्वविद्यालय  (फोटो सौजन्य से सोशल मीडिया)

Gorakhpur News: उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षा और शोध जगत में मूल्यांकन करने वाली अमेरिका की ख्यातिलब्ध एजेंसी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग (क्वाक्रैली सिमंड्स) ने वर्ष 2020-21 की वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग लिस्ट जारी कर दी है। इस एजेंसी ने भारत, चीन, जापान, साउथ कोरिया, मैक्सिको और यूरोप के विश्वविद्यालयों की भी रैंकिंग की है। इस रैंकिंग में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (Deen Dayal Upadhyaya Gorakhpur University) को भारत के टॉप 100 विश्विद्यालयों में स्थान मिला है।

उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में गोरखपुर यूनिवर्सिटी (Gorakhpur University) का पहला स्थान रहा है। जबकि इंडिया रैंकिंग में क्यूएस ने विश्वविद्यालय को 96वीं रैंक दी है। क्यूएस रैंकिंग में आईआईटी कानपुर को छठा, बीएचयू को 19वां और अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को 31वां स्थान दिया है। शनिवार को संकायाध्यक्षों और विभागाध्यक्षों के साथ आयोजित बैठक में कुलपति प्रो राजेश सिंह ने इस उपलब्धि की जानकारी दी।

उन्होंने सफलता का श्रेय विश्वविद्यालय परिवार से जुड़े शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को देते हुए कहा कि इस बात की बेहद खुशी है कि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (Deen Dayal Upadhyaya Gorakhpur University) उत्तर प्रदेश और बिहार का एकलौता ऐसा राज्य विश्वविद्यालय हैं जिसने टॉप 100 में जगह बनाई है। अमूमन ऐसी रैंकिंग ऐसे केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों को मिलती है जिन्हें केंद्र सरकार की ओर से बडी मात्रा में बजट उपलब्ध कराया जाता है। जबकि राज्य विश्वविद्यालयों के रिसर्च और एकेडमिक गतिविधियों को कोई विशेष फण्ड नहीं मिलता है। गोरखपुर विश्वविद्यालय अपनी जरूरतों को 85 फीसदी तक अपने बजट से पूरा करता है, महज 15 फीसदी बजट ही राज्य सरकार से मिलता है जो शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन भुगतान में खर्च होता है।

गोरखपुर विश्वविद्यालय ( फोटो सौजन्य से सोशल मीडिया)

200 एकड़ में फैला है कैंपस

विवि ने यह उपलब्धि अपने 200 एकड़ में फैले कैंपस, 17000 विद्यार्थियों, 500 शिक्षकों और 600 कर्मचारियों के सहयोग से रिसर्च, एकेडेमिक्स और गुणवत्तापूर्ण कोर्स के बलबूते हासिल की है। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के पास सोशल साइंस और साइंस की उत्कृष्ट फैकल्टी है। खास कर साइंस फैकल्टी का बेहतर साइंटिफिक कॉन्ट्रिब्यूशन है। क्यूएस वर्ल्ड ने डेटा थॉमसन रायटर से हासिल किया है जो कि साइंस के इम्पैक्ट फैक्टर को कैलकुलेट करने वाली ख्यातिलब्ध संस्था है। प्रति व्यक्ति गुणवत्तापूर्ण पब्लिकेशन निकालने के मामले में विवि को 11.5 प्रतिशत अंक मिले है जो किसी अन्य विश्विद्यालयों की अपेक्षा बेहतर है। बैठक में कला अधिष्ठाता प्रो नंदिता सिंह और अधिष्ठाता विज्ञान प्रो शान्तनु रस्तोगी ने कहा कि वर्ल्ड रैंकिंग में विवि को टॉप 100 में स्थान मिलने से उत्साहवर्धन हुआ है। इसका पूरा श्रेय हमारे मुखिया को जाता है।

उनके मार्गदर्शन में विवि प्रगति के पथ पर अग्रसर है। विभागाध्यक्ष प्रो वीना बी कुशवाहा, प्रो सुधा यादव और प्रो मुरली मनोहर पाठक और प्रो विनय पांडेय ने कहा कि विवि की तरफ से नैक मूल्यांकन और एनआईआरएफ रैंकिंग की टॉप 50 में आने को लेकर जो प्रयास किया जा रहा, उसे गति मिलेगी। परीक्षा नियंत्रक डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि विवि परिवार से जुड़े हर सदस्य के लिए ये गौरवान्वित करने वाला पल है।

रिसर्च आउटपुट को एजेंसी ने माना बेहतर

विश्वविद्यालय की अकादमिक प्रतिष्ठा, नेशनल और इंटरनेशनल पब्लिकेशन की गुणवत्ता, उद्वरण (साईटेशन) और जर्नल इम्पैक्ट फैक्टर आदि की कसौटी पर रिसर्च आउटपुट में हाई ग्रेड में मिला है। कुलपति ने कहा कि क्यूएस रैंकिंग में 96वीं रैंक मिलने से उत्साह बढा है। अब विश्वविद्यालय की ओर से नैक मूल्यांकन में ए ग्रेड और एनआईआरएफ रैंकिंग में टॉप 50 के लक्ष्य को हासिल करने पर पूरा फोकस होगा। इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। सभी को एक साथ मिलकर प्रयास करना होगा।

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