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क्या अब केंद्र सरकार करवाएगी पंडित दीनदयाल उपाध्याय के हत्याकांड की जांच?
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी समारोह मोदी और योगी सरकार बड़े उत्साह के साथ मना रही है। मुगलसराय स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय रख दिया गया। अब सवाल यह उठता है सन 1968 मैं जिन परिस्थितियों में उनकी लाश रेलवे लाइन
नाथ.बख्श सिंह
लखनऊ: पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी समारोह मोदी और योगी सरकार बड़े उत्साह के साथ मना रही है। मुगलसराय स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय रख दिया गया। अब सवाल यह उठता है सन 1968 मैं जिन परिस्थितियों में उनकी लाश रेलवे लाइन के किनारे मिली थी क्या इस बात की जांच वर्तमान सरकार कराने के लिए तैयार है?क्योंकि जब पंडित जी की लाश बरामद हुई तो केंद्र में कांग्रेस की हुकूमत थी और प्रदेश में गैर कांग्रेसी सरकार काम कर रही थी।
वर्तमान योगी सरकार के सूचना विभाग ने पंडित दीनदयाल जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर एक पुस्तक का प्रकाशन किया जिसमें पंडित जी के व्यक्तित्व कृतित्व पर विस्तार से चर्चा की गई है। उसी किताब में इस बात का उल्लेख है कि पंडित जी लखनऊ से पटना किसी कार्यक्रम मैं 10 फरवरी 1968 को ट्रेन में बैठकर जा रहे थे। उनके साथ इत्तेफाकन उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य गौरी शंकर राय भी बनारस जा रहे थे।
11 फरवरी 1961 को सुबह 3:30 बजे मुगलसराय वार्ड के लीवर में प्लेटफार्म से लगभग 150 गज दूर रेल लाइन के दक्षिण की ओर बिजली खंभा नंबर 1726 से लगभग 3 फुट दूर पंडित जी की लाश पड़ी मिली थी। डॉक्टरों ने मृतक घोषित कर दिया लेकिन पुलिस इसे लावारिस ही समझ रही थी। रेलवे कर्मचारी बनमाली भट्टाचार्य ने शव की शिनाख्त होने के बाद हवाई जहाज से दिल्ली ले जाकर उनका अंतिम संस्कार किया।
उस जमाने में जन संघ के नेता अटल बिहारीबाजपेई, बलराज मधोक और नानाजी देशमुख सहित तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। बताया जाता है कि पंडित दीनदयाल जी की मृत्यु को प्रोफेसर बलराज मधोक एक घोटाले से जुड़ी राजनीतिक हत्या मानते थे। वो इस हत्याकांड की जांच कराने की भी मांग करते रहे मगर दिल्ली सरकार अनसुना करती रही। परंतु आज जिस तरह से 'सबका साथ सबका विकास' एकात्मवाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी समारोह सरकार बड़े पैमाने पर मना रही है, क्या उनके हत्याकांड मामले की जांच करवाएगी?
आम जनता के लिए ये जानना जरूरी
उनके हत्याकांड की जांच किया जाना अति आवश्यक है इसकी जानकारी आम जनता को होना बहुत जरूरी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस जन्म शताब्दी समारोह में अच्छे इंतजाम कर रखे हैं। वहीं नागरिक उड्डयन विभाग आगरा के भारतीय वायुसेना हवाई अड्डे पर आगरा शिविर एनिमल का नाम भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के नाम पर किए जाने का प्रस्ताव चल रहा है।
केंद्र सरकार भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर अनेक योजनाओं और परियोजनाओं का नामकरण कर जन्म शताब्दी समारोह को अच्छे तरीके से मना रही है। पूरा देश पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन शताब्दी समारोह में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अनेक फाइलों का खुलासा किया है। अभी और भी कई खुलासे बाकी है। मोदी जी से अपेक्षा हैकि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु की जांच किसी न किसी उच्च एजेंसी से करा कर उक्त मामले का पर्दाफाश करवाएं।