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Deepotsav ने अयोध्या को दिलाई वैश्विक पहचान, 2017 से अब तक एक लाख से ज्यादा विदेशी पर्यटक पहुंचे

2017 से शुरू हुए दीपोत्सव ने अयोध्या को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान दिलाई है। देसी ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी बहुतायत पहुंचे हैं। अब तक 1 लाख से अधिक विदेशी यहां पहुंचे।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 21 Oct 2022 12:45 PM GMT (Updated on: 21 Oct 2022 12:58 PM GMT)
deepotsav brought global recognition to ayodhya more than one lakh foreign tourists arrived
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अयोध्या में दीपोत्सव (Social Media)

Deepotsav 2022 : भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या (Deepotsav 2022 in Ayodhya) यहां कण-कण में भगवान राम का स्वरूप नजर आता है। ऐसा कोई घर नहीं, जहां रामायण की कथा प्रचलित न हो। बच्चा-बच्चा राम की कहानी सुनकर बड़ा हुआ है या हो रहा है। कनक भवन माता सीता की उपस्थिति का बोध कराता है। चप्पे-चप्पे पर राम-सीता समेत पूरे रघुकुल वंश के अंश उनकी यादें ताजा करते हैं। सरयू का निर्मल जल इस नगरी के पौराणिक इतिहास को सहेजे हुए है। इस पावन नगरी को भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में राम की जन्मस्थली के रूप में मान्यता मिल चुकी है।

हालांकि, 2017 से शुरू हुए दीपोत्सव (Deepotsav 2022) महोत्सव ने अयोध्या को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग ही पहचान दिला दी है। दीपोत्सव का दिव्य अलौकिक प्रकाश अब अयोध्या से लेकर प्रदेश और देश के अलावा विदेशों को भी अपनी चमक से चकाचौंध कर रहा है।

दीपोत्सव हैशटैग कर रहा ट्रेंड

उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन और संस्कृति विभाग की ओर से लगातार छठे वर्ष होने जा रहे दीपोत्सव 2022 की चर्चा चारों तरफ हो रही है। विभिन्न देशों के पर्यटक दीपोत्सव के लिए अयोध्या पहुंचना शुरू हो गए हैं। देश और विदेशी मीडिया भी इस कार्यक्रम को कवर करने के लिए उपस्थित हो चुका है। सोशल मीडिया पर दीपोत्सव 2022 और अयोध्या जैसे हैशटैग लगातार दो दिन से ट्रेंड कर रहे हैं।


10 देशों के कलाकार आ रहे अयोध्या

कार्यक्रम के लिए अमेरिका समेत 10 देशों के कलाकार भी अयोध्या आ रहे हैं। यहां 8 देशों की रामलीला का भी मंचन किया जा रहा है। 14.5 लाख दीये जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा, जिसके लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी अयोध्या में उपस्थित रहेगी। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी की उपस्थिति में होने वाले इस महाउत्सव ने दीपावली से पूर्व ही पूरी दुनिया को पर्व की मुद्रा में ला दिया है। प्रदेश सरकार की कोशिशों का ही नतीजा है कि अब अयोध्या प्रदेश ही नहीं देश की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित होती नजर आ रही है।


योगी सरकार में छुयी सांस्कृतिक ऊंचाइयां

दुनिया के कई देशों में अलग-अलग पर्वों पर रोशनी के जरिए जश्न मनाया जाता है। लेकिन, किसी भी देश का जश्न दीपोत्सव जितना भव्य नहीं होता। यही वजह है कि अयोध्या को देखने के लिए अब देश और विदेश सभी जगह से पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। लंबे समय तक विवाद की वजह से विकास की दौड़ में पीछे छूटे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत और दीपोत्सव जैसे कार्यक्रमों ने इसका आकर्षण बढ़ा दिया है। साल 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से ही अयोध्या फोकस में है। साढ़े 5 वर्षों में मुख्यमंत्री ने दीपोत्सव, पौराणिक स्थलों के नवनिर्माण व पुनरुद्धार आदि की बदौलत अयोध्या में अध्यात्म, संस्कृति व विकास की नई राह दिखाई है। अब अयोध्या अपने गौरवशाली अतीत के साथ समृद्धशाली वर्तमान की नई कहानी कह रहा है। आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं। योगी सरकार बनने के बाद से अयोध्या ने ना सिर्फ आध्यात्मिक, बल्कि सांस्कृतिक ऊंचाइयों को भी छुआ है।


सीएम योगी ने पूरा किया संकल्प

श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो चुका है। कई सदियों से मंदिर की राह देख रहे श्रद्धालुओं को जब इसकी खुशी मिली, तब भी वे खुद को यहां आकर शीश नवाने से रोक न सके। शपथ लेने के उपरांत योगी सरकार ने सबसे पहले यहां के गौरव को पुनः लौटाने का जो संकल्प लिया, आज वह पूरा हो चुका है। लिहाजा बड़ी संख्या में देसी-विदेशी पर्यटक यहां आ रहे हैं। दीपावली के मौके पर होने वाले इस बड़े आयोजन को देखने के लिए पर्यटकों में एक अलग तरह का उत्साह नजर आता है। इसके प्रति आस्था का दीप जलाने के लिए लोग उतावले हैं। जो राम की नगरी तक पहुंच जाते हैं वो खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं और जो नहीं पहुंच पाते वो अपने घर में ही दीप जलाकर इस उत्सव का हिस्सा बन जाते हैं। इस तरह दीपावली का पर्व अब एक दिन पहले ही दीपोत्सव के रूप में शुरू हो जाता है।


6 महीने में दो करोड़ पर्यटक पहुंचे अयोध्या

मार्च 2020 में कोरोना ने समूचे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया। महज जनवरी से मध्य मार्च तक यहां 2600 से अधिक पर्यटक पहुंचे। वहीं, 2022 के छह माह में यह संख्या 26403 रही। 2017 से अगस्त 2022 के बीच यहां 1,11,242 विदेशी पर्यटक पहुंचे। सितंबर में यहां आईं फ्लोरिडा की मारिया मेडियना और जापान की योशी तोशी निकिता ने कहा था कि राम की अयोध्या अब 'सुप्रीम' बन गई है। उत्तर प्रदेश की सरकार ने यहां की दशा बदल दी है। अयोध्या हर क्षेत्र में अब बदला बदला सा है। हम भी राम मंदिर का निर्माण देखना चाहते हैं। इससे यहां पर निवेश भी करना चाहते। इस बीच, भारत के हर कोने से भी पर्यटकों का यहां पहुंचना जारी रहा। 2022 के महज 6 महीने (जनवरी से अगस्त) के बीच ही अयोध्या 2 करोड़ से अधिक भारतीय पर्यटक पहुंचे। 2019 में भी यह संख्या 2 करोड़ से ज्यादा थी।


दीपोत्सव को मिली वैश्विक ख्याति, जले रिकॉर्ड दीये

साल 2017 में उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार बनने और योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद अयोध्या में दीपोत्सव की शुरुआत की गई थी। पहले साल 1.80 लाख दीये जलाए गए थे। तबसे हर साल दीयों की संख्या बढ़ती जा रही है। 2018 में 3,01152 दीये जलाए गए। 2019 में इस दीपोत्सव कार्यक्रम को प्रांतीय स्तर का मेला घोषित किया गया। 2019 में 5,50,000 दीप जलाए गए। 2020 में 6,06,569 दीप जलाए गए और 2021 में 12 लाख दीये जलाए। अब 2022 में 14.5 लाख दीये जलाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा। इतनी भारी मात्रा में दीये जलाने के लिए 18 से 20 हजार वालंटियर भी अयोध्या पहुंच रहे हैं। दीये बिछाने का काम 21 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा, ताकि 23 अक्टूबर की शाम तक पूरे क्षेत्र में दीये लगाए जा सकें। प्रदेश सरकार की ओर से इस पूरे कार्यक्रम के लिए 1.5 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है। इसकी संस्तुति के बाद राज्यपाल की ओर से बजट को जारी भी कर दिया गया है।


1800 कलाकार देंगे प्रस्तुति

अयोध्या दीपोत्सव (Ayodhya Deepotsav) प्रतिवर्ष दीपावली के पूर्व अत्यंत भव्य एवं दिव्य रूप में आयोजित किया जाता है। इस वर्ष यह 6वां दीपोत्सव है, जो जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित किया जाता है। संस्कृति विभाग द्वारा इस वर्ष 8 देशों तथा 10 प्रदेशों की रामलीला/रामायण बैले तथा विभिन्न प्रदेशों की लोकनृत्यों की प्रस्तुति होगी। 22-23 अक्टूबर 2022 को इंडोनेशिया, श्रीलंका, मलेशिया, थाईलैण्ड, रूस, फिजी, ट्रिनिडाड एण्ड टोबैगो व नेपाल देश के लगभग 120 अन्तर्राष्ट्रीय कलाकार विदेशी रामलीला/रामायण बैले की प्रस्तुति करेंगे तथा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, ओड़िसा, तमिलनाडु व झारखण्ड के विभिन्न प्रदेशों लगभग 1800 कलाकार रामलीला/कार्यक्रम प्रस्तुति करेंगे।


वैश्विक कलाकारों का भी प्रदर्शन

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन गत वर्षो में भी कराये गये, जिनमें वर्षवार अंतर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय/प्रदेश स्तर के दलों की प्रस्तुतियां रही है। जिनमें वर्ष 2017 में अन्तर्राष्ट्रीय देश इंडोनेशिया व श्रीलंका तथा विभिन्न प्रदेशों के लगभग 550 कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति की। वर्ष 2018 में अंतरराष्ट्रीय देशों में त्रिनिदाद एंड टोबैगो, रूस, श्रीलंका, लाओस, इण्डोनेशिया व कम्बोडिया तथा विभिन्न प्रदेशों के लगभग 800 कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति की। वर्ष 2019 में अंतरराष्ट्रीय देशों में नेपाल, श्रीलंका, इंडोनेशिया व फिलीपिंस तथा विभिन्न प्रदेशों के लगभग 1000 कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति की। वर्ष 2020 में अंतरराष्ट्रीय देशों में त्रिनिदाद एंड टोबैगो, थाईलैंड, श्रीलंका, फिजी व नेपाल तथा विभिन्न प्रदेशों के लगभग 500 कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति की। वर्ष 2021 में अन्तर्राष्ट्रीय देशों में श्रीलंका व नेपाल तथा विभिन्न प्रदेशों के लगभग 1600 कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति की। इस तरह प्रत्येक वर्ष विदेशी कलाकारों ने न सिर्फ इस भव्य कार्यक्रम में हिस्सा लिया, बल्कि अपने देशों में इसका गुणगान भी किया।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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