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1 साल बाद एक कविता की वजह से युवती को मिला न्याय, प्रेमी को जेल
नई दिल्ली: 'काश मैं मर गई होती, हर बार जब मैं आंखे बंद करती हूं तो मुझे अंधकारमय स्वर्ग दिखाई देता है। मैं यहां रहकर थक चुकी हूं, अपने ही डर से दबी जा रही हूं... हम अपने खिलौनों से खेलते-खेलते खुद खिलौना बन गए हैं। इसलिए लड़के तो लड़के ही रहेंगे और हम महिलाएं कभी कुछ नहीं कहेंगी।'
यह उस लड़की की कविता की लाइनें हैं, जिन्हें दिल्ली कोर्ट में उसकी हत्या के केस में मुख्य सबूत के रूप में पेश किया गया है। बता दें कि पिछले साल श्रेया शर्मा(17) की हत्या उसके ही स्कूल के एक सीनियर लड़के ने की थी। इसी केस में पुलिस ने श्रेया की लिखी एक कविता को कोर्ट में उसकी पीड़ा और यातना के रूप में पेश किया है।
जब अतिरिक्त सेशन जज विरेंद्र कुमार बंसल इस मामले में दोषी सार्थक कपूर को उम्रकैद की सजा सुना रहे थे तो उन्होंने यही कविता अपने आदेश में पढ़कर सुनायी। पूर्व में इस केस की सुनवाई के दौरान एक बार अदालत ने कहा था कि, 'यह केस एक ठुकराए हुए प्रेमी का है जो हर हाल में अपने प्यार को वापस पाना चाहता था। उसने हर तरकीब अपनायी, धमकियां दी, लेकिन जब किसी भी तरह से वो उसे पाने में कामयाब न रहा तो लड़की को मार दिया।'
ये है कविता के मुख्य सबूत बनने की बड़ी वजह
श्रेया की कविता एक और कारण से अहम गवाह बनी वो ये था कि वो आरोपी के घर से पाई गयी थी और मृतका के वकील ने इसी को आधार बनाया और कहा कि इस कविता का आरोपी के घर से पाए जाने का मतलब है कि श्रेया अपनी जिंदगी के आखिरी क्षणों में सार्थक के साथ थी।
अतिरिक्त सरकारी वकील के अनुसार श्रेया ने यह कविता ऑनलाइन पोस्ट की थी और आरोपी को बताया था कि वह उसके घर आ रही है। वहां जाकर उसने आरोपी को कविता की वो कॉपी सौंपी। इस कविता को फॉरेंसिक विश्लेषण और हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के पास भी भेजा गया था। कोर्ट के रिकॉर्ड के अनुसार हैंडराइटिंग एक्सपर्ट ने अपनी राय दी कि यह श्रेया की ही राइटिंग है।
श्रेया की हत्या पिछले साल रोहिणी के सेक्टर 17 में 16 अगस्त को की गई थी। उसकी लाश उसके घर से सटी एक संकरी गली में मिली थी। कोर्ट ने सार्थक को आरोपी बनाते हुए ये कहा है कि वह श्रेया का अक्सर ही शोषण करता था।
जब सजा पर बहस हो रही थी तो दोषी के वकील ने कहा था कि वह केवल 19 साल का है और उसका कोई पुराना आपराधिक बैकग्राउंड भी नहीं था। उन्होंने ये भी कहा कि वह एक अच्छा स्टूडेंट है और हत्या सुनियोजित नहीं थी।
कोर्ट ने सजा सुनाते वक्त बोली ये बातें
हालांकि अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि इस हत्या से मृतका के परिवार में जो खालीपन आ गया है उसे भरा नहीं जा सकता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह विभत्स हत्या है जिसकी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
सजा का ऐलान करते समय जब अतिरिक्त जज बंसल ने सार्थक से पूछा कि वो अपने बचाव में कुछ कहना चाहता है तो वह खामोश रहा। तब अदालत ने कहा, 'यह एक सुनियोजित और निर्ममता से की गई हत्या है। दोषी ने लड़की से इंस्टाग्राम पर संपर्क किया और बड़े ही शातिराना तरीके से बिना किसी हथियार का इस्तेमाल किए निर्दयता से हत्या कर दी। लेकिन इसी के साथ यह ध्यान रखते हुए कि दोषी अभी युवा है और यह केस रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस में नहीं आता, इसलिए अदालत दोषी को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाती है।'
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