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विधान परिषद में जातीय गणना की मांग को लेकर सपा का हंगामा

अधिष्ठाता ने सपा सदस्यों की नोटिस और ग्राह्यता पर कही गयी बातों को कार्यवाही का भाग नहीं बनाने की व्यवस्था दे दी। इसके बाद सदन में उत्तेजना और बढ़ गयी। सपा सदस्य और अधिष्ठाता के बीच तीखी नोक-झोंक के साथ शब्दों की मर्यादा भी टूट गयी।

SK Gautam
Published on: 26 Feb 2020 9:29 PM IST
विधान परिषद में जातीय गणना की मांग को लेकर सपा का हंगामा
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लखनऊ: विधान परिषद में बुधवार को सपा सदस्यों की जनगणना में जातीय गणना कराने की मांग पर अधिष्ठाता देवेन्द्र प्रताप सिंह की व्यवस्था से सपा सदस्य उत्तेजित हो गये और सदन में हंगामा हो गया। हंगामे नारेबाजी और शोरगुल के कारण सदन की कार्यवाही चार चरण में 55 मिनट स्थगित और बीस मिनट बाधित रही।

इस संबंध में भारत सरकार का गृह मंत्रालय ही निर्णय ले सकता है-मंत्री अनिल राजभर

शून्यकाल में सपा सदस्य नरेश उत्तम, आनन्द भदौरिया, सुनील साजन और नेता विपक्ष अहमद हसन ने जनगणना में जातीय गणना कराने की मांग करते हुए कहा कि सरकार इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर भारत सरकार को भेजे। मंत्री अनिल राजभर ने कहा यह विषय राज्य सरकार का नहीं है। इस संबंध में भारत सरकार का गृह मंत्रालय ही कोई निर्णय ले सकता है, इसी बीच सपा सदस्य शोर करते हुए अनिल राजभर को बयान देने से रोकने की कोशिश करते हुए वेल में आ गये। इस पर अधिष्ठाता देवेन्द्र प्रताप सिंह ने उत्तेजित सदस्यों से अपनी सीट पर लौटने और सरकार का पक्ष सुनने को कहा। मगर सपा सदस्य शान्त नहीं हुए और वेल में ही नारेबाजी करने लगे।

अधिष्ठाता ने सपा सदस्यों की नोटिस और ग्राह्यता पर कही गयी बातों को कार्यवाही का भाग नहीं बनाने की व्यवस्था दे दी। इसके बाद सदन में उत्तेजना और बढ़ गयी। सपा सदस्य और अधिष्ठाता के बीच तीखी नोक-झोंक के साथ शब्दों की मर्यादा भी टूट गयी। नेता सदन डा. दिनेश शर्मा ने दोनों पक्षों से कुछ कहना चाहा, लेकिन शोरगुल में कुछ सुना नहीं जा सका। इसी बीच अधिष्ठाता ने दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद तीन चरण में कार्यवाही 55 मिनट तक स्थगित रही।

सरकार जातीय गणना कराने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजे-नरेश उत्तम

सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर अधिष्ठाता देवेन्द्र प्रताप सिंह ने सदन में व्यवधान के दौरान दी गयी अपनी व्यवस्था को वापस ले लिया। नेता सदन डा. दिनेश शर्मा ने सभी सदस्यों से व्यवधान समाप्त कर सदन चलाने और सरकार की बात सुनने का अनुरोध किया। इस पर मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि जनगणना कराने का कार्य भारत सरकार के गृह मंत्रालय का है। सपा के नरेश उत्तम ने कहा कि सरकार जातीय गणना कराने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेज दे। नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा सरकार का कथन संतोषजनक नहीं हैं और इसी के साथ सपा सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

इसके पूर्व प्रश्नकाल में सपा सदस्य शतरूद्र प्रकाश द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. के कार्यों की निविदाओं को अनियमित अर्हता रखनेवाली एक कम्पनी को ठेका दिये जाने का सवाल पूछा। ऊर्जा मंत्री ने इस संबंध में स्वीकारा कि ठेका देने में गड़बड़ी हुयी है। यह गड़बड़ी अधिकारियों के स्तर पर हुयी है। संबंधित एसई अधिकारी के खिलाफ जांच चल रही है। जो भी दोषी होंगे उनपर कड़ी कार्रवाई होगी। मंत्री के जवाब से असन्तुष्ट शतरूद्र प्रकाश इस प्रश्न को सभापति रमेश यादव से सदन की ऊर्जा संदभर््ा समिति में भेजने की मांग की। जिसे सभापति ने स्वीकार कर लिया।

सभापति के फैसले पर नेता सदन ने कहा कि यह उचित नहीं है। प्रश्नकाल में ही परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने सपा सदस्य के स्कूलों से जुड़े एक सवाल पर कहा कि स्कूल वाहनों को परमिट देते समय उनसे एक प्रमाण पत्र लिया जाता है कि वे कोई शुल्क नहीं लेंगे। शतरूद्र प्रकाश ने कहा कि शपथ पत्र के बाद भी स्कूलों से जुड़े वाहन 2500 से 3000 रुपयें तक वसूल रहे है। परिवहन मंत्री ने प्रकरण की जांच कराने का आश्वासन दिया।

पीसीएस-जे परीक्षा अंग्रेजी के साथ हिन्दी में परीक्षा देने की मांग

शून्य काल में सपा सदस्य आनन्द भदौरिया ने लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा से अरबी, फारसी, सोशल वर्क, डिफेन्स और कृषि अभियान्त्रिकी विषयों को हटा देने का मामला औचित्य के प्रश्न के रूप में उठाया। भाजपा सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि आयोग के इस फैसले के बाद प्रतियोगी छात्रों को परीक्षा के दो अतिरिक्त अवसर और दे। इस विषय पर वासुदेव यादव और राजपाल कश्यप ने भी कहा कि अगर यह विषय अनुपयोगी हैं तो इन्हें प्रारम्भिक स्तर पर ही बन्द कर दिया जाये। शंशाक यादव ने पीसीएस-जे परीक्षा में गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी अंग्रेजी के साथ हिन्दी में परीक्षा देने की मांग की। सभापति ने प्रकरण को अग्राह्य करते हुए सरकार को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज दिया।

पदोन्नति के संबंध में कार्रवाई चल रही है

शून्य प्रहर में बसपा के दिनेश चन्द्रा, धर्मवीर सिंह अशोक, भीमराव अम्बेडकर और सुरेश कुमार कश्यप ने राजस्व विभाग में चैनमेन के पद पर कार्यरत सैकड़ों कर्मचारियों की पदोन्नति रोके जाने का मामला उठाया। उन्होंने कहा इनकी पदोन्नति के लिए मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदन के बावजूद अधिकारी उदासीनता बरत रहे हैं। सरकार ने कहा कि जानबूझकर देरी नहीं हो रही है। पदोन्नति के संबंध में कार्रवाई चल रही है।

सपा के शशांक यादव, नरेश उत्तम, अरविन्द कुमार सिंह, राम सुन्दर दास निषाद, राजपाल कश्यप, सन्तोष सनी आदि ने बीते दिनों कई प्रतिष्ठित अधिवक्ताओं की हुयी हत्या का मामला कार्य स्थगन प्रस्ताव में उठाया।

उन्होंने अधिवक्ताओं की सुरक्षा पर चिन्ता जताते हुए कहा कि उन्हें शस्त्र लाइसेन्स दिये जायें। सरकार ने अधिवक्ताओं को मिल रही तमाम सुविधाओं को रोक दिया है। अधिवक्ता कल्याण से जुड़ी योजनाएं प्रभावित हो रही है। ट्रस्ट मृत अधिवक्ताओं के संबंध में प्राप्त दावों पर कृत्रिम व आधारहीन आपत्ति लगाकर भुगतान रोक रहे हैं।

कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि वे अधिवक्ता पहले हैं और मंत्री बाद में। अधिवक्ताओं की सुरक्षा, उनके हितों के लिए कृत संकल्पित हैं। सरकार अधिवक्ताओं को सभी सुविधाएं दे रही है। उनके लिए 220 करोड़ का कार्पस फण्ड है। किसी भी अधिवक्ता को अकेला नहीं छोड़ेगे। अधिवक्ता समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे। खीरी के अधिवक्ता धर्मेन्द्र चैहान का मामला ट्रस्ट समिति में लम्बित है। जानकारी करूॅंगा और जो भी न्याय संगत होगा किया जायेगा।

कुपोषण

कांग्रेस के दीपक सिंह और नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने प्रदेश में कुपोषण का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। दीपक सिंह ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि कुपोषण में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है। स्वच्छ भारत के साथ स्वस्थ्य प्रदेश और स्वस्थ्य भारत भी बनाया जाये। कुपोषण के चलते बच्चों, युवाओं और महिलाओं में तमाम बीमारियां पनप रही हैं और उनकी मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। सरकार संवेदनहीन बनी है। स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा विषय गंभीर है। सरकार लगातार हर स्तर कुपोषण दूर करने को प्रयास कर रही है।



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