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मेरठ में BJP MLA की गिरफ्तारी की मांग तेज, वकीलों का SSP ऑफिस में हंगामा
अधिवक्ताओं ने बताया कि पुलिस ने 24 घंटे में विधायक की गिरफ्तारी करने का आश्वासन दिया है,जिसके बाद ही वकील शांत हुए। इससे पहले कचहरी में आम सभा में वकीलों द्वारा विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में अधिवक्ता ओमकार सिंह तोमर की आत्महत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। सोमवार को वकीलों ने भाजपा विधायक दिनेश खटीक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एसएसपी ऑफिस पर जमकर हंगामा काटा। एसएसपी की कुर्सी हटा कर वकील खुद खड़े हो गए। इस दौरान एसपी सिटी से अधिवक्ताओं की तीखी नोंकझोंक भी हुई। इतना ही नहीं मौके पर मौजूद एसपी देहात और एसपी सिटी को चूड़िया दिखाई गई।
वकीलों में भारी आक्रोश
करीब आधा घंटे के वकीलों के हंगामे के दौरान वकीलों के हंगामे में पुलिसकर्मी बेबस नजर आ रहे थे। वहीं जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वीके शर्मा ने एसएसपी से फोन पर बातचीत की। अधिवक्ताओं ने बताया कि पुलिस ने 24 घंटे में विधायक की गिरफ्तारी करने का आश्वासन दिया है,जिसके बाद ही वकील शांत हुए। इससे पहले कचहरी में आम सभा में वकीलों द्वारा विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
कमिश्नरी चौराहे पर जाम
वकीलों ने कमिश्नरी चौराहे पर जाम भी लगाया । भाजपा विधायक की गिरफ्तारी न होने को लेकर वकीलों में भारी आक्रोश के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए कमिश्नरी और आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इसके अलावा ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाई गई हैं। उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या करने वाले अधिवक्ता ओमकार सिंह तोमर के मामले को तूल पकड़ता देख मामले में नामजद हस्तिनापुर के भाजपा विधायक दिनेश खटीक के खिलाफ पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अधिवक्ता के घर पर दो दिन पूर्व धमकी देने कौन गया था? इसका खुलासा सीसीटीवी कैमरे से होगा। पुलिस का दावा है कि सबूत तलाशे जा रहे हैं। जांच के बाद कार्रवाई होगी।
विधायक को नामजद करने से बच रही पुलिस
अमूमन ऐसे मामलों में पुलिस नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर सबूत तलाशती है। इस मामले में पुलिस सत्ता के दबाव में दिख रही है। गंगा नगर पुलिस ने घटना के 24 घंटे बाद भी किसी भी नामजद आरोपी के घर दबिश तक नहीं दी है। सवाल है कि बिना गिरफ्तारी के पुलिस सबूत कैसे ढूंढ पाएगी। पहले भाजपा विधायक को नामजद करने से बच रही पुलिस अब उन्हें गिरफ्तार करने से भी बच रही है।
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अधिवक्ता का शव
मामले में विधायक का नाम आते ही पुलिस के पसीने छूट गए थे। आलम यह रहा कि घटना के कईं घंटों तक पुलिस के थानाध्यक्ष से लेकर एसएसपी मीडिया से बात करने से कतराते रहे। आठ घंटे तक अधिवक्ता का शव घर पर ही रखा रहा और मवाना रोड जाम कर अधिवक्ताओं ने गंगा नगर थाने में हंगामा किया। कई बार माहौल खराब होने के हालात बन गए। उधर, अधिवक्ता जिद पर अड़े तो कानून व्यवस्था बिगड़ने लगी, तब जाकर ही विधायक को नामजद किया गया।
भाजपा विधायक ने ओमकार को दी धमकी
ओमकार के बेटे लव सिंह व पुत्रवधू स्वाति के बीच विवाद है। आरोप है कि भाजपा विधायक ने सात फरवरी को अपने घर पर दोनों परिवार के लोगों के बीच बैठक कराई थी। बैठक में ओमकार और उनके परिवार को धमकाया गया था। उसके बाद 11 फरवरी को विधायक ने अपने करीबी निडावली ग्राम प्रधान मुनेंद्र को ईशापुरम स्थित ओमकार के घर भेजा था।
सुसाइड नोट
अधिवक्ता के सुसाइड नोट में भी इसका जिक्र है। पुलिस का कहना है कि अधिवक्ता के घर पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए है, उनकी फुटेज ली जाएगी। इससे स्पष्ट होगा कि अधिवक्ता के घर पर कौन आया था। रविवार को अधिवक्ता के अंतिम संस्कार होने के चलते सीसीटीवी कैमरे की फुटेज नहीं मिली। पुलिस ने अधिवक्ता के घर के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी लेने का प्रयास किया है।
भाजपा विधायक की गिरफ्तारी की मांग
पुलिस के अनुसार भाजपा विधायक की गिरफ्तारी से पहले विधानसभा अध्यक्ष से अनुमति लेनी होगी। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को विधायक पर मुकदमा होने की जानकारी दे दी गई है। भाजपा विधायक की गिरफ्तारी न होने से पीड़ित परिवार में गुस्सा है। अधिवक्ताओं और विपक्षी दलों के साथ ही भाजपा के कुछ नेता भी भाजपा विधायक की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। बावजूद इसके पुलिस द्वारा विधायक को बचाने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस विधायक के बचाव में आ गई है। पुलिस ने विधायक और अन्य किसी आरोपी से पूछताछ भी नहीं की है।
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विधायक समेत 14 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि मामले में विधायक समेत 14 लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हुआ है। पुलिस की जांच चल रही है। सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं घटना में आरोपित विधायक दिनेश खटीक का कहना है कि अधिवक्ता ओमकार की मौत सुबह नौ बजे हुई और सूचना पुलिस को 11 बजे दी गई। दो घंटे में सपा के एक नेता ने मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा है।
रिपोर्ट- सुशील कुमार
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