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Aligarh News: ऐतिहासिक सरोवर को परिक्रमा मार्ग में शामिल करने की मांग, 15 दिन से धरने पर बैठे लोग

Aligarh News: अलीगढ़ में धरणीधर सरोवर को बृजकोस की परिक्रमा में शामिल कराने को लेकर स्थानीय लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने फिलहाल इनकी सुध नहीं ली है।

Lakshman Singh Raghav
Published on: 14 Feb 2023 3:45 PM GMT
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अलीगढ़: ऐतिहासिक सरोवर को परिक्रमा मार्ग में शामिल करने की मांग, 15 दिन से धरने पर बैठे लोग

Aligarh News : बेसवां में महर्षि विश्वामित्र पार्क में स्थानीय लोगों का धरना-प्रदर्शन 15वें दिन भी जारी रहा। इस दौरान धरणीधर सरोवर को चौरासी कोस की परिक्रमा से दूर करने वालों की तेरहवीं करके लोगों ने अपना आक्रोश व्यक्त किया। दरअसल, पूरा मामला अलीगढ़ के तहसील इगलास के गांव बेसमा का है, जहां महर्षि विश्वामित्र के द्वारा पृथ्वी की शांति के लिए यज्ञ किया था, मान्यता है कि इसी स्थान पर श्री कृष्ण भगवान ने अपनी लीलाओं का वर्णन किया था। लेकिन अब इस पवित्र भूमि को बृजकोस की चौरासी कोस की परिक्रमा मार्ग से दूर रखने को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी है।

30 जनवरी से बैठे धरने पर

स्थानीय लोग 15 दिनो से धरने पर बैठे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन या कोई जनप्रतिनिधि उनकी गुहार नहीं सुन रहा है। अब आसपास के दो दर्जन से ज्यादा गांव के लोग इस प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि मौजूदा सरकार में जहां एक ओर धर्म स्थलों को आजाद करने की बात कही जाती है, वहीं स्थानीय प्रशासन द्वारा ऐसे धर्म स्थल को धार्मिक पटल से दूर रखने का काम किया जा रहा है। मंगलवार को धरने की अगुवाई कर रहे इगलास के नितिन अग्रवाल के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने धरणीधर की दूध की धार के साथ परिक्रमा की। जिसमें 'धरणीधर बाबा की जय' और 'हम लेकर रहेंगे परिक्रमा' जैसे नारे बुलंद किए गए।

महिलाएं भी कर रहीं प्रदर्शन

लगातार चल रहे धरना-प्रदर्शन में आज बेसवां की महिलाएं शामिल हुईं। जिनका नेतृत्व खुशबू, चंचल और मुच्चन ने किया। विरोध जताते हुए 13 ब्राह्मणों को भोज कराकर प्रतीकात्मक रूप से उन लोगों की तेरहवीं की गई, जिन लोगों ने देवभूमि धरणीधर तीर्थ को बृज चौरासी कोस परिक्रमा से बाहर किया है।

देवभूमि धरणीधर तीर्थ परिवार के अध्यक्ष हरीश कटारा बृजवासी ने कहा कि इस धार्मिक और गंभीर मामले पर स्थानीय लोगों की कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। यही स्थिति रही तो ग्रामीणों को आमरण अनशन पर विवश होना पड़ेगा।

Shashi kant gautam

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