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Modi Effect: देश की पहली कैशलेस शादी, पंडित से लेकर नाई तक ने लिए चेक से पैसे

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Published on: 5 Dec 2016 4:29 AM GMT
Modi Effect: देश की पहली कैशलेस शादी, पंडित से लेकर नाई तक ने लिए चेक से पैसे
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फतेहपुर सीकरी: कालेधन के खिलाफ हुई नोटबंदी के बाद बैंकों में हाय-तौबा मची है और एटीएम के बाहर लंबी कतारें लगी हैं। पीएम मोदी देशवासियों से कैशलेस व्यवस्था का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने की अपील कर रहे हैं। ऐसे में एक शादी के दौरान मोदी इफेक्ट साफ देखा गया। सीकरी के एक परिवार ने बेटी की शादी में सामान, मेहमानों के शगुन के साथ-साथ कन्यादान और पंडित जी की दक्षिणा का भी कैशलेस भुगतान कर मिसाल पेश की है।

यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने 26 नवंबर को रामपुर में एक कार्यक्रम के दौरान नोटबंदी के विरोध में पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि ''क्या लोग नाई और पंडित जी को शादियों में चेक देंगे ? दुख देने वाली सरकार को जनता खुद हटा देगी।” सीएम अखिलेश के इस मंतब्‍य पर यह शादी एक प्रेरणा दे रही है कि बदलते देश में हमे कैसे सहयोग करना चाहिए।

फतेहपुर सीकरी के गांव दुल्हारा निवासी रेलवेकर्मी गोपाल सिंह फौजदार ने अपनी बेटी महिमा की शादी डा. रामवीर सिंह के पुत्र विवेक निवासी अजरुन नगर से शनिवार को आगरा में की।

इस शादी में आपसी सहमति से दूल्हे को दिए जाने वाले सामान व सगुन में दी जाने वाली नगदी के बदले चेक दिए गए। गोपाल सिंह ने बताया कि कैश था नहीं, शादी सर पर थी इसलिए आपसी सहमति से समस्या का यह समाधान निकाला। दोनो पक्षों के बुजुर्ग मुरारी सिंह व डा. रामवीर सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद दोनों परिवारो ने बच्चों की शादी कैशलेस करने का निर्णय लिया।

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नाई ने किया चेक लेने से इनकार

-शादी में आए रिश्तेदारों को जब कैशलेस शादी का पता चला तो उन्होंने भी नवदंपत्ति को गिफ्ट व शगुन में चेक ही दिए।

-शादी में आए मेहमानों और ग्रामीणों ने इस पहल को खूब सराहा।

-वहीँ बरात के स्वागत के वक्त दरवाजे की रस्म के दौरान जब नाइ को नगदी की जगह चेक दिया गया।

-तो उसने इनकार कर दिया बोला की चेक का हम क्या करेंगे लेकिन बाद में समझाने बुझाने के बाद वो भी तैयार हो गया।

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मोदी की रैली के लिए मुस्लिम ने दी ये कुर्बानी

भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश में अगली परिवर्तन रैली बहराइच में 11 दिसंबर को है। इस रैली के लिए 120 बीघा जमीन की जरूरत थी, लेकिन इतनी जमीन भी कम पड़ गई। तब बीजेपी के नेताओं ने किसानों से संपर्क किया और उनके सामने अपनी समस्या रखी। किसान रैली के लिए जमीन देने को तैयार हो गए। इसमें एक मुस्लिम किसान भी शामिल है, जिसका नाम सऊद है।

क्या कहना है किसानों का ?

किसानों का कहना है कि पीएम मोदी देश को दुरुस्त कर रहे है तो वो उनका स्वागत अपनी फसल दान करके करेंगे। देश दुरुस्त होगा तो फसल अगले साल फिर पैदा कर लेंगे। वहीं, मुस्लिम किसान सऊद के मुताबिक, ”11 दिसम्बर को हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां आ रहे हैंं। जहां उनकी रैली है वहींं मेरा खेत है। इसमें अरहर की फसल लगी हुई थी। मोदी जी देश से भ्रष्टाचार और मंहगाई को मिटाने के लिए कमर कसे हुए हैं। ऐसे में वह अपनी चार बीघा अरहर की फसल उनके स्वागत के लिए क्यों नहीं कटवा सकते। यह बहराइच का सौभाग्य है कि मोदी जी आ रहे हैं, इसलिए हमने फसल कटवा दी है।”

जोरों पर चल रही हैं तैयारियां

पीएम की रैली नानपारा-बहराइच मार्ग पर बेगमपुर के निकट विश्वरिया गांव के मैदान में होगी। इस रैली स्थल को शासन ने भी हरी झंडी दे दी है। जिलाधिकारी, एसपी, डीआईजी भी रैली स्थल का मुआयना कर चुके हैं। करीब चार किसानों की जमीन रैली स्थल में शामिल की जा रही है।

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