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डेंगू का प्रकोप! प्रशासन सोया कुम्भकर्णी नींद, घर-घर में बिछी लाशें
जनपद में अब तक डेंगू से श्रीमती कृष्ण देवी, शकुंतला देवी, प्रशांत, श्रीमती देवयानी, श्रीमती रुचि पालीवाल, सुनीता, छाया, सुधा जैन नामक महिलाएं के अलावा सही उपचार के अभाव में 42 वर्षीय जयपाल निवासी रूपसपुर निधौली कला निवासी युवक आज काल के गाल में समा चुका है अन्य मौतों की अभी पुष्टि नहीं हुई है।
एटा: जिला मुख्यालय सहित पूरे जनपद में डेंगू के फैले प्रकोप से अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है तथा सैकड़ों मरीज जीवन व मौत से संघर्ष कर रहे हैं। डेंगू की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन की व्यवस्थाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गयी है। सिर्फ खाना पूर्ति ही हो रही है।
आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी अजय अग्रवाल ने पहल करके होम्योपैथी के कैम्प का उद्घाटन किया जिसमें डेंगू के मरीजों तथा उन मरीजों को जिनकी डेंगू की शुरुआत है या अभी स्वस्थ हैं दोनों ही प्रकार के लोगों को दवा पिलाई जायेगी।
डेंगू की रोकथाम के लिए पूरे जनपद में मात्र दो टीम गठित
इस दवा के पीने से बुखार पीड़ित स्वस्थ हो जायेंगे इस दवा से मरीज को तुरंत आराम मिलता है और मरीज की प्लेटलेट भी बढ जाती है। जिला चिकित्सालय में तैनात होम्योपैथी के चिकित्सक आरपी सिंह ने बताया कि यह दवा पीने से मरीज को डेंगू नहीं होता है और अगर हो भी जाता है तो उसे तुरंत आराम मिलता है तथा इस दवा से डेंगू का मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाता है।
वर्ष 2006 में भी फैले डेंगू में हमने इस दवा से सैकड़ों की संख्या में मरीजों को ठीक किया था। वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जनपद में 62 मरीजों को डेंगू के पाए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि अभी तक जनपद के सरकारी चिकित्सालय में किसी की डेंगू से मौत नहीं हुई है। हमारे द्वारा मरीजों के उपचार के लिए जनपद में दो टीमें बनाई गई हैं। जो मरीजों के घर जाकर उनका उपचार करती हैं।
जनपद में डेंगू से हुई नौ मौतों के बारे में वह कोई जवाब नहीं दे सके
जनपद में अब तक डेंगू से श्रीमती कृष्ण देवी, शकुंतला देवी, प्रशांत, श्रीमती देवयानी, श्रीमती रुचि पालीवाल, सुनीता, छाया, सुधा जैन नामक महिलाएं के अलावा सही उपचार के अभाव में 42 वर्षीय जयपाल निवासी रूपसपुर निधौली कला निवासी युवक आज काल के गाल में समा चुका है अन्य मौतों की अभी पुष्टि नहीं हुई है।
जनपद में लगातार मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के बाद भी जिला प्रशासन की कुंभकरण ने अभी तक नहीं टूटी है। जनपद मुख्यालय के मौहल्ला लालपुर, डाक बगलिया प्रेम नगर, महाराणा प्रताप नगर, शांति नगर सहित एक दर्जन से अधिक मौहल्लों में सैकड़ों की संख्या में मरीजों की मौजूदगी और नौ लोगों की मौतों के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा न तो कोई सफाई की व्यवस्था की गई है और न ही मच्छरों की रोकथाम हेतु फागिंग या अन्य किसी दवा का छिड़काव कराया जा रहा है।
हालांकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी मुख्यालय पर फागिंग किए जाने की बात कह रहे हैं। किंतु जमीन पर कहीं भी फागिंग होती नजर नहीं आ रही है। पूरे जनपद में सिर्फ कागजी आंकड़ों में ही डेंगू का उपचार चल रहा है और लोग मौत के शिकार होते जा रहे हैं आगे की भयावह स्थिति रुकने का नाम नहीं ले रही है।
जिला चिकित्सालय को लगा दलालों का रोग
मुख्यालय पर ही हर तीसरे घर में मरीजों बुखार से पीड़ित हो की चारपाई बिछी है और जिला चिकित्सालय सहित जनपद के सभी डॉक्टरों के यहां मरीजों की लाइन लगी है और मरीजों को डेंगू का भय दिखाकर चारों ओर लूटा जा रहा है।वहीं जिला चिकित्सालय में दलालों ने भी मरीजों को डेंगू से मौत का भय दिखाकर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा जा रहा है। इसके बदले में उन्हें भारी कमीशन भी मिलता है।
अगर प्रशासन मरीजों की सही देखभाल कर उपचार करें तो शायद अन्य लोगों की जानें भी बच सकती है उद्घाटन के समय मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महिला प्रदीप कुमार मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सहित स्वास्थ्य कर्मी, चिकित्सक, आदि लोग मौजूद