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Dengue Case: डेंगू मामले पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अहम सुनवाई, राजधानी में 8 लोगों की हो चुकी है मौत
Dengue Case: उच्च न्यायालय के आदेश पर सरकार ने डेंगू से बचाव और इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में की गई व्यवस्थाओं पर एक विस्तृत जवाब सौंपा था।
Dengue Case: उत्तर प्रदेश में डेंगू का कहर जारी है। प्रदेश के विभिन्न जिलों से लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामला अदालत तक पहुंच चुका है। प्रयागराज हाईकोर्ट के बाद लखनऊ बेंच के सामने भी एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर आज सुनवाई हो रही है। इससे पहले गुरूवार को उच्च न्यायालय के आदेश पर सरकार ने डेंगू से बचाव और इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में की गई व्यवस्थाओं पर एक विस्तृत जवाब सौंपा था।
उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच सरकार के इस जवाब से संतुष्ट नहीं है। जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सौरभ लवानिया की खंडपीठ के समक्ष दायर याचिका में डेंगू व मच्छरजनित रोगों की रोकथाम समेत सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं का मुद्दा उठाया गया है। याचिका में कहा गया कि वर्तमान में लखनऊ समेत प्रदेश में डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार के मरीजों की तादात लगातार बढ़ रही है। इससे निपटने में सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध मैनपॉवर नाकाफी है। शासकीय अस्पतालों में जांच और दवाईयों की सुविधा भी दुरूस्त नहीं है।
इसपर अदालत ने सरकारी वकीलों से सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं के उच्चीकरण को लेकर जवाब मांगा था। कोर्ट ने डेंगू के दौरान अहम भूमिका निभाने पर प्लेटलेट्स की उपलब्धता का खासतौर पर जिक्र किया। हाईकोर्ट ने इस दौरान लखनऊ नगर निगम से भी पूछा था कि राजधानी में डेंगू से बचाव और बुखार से बचने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। गुरूवार को नगर आयुक्त और प्रदेश सरकारा की ओर से अदालत में जवाब पेश किए गए थे।
लखनऊ में डेथ ऑडिट कराई जाएगी - सीएमओ
राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को डेंगू पीड़ित एक 30 वर्षीय शख्स ने दम तोड़ दिया। इसके बाद लखनऊ में मृतकों का आंकड़ा 8 पर पहुंच चुका है। इतनी मौतें होने के बावजूद विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। इतना ही नहीं, विभाग मौत के आंकड़ों को दबाने में जुटा हुआ है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी में अभी तक केवल तीन लोगों की मौत डेंगू से हुई है। आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोपों के बीच सीएमओ ने मरीज के मौत की डेथ ऑडिट कराने की बात कही है।