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मदरसों को बंद कराने की मांग से देवबंदी उलेमा खफा
सहारनपुर: शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा देश में चल रहे सभी मदरसों को बंद करने की मांग करते हुए पीएम व सीएम को पत्र लिखे जाने पर देवबंदी उलेमा ने कड़ा रोष व्यक्त किया है। उलेमा ने वसीम रिजवी को दिमागी दिवालिया बताते हुए कहा कि मदरसों का रोशन इतिहास है और मदरसों ने हमेशा देश में अमन कायम करने का काम किया है।
सहारनपुर: शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा देश में चल रहे सभी मदरसों को बंद करने की मांग करते हुए पीएम व सीएम को पत्र लिखे जाने पर देवबंदी उलेमा ने कड़ा रोष व्यक्त किया है। उलेमा ने वसीम रिजवी को दिमागी दिवालिया बताते हुए कहा कि मदरसों का रोशन इतिहास है और मदरसों ने हमेशा देश में अमन कायम करने का काम किया है।
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने प्राानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मांग की है कि देश भर में चल रहे सभी मदरसों को बंद कर दिया जाए। रिजवी ने पत्र में मदरसों को आतंक का अडडा बताते हुए इन्हें सीबीएससी व आईसीएससी से जोड़े जाने की भी मांग की है।
रिजवी के इस विवादास्पद बयान पर तलख लहजे में प्रतिक्रिया देते हुए तंजीम उलेमा-ए-हिंद के प्रदेशाध्यक्ष मौलाना नदीमुल वाजदी ने कहा कि मदरसों की रोशन तारीख दुनिया के सामने है। दीनी मदरसों ने हमेशा अमन की तालीम दी है। जो लोग मदरसों को निशाना बना रहे हैं। उनका दिमागी संतुलन बिगड़ चुका है। ऐसे लोगों को अपने दिमाग का इलाज कराना चाहिए।
जामिया कासिमया दारुत्तालीम व सना के मोहतमिम मौलाना इब्राहीम कासमी ने कहा कि मदरसों ने देश में अमन का परचम बुलंद करने का काम किया है। शांति का पाठ पढ़ाना ही मदरसों का मकसद है। मदरसों के बारे में अनर्गल सोच रखने वालों को मदरसों में दी जाने वाली शिक्षा के बारे में सही जानकारी हासिल करनी चाहिए।