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मदरसों को दीनी तालीम के लिए छोड़ दे योगी : उलेमा
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लखनऊ में आयोजित अल्पसंख्यक कल्याण समन्वय की बैठक में दिए गए बयान पर देवबंदी उलेमा ने कहा कि सरकार को मुसलमानों के लिए बेहतर आधुनिक तकनीक के स्कूल खोलने चाहिए। जबकि इस्लामिक मदरसों को दी
सहारनपुर: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लखनऊ में आयोजित अल्पसंख्यक कल्याण समन्वय की बैठक में दिए गए बयान पर देवबंदी उलेमा ने कहा कि सरकार को मुसलमानों के लिए बेहतर आधुनिक तकनीक के स्कूल खोलने चाहिए। जबकि इस्लामिक मदरसों को दीनी तालीम के लिए छोड़ देना चाहिए। क्योंकि मदरसों में कंप्यूटर और अंग्रेजी की शिक्षा पहले से ही दी जा रही है।
गुरूवार को लखनऊ में आयोजित नौ राज्यों के अल्पसंख्यक मंत्रियों की बैठक का उद्घाटन करने के उपरांत प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मदरसों को आधुनीकिकरण से जोड़ने की घोषणा की है। सीएम ने मदरसों को बंद करने के बजाए मार्डन बनाने पर जोर दिया है।
सीएम की इस घोषणा पर तंजीम उलेमा ए हिंद के प्रदेशाध्यक्ष मौलाना नदीम उल वाजदी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मदरसा बोर्ड के अंतर्गत आने वाले मदरसों के आधुनीकिकरण की बात कर रहे हैं। जो उन्हें करनी भी चाहिए। क्योंकि सरकार मदरसा बोर्ड द्वारा संचालित मदरसों में कुछ भी करने का अधिकार रखती है।
लेकिन दारुल उलूम की तरह आम जनता के चंदे से दीनी तालीम देने वाले मदरसों में सरकार मनमानी करने का अधिकार नहीं रखती। क्योंकि दीनी मदरसें अल्लाह की बातें बताते हैं और दीन का प्रसार करते हैं। फतवा आॅन लाइन के चेयरमैन मुफ्ती अरशद फारुकी ने कहा कि दीनी तालीम देने वाले बहुत से मदरसों में कंप्यूटर और अंग्रेजी भी सिखाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को मुस्लिमों की सुविधा के लिए आधुनिक शिक्षा और सुविधा से युक्त स्कूल खोलने चाहिए। उन्होंने कहा कि दीनी मदरसों में मुस्लिमों की कुल आबादी का मात्र दो फीसद बच्चें ही तालीम लेते हैं। इसलिए सरकार को 18 फीसदी मुस्लिम बच्चों के लिए प्रभावी योजना तैयार करनी चाहिए।