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देवरिया सेल्टर होम मामला: NGO को सरकार द्वारा मिल रहे अनुदान पर हाईकोर्ट सख्त

Anoop Ojha
Published on: 12 Nov 2018 7:45 PM IST
देवरिया सेल्टर होम मामला: NGO को सरकार द्वारा मिल रहे अनुदान पर हाईकोर्ट सख्त
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प्रयागराज: हाईकोर्ट ने देवरिया सेल्टर होम मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से हलफनामा मांगा है और पूछा है कि 2012 की सकीम को प्रदेश में क्यों लागू नहीं किया जा रहा है। जो एनजीओ सुधार गृह आदि चला रहे हैं, क्या वे कर्तव्यों का निर्वाह कर रहे हैं। सरकार बताये कि वह एनजीओ को क्यों प्रमोट कर रही है। ऐसी संस्थाओं को सरकारी अनुदान क्यों दिया जा रहा है।

कोर्ट ने कहा कि एनजीओ आदि समाज सेवा व बाल कल्याण करना चाहते हैं तो वे स्वयं का पैसा न लगाकर सरकारी अनुदान के भरोसे क्यों रहते हैं और क्या सरकार देखती है कि सेल्टर होम चला रहे एनजीओ दायित्व निर्वाह करने योग्य हैं भी या नहीं। सचल पालना योजना, वृद्धाश्रम योजना के कार्य कर रहे एनजीओ को सरकार क्यों पैसा दे रही है। क्या एनजीओ सेल्टर के नाम पर व्यवसाय कर रहे हैं। कोर्ट ने याचिका को सुनवाई हेतु 28 नवम्बर को पेश करने का आदेश दिया है।

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यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति सी.डी.सिंह की खण्डपीठ ने स्त्री अधिकार संगठन सहित कई जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है। ऐसी ही एक संस्था के खिलाफ शिकायत की जांच के चलते दो साल से प्रमुख सचिव द्वारा सरकारी अनुदान रोकने की वैधता के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है।

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प्रमुख सचिव ने गबन के आरोप में कई संस्थाओं की ग्रांट रोक दी है। कोर्ट ने पूछा कि सरकारी ग्रांट लेने का वैधानिक अधिकार क्या है? कोर्ट ने कहा कि ग्रांट रोकने से याची संस्था को कोई क्षति नहीं हुई है। मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान देवरिया द्वारा संचालित सेल्टर होम में लड़कियों के यौन शोषण के मामले की जांच एसआईटी कर रही है।30 31 कई थानों के पुलिस अधिकारियों को निलंबित भी किया गया है। पुलिस पर घोर लापरवाही बरतने का आरोप है।

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कोर्ट ने ऐसे ही मामले में निलंबित देवरिया कोतवाली इंचार्ज की याचिका पर हस्तखेप से इंकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी। याची का कहना था कि उसकी तैनाती घटना के बाद हुई है। इसलिए उसे दोषी नहीं माना जा सकता। इस पर कोर्ट ने याची को 15 दिन में आईजी गोरखपुर को प्रत्यावेदन देने की छुट दी है और कहा है कि आईजी प्रत्यावेदन पर छह हफ्ते में आदेश पारित करे।



Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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