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Deoria News: क्या गजब शादी, पालकी में दूल्हे राजा, 11 बैलगाड़ी से बाराती, देखिए छोटेलाल की बारात
Deoria News: रविवार को देवरिया में ऐसी ही एक बारात अचानक सुर्खियों में आ गया है। दूल्हे राजा जहां पालकी में दिखे वहीं बाराती 11 बैलगाड़ी से शादी को निकले। जिसने भी बारात देखी बिना कमेंट के नहीं रहा।
Deoria News: कोरोना काल में शादियों में तामझाम की बंदिशों के बीच कोई हवाई जहाज में सात फेरे ले रहा है तो कोई बार बालाओं से ठुमके लगवाकर सुर्खियां बंटोर रहा है। रविवार को देवरिया में ऐसी ही एक बारात अचानक सुर्खियों में आ गया है। दूल्हे राजा जहां पालकी में दिखे वहीं बाराती 11 बैलगाड़ी से शादी को निकले। जिसने भी बारात देखी बिना कमेंट के नहीं रहा।
रामपुर कारखाना विकासखंड के कुशहरी गांव के रहने वाले छोटेलाल पाल धनगर पुत्र स्व जवाहर लाल की शादी जिले के रुद्रपुर क्षेत्र के पकड़ी बाजार के नजदीक बलडीहा दल गांव निवासी रामानंद पाल धनगर की पुत्री सरिता से तय थी। रविवार को बारात निकली को यादगार बन गई।
ऐसे हुई छोटेलाल की शादी
छोटेलाल ने अपनी बारात पुराने रीति-रिवाज और परंपरा से निकालने की जानकारी दुल्हन पक्ष को पहले ही दे दिया था। सुबह 11 बैल गाड़ियां सज-धज कर छोटे लाल के दरवाजे पर पहुंची तो लोग देखते ही रह गए। बैलगाड़ी खास अंदाज में पीले कपड़े की छतरी से सजी थी। रिश्तेदार और बाराती भी सुबह ही पहुंच गए।
कुशहरी गांव निवासी स्व जवाहर लाल पाल धनगर के दो बेटे हैं। बड़े बेटे रामविचार पाल धनगर गांव पर ही रहते हैं। जबकि छोटेलाल मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में आर्ट डिपार्टमेंट में काम करते हैं। रिश्ता तय होने के बाद जब छोटे लाल घर आए तो उन्होंने अपनी बारात खास अंदाज में निकालने की चर्चा घर पर की।
दूल्हे राजा छोटे लाल का कहना है कि बचपन से ही अपनी बारात पुरानी परंपरा के अनुसार निकालने की बात सोच रखे थे। आज मेरा सपना साकार हो गया है। बैलगाड़ी आदि की व्यवस्था करने में परिवार के साथ ही गांव के लोगों ने भी काफी सहयोग किया।
22 किलोमीटर बैलगाड़ी से सफर
बारात 22 किलोमीटर दूर बैलगाड़ी से ही जानी है। ऐसे में बारात सुबह ही निकली। परछावन में भी परम्परा की झलक दिखी। बैंडबाजे की जगह फर्री नृत्य लोक कलाकार कर रहे थे। इस दृश्य ने मानों वर्षो पुरानी पंरपरा को जीवंत कर दिया। करीब घंटे भर तक गांव में काली माई, बरम बाबा के पास परछावन की रस्म पूरी हुई।
इसके बाद छोटेलाल पालकी से उतर कर एक बैलगाड़ी में सवार हुए। इसके बाद खास अंदाज में इनकी बारात दुल्हन को लाने के लिए पकड़ी बाजार के लिए रवाना हुई। रास्ते में भी यह बारात लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रही। चौक-चौराहों से गुजरते समय लोगों की भीड़ लग जा रही थी।