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IAS Divya Mittal: IAS दिव्या मित्तल सुर्खियों में, पहले ही अटेम्प्ट में UPSC में गाड़ा था झंडा
IAS Divya Mittal: दिव्या मित्तल ने पहले ही प्रयास में साल 2012 में सफलता हासिल करके आईपीएस बन गई थीं, उन्हें गुजरात कैडर मिला था। लेकिन 2013 में ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने फिर से परीक्षा दी और इस बार उन्हें आईएएस मिल गया था।
IAS Divya Mittal: देवरिया जनपद की नवागत जिलाधिकारी दिव्या मित्तल इन दिनों सुर्खियों में हैं। बीते दिन डीएम दिव्या मित्तल बाढ़ प्रभावित इलाके का निरीक्षण करने पहुंची। यहां उन्होने कई खामियां मिलने पर अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई। इसी बीच एडीएम साहब ने जिलाधिकारी से धूप का हवाला देकर छांव में बात करने की बात कही। इतना सुनते ही डीएम दिव्या मित्तल और गुस्सा हो गईं। उन्होने कहा अरे यार धूप ही तो है पिघल थोड़ी न जाएंगे। उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इतना ही नहीं लोग कह रहे हैं कि यदि ऐसे अधिकारी हर जिले में हो जाएं तो लोगों की समस्याएं ही खत्म हो जाएंगी।
डीएम दिव्या मित्तल ने एडीएम को लगाई फटकार
कौन हैं आईएएस दिव्या मित्तल?
सुरक्षित नौकरी और बेहतर जीवनशैली की तलाश में हर साल बड़ी संख्या में देश के युवा पश्चिमी देशों की ओर रूख करते हैं। आईआईटी और आईआईएम के डिग्रीधारियों का तो एक तरह से वहां जाना लगभग तय रहता है। लेकिन, 2008 के आसपास एक जोड़ा विदेश की चमचमाती जिंदगी को छोड़कर भारत में फिर से एक नई शुरूआत करने का फैसला करता है। हम जिस जोड़े की बात कर रहे हैं, वे आईएएस दिव्या मित्तल और उनके आईएएस पति गगनदीप सिंह ढिल्लों हैं।
पति से मिली प्रेरणा IAS बनने की प्रेरणा
मूल रूप से हरियाणा के रेवाड़ी की रहने वालीं दिव्या मित्तल का जन्म दिल्ली में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी वहीं पर हुई। आईआईटी दिल्ली से उन्होंने सत्र 2001-05 में बीटेक की डिग्री हासिल की। इसके बाद 2005-07 में उन्होंने आईआईएम बेंगलुरू से एमबीए की पढ़ाई पूरी की। 2007 में लंदन की जेपी मॉर्गन फाइनेंसियल कंपनी में जॉब ज्वाइन कर ली और पति गगनदीप सिंह के साथ वहीं रहने लगीं। पंजाब के रहने वाले गगनदीप भी इंजीनियरिंग कर नौकरी कर रहे थे। भारत लौटने के बाद सबसे पहले उन्होंने ने ही 2011 में बिना कोचिंग के यूपीएससी क्रैक किया।
दिव्या मित्तल 2013 में बनीं थी IAS
गगनदीप ने इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी दिव्या को भी इसके लिए प्रोत्साहित किया। 2012 में दिव्या ने भी सफलता पाई और आईपीएस बनीं, उन्हें गुजरात कैडर मिला था। लेकिन दिव्या को पति की तरह की आईएएस बनना था। 2013 में ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने फिर से परीक्षा दी और इस बार उन्हें आईएएस मिल गया। पति की तरह उन्हें भी यूपी कैडर मिला। आज पति-पत्नी दोनों यूपी कैडर के अधिकारी हैं।