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Deputy CM Brajesh Pathak: इसलिए नए बंगले नहीं जा रहे हैं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक

Deputy CM Brajesh Pathak: बृजेश पाठक को डिप्टी सीएम बनाया गया। उन्हे गत 31 मार्च को तीन विक्रमादित्य मार्ग का बेहद आलीशान बंगला आवंटित किया जा चुका है।

Shreedhar Agnihotri
Published on: 28 Jun 2022 2:31 PM IST
Deputy CM Brajesh Pathak
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डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (सोशल मीडिया)

Deputy CM Brajesh Pathak: अपनी कार्यशैली से दिन पर दिन लोकप्रियता के शिखर पर चढ़ते जा रहे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के राजभवन कालोनी स्थित सरकारी बंगले में नेताओं अधिकारियों और कार्यकर्ताओं का रोज जमघट देखने को मिलता है। हांलाकि बंगला छोटा होने के कारण काफी दिक्कतें भी होती है पर पूजा पाठ में बेहद विश्वास और धार्मिक स्वाभाव वाले डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक इसे छोड़ने को तैयार नहीं है।

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गठित भाजपा की दूसरी बार बनी सरकार में बृजेश पाठक को डिप्टी सीएम बनाया गया। उन्हे गत 31 मार्च को तीन विक्रमादित्य मार्ग का बेहद आलीशान बंगला आवंटित किया जा चुका है पर तीन महीने बीत जाने के बाद भी वह पिछली सरकार में राजभवन कालोनी में आवंटिंत 9-टाइप-6 को ही अपना आवास बनाए हुए हैं।

आजम खां को यह बंगला आवंटित हुआ था

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के समर्थकों का कहना है कि यह बंगला ब्रजेश पाठक को बेहद शुभ साबित हुआ है। पिछली सरकार में विधि और कानून मंत्री रहने के बाद गत विधानसभा चुनाव में उन्हे फिर सफलता मिली और वह प्रदेश के डिप्टी सीएम बन गए। जबकि उनके समर्थक तीन विक्रमादित्य मार्ग स्थित सरकारी बंगले को अशुभ मान रहे है। समर्थकों का दावा है कि तीन विक्रमादित्य मार्ग स्थित बंगला बसपा सरकार में बेहद ताकतवर मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के पास था। जो उनके लिए बेहद अशुभ साबित हुआ। इसके बाद जब प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार बनी तो इस सरकार में एक और ताकतवर मंत्री मो आजम खां को यह बंगला आवंटित हुआ था।

चेयरमैन जावेद आब्दी भी इसी बंगले में रहे

जहां तक सरकारी बंगलों की बात है तो कालीदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास के बगल में छह नम्बर बंगले को लेकर भी कई तरह की बातें कही जाती रही हैं। पर नंद गोपाल उर्फ नंदी ने इस मिथक को तोड़ने का काम किया है। और वह पिछली बार भी इसी बंगले में रहते थे और इस बार भी वह चुनाव जीतकर प्रदेश सरकार में मंत्री बने और वहीं रह रहे हैं। यही नहीं, नंदी की पत्नी अभिलाषा गुप्ता भी इसी बंगले में आने के बाद दोबारा महापौर बनी। जबकि पूर्व में धारणा इसके अशुभ होने की रही है।

मुलायम सरकार में मुख्य सचिव रहीं नीरा यादव नोएडा प्लाट आवंटन मामले में आरोपित हुई। इसी तरह प्रमुख सचिव परिवार कल्याण रहे प्रदीप शुक्ला अमर सिंह बाबू सिंह वकार अहमद शाह राजेंद्र चौधरी तथा उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन जावेद आब्दी भी इसी बंगले में रहे। इसी तरह एक और राजधानी लखनऊ के गौतमपल्ली एरिया में बंगला नंबर 22 भी है। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार में कृषि मंत्री रहे आनंद सिंह तथा कैबिनेट मंत्री शिवाकांत ओझा भी बर्खास्त हुए। यही नहीं, शिवपाल सिंह यादव की करीबी शादाब फातिमा भी सपा में हुई रार के बाद मंत्रिमंडल से बर्खास्त की गईं थी।



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Ragini Sinha

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