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Lucknow: मंत्री बृजेश पाठक ने लोहिया संस्थान में पकड़ी लाखों की एक्सपायर दवाएं, अस्पताल नहीं दे पाया जवाब

Deputy CM Brajesh Pathak: उपमुख्यमंत्री ने दवा का स्टाक खंगाला तो वहां लाखों की दवाएं एक्सपायर मिली, कंप्यूटर खराब मिले। मंत्री बृजेश पाठक ने एक्सपायर दवाओं उसकी सूची तलब की।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 12 May 2022 5:51 PM GMT
Lucknow: मंत्री बृजेश पाठक ने लोहिया संस्थान में पकड़ी लाखों की एक्सपायर दवाएं, अस्पताल नहीं दे पाया जवाब
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Lucknow News Today: उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) को जब से यूपी के स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) की जिम्मेदारी मिली है, वह अस्पतालों की हकीकत जानने और मरीजों की समस्याओं को सुनने के लिए खुद ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं। राजधानी लखनऊ के सिविल अस्पताल से शुरू हुआ उनका औचक निरीक्षण बदस्तूर जारी है। गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक (Health Minister Brijesh Pathak) एकाएक लोहिया संस्थान (Lohia Institute) के निरीक्षण में पहुंचे तो उन्हें कई खामियां मिली। इस दौरान उन्होंने दवा का स्टाक को खंगाला तो वहां लाखों की दवाएं एक्सपायर मिली, कंप्यूटर खराब मिले। मंत्री बृजेश पाठक ने इसको लेकर जमकर फटकार लगाई और एक्सपायर दवाओं उसकी सूची तलब की।

बृजेश पाठक ने कहा- बिना लिस्ट के यहां से हिलेंगे नहीं

सूची मांगने पर वहां मौजूद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और अधिकारी लीपापोती में जुट गए। इस पर भी बृजेश पाठक ने कहा बिना लिस्ट के यहां से हिलेंगे नहीं। मजबूरन अस्पताल प्रशासन को एक्सपायरी दवाओं की सूची उपलब्ध करनी पड़ी। जिसका मिलान किया गया तो करीब 2.40 लाख की दवाएं रखे ख़राब हो गई और लोहिया संस्थान के जिम्मेदारों को यह नजर आई।

मंत्री स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने अस्पताल प्रशासन को कड़े निर्देश दिए हैं कि यह जनता का पैसा है, सरकार जनता के स्वास्थ्य के लिए बजट जारी करती है। एक-एक पैसा जनता के हित में खर्च होना चाहिए। ढाई लाख की दवाएं रखे रखे खराब हो गई आप लोगों ने वापस करने की जहमत नहीं उठाई। ये किसकी जवाबदेही है तय कीजिये उसपर कार्रवाई होगी। मंत्री की नाराजगी के बाद लोहिया संस्थान में हड़कंप मचा हुआ है।

बिना बताए अपने पोशाक को बदलकर अस्पतालों का निरीक्षण कर रहे हैं बृजेश पाठक

बता दें बृजेश पाठक किसी भी अस्पताल का औचक निरीक्षण (hospital surprise visit) कर रहे हैं तो उसकी किसी को सूचना नहीं होती। वजह है कि स्वास्थ्य महकमा व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं कर पाता। कि जब नेता मंत्री का प्रोटोकॉल हो जाता है तो संबंधित जिम्मेदार वहां की व्यवस्थाओं को चमका कर वाहवाही लूटने का काम करते हैं बृजेश पाठक ऐसा कुछ भी नहीं कर रहे हैं वह बिना बताए अपने पोशाक को बदलकर अस्पतालों का निरीक्षण कर रहे हैं।

गुरुवार को भी जब लोहिया संस्थान के ओपीडी ब्लॉक में पहुंचे वहां लाइन में लगे मरीजों के तीमारदारों से उनकी समस्याओं को पूछा, मरीजों से मुलाकात की उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हो रही इसकी भी जानकारी ली। इस दौरान एक अयोध्या से आई महिला को देख वह जमीन पर उसके साथ बैठ गए और उनका कुशल क्षेम जाना। महिला के जवाब से बृजेश पाठक संतुष्ट दिखे। उसके बाद मरीजों को खाना बटता देख उस ओर मुड़ गए। वहां खुद खाना भी परोसने लगे, इस दौरान एक महिला उन्हें गर्मी से बेहाल देख पंखा लेकर पहुंची तो पाठक ने उसे मना कर दिया। उसके हाथ से पंखा लेकर उस पर हवा करने लगे। यह देख मरीज और उनके तीमारदार बृजेश पाठक के कसीदे पढ़ने लगे।

यूपी के अस्पतालों की सूरत बदलने में लगे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक

बता दें योगी सरकार 2.0 के गठन के बाद उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को स्वास्थ्य महकमे की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह यूपी के अस्पतालों की सूरत बदलने में लगे हैं, इसे सुधारने के लिए प्रदेश के अस्पतालों का लगातार भ्रमण कर रहे हैं। वहां की खामियों को दूर करने की भरसक प्रयास कर रहे हैं। बृजेश पाठक स्वास्थ्य महकमे में डंप पड़े अफसरों और डॉक्टरों को भी चेतावनी दे चुके हैं कि आप अपनी कार्यशैली में सुधार लाइए।

मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। दवाई बाहर से नहीं लिखी जानी चाहिए। सरकार मरीजों का पूरा ख्याल रखने के लिए बजट दे रही है। इसलिए किसी तरह की दिक्कत उन्हें नहीं आनी चाहिए। बृजेश पाठक इससे पहले लखनऊ के सिविल अस्पताल, केजीएमयू, रायबरेली, गोंडा बाराबंकी, वाराणसी जिलों के अस्पतालों का निरीक्षण कर वहां की खामियों पर नाराजगी जताते हुए सुधार करने के निर्देश दे चुके हैं। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के इस कदम से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप है कि पता नहीं वह कब किस अस्पताल के औचक निरीक्षण पर भेष बदलकर पहुंच जाएं।

Shashi kant gautam

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