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Deputy CM Keshav Prasad Maurya: यूपी के गांव बनेंगे पर्यटन का केंद्र, ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर का होगा विकास
Deputy CM Keshav Prasad Maurya: उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यूपी के सभी 75 लोकसभा क्षेत्रों में अमृत सरोवरों के साथ साथ ग्राम पंचायत में एक अमृत सरोवर के विकास का निर्णय लिया गया है।
Deputy CM Keshav Prasad Maurya: आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के अवसर पर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों की सूरत बदलने के लिए उपमुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) ने बड़ा निर्णय लिया है। जिसके तहत यूपी के सभी 75 लोकसभा क्षेत्रों में अमृत सरोवरों के साथ साथ ग्राम पंचायत में एक अमृत सरोवर के विकास का निर्णय लिया गया है।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि यह अमृत सरोवर जहां पर्यावरण संरक्षण , संवर्धन और वाटर रिचार्जिग के लिए वरदान साबित होंगे, वहीं वहां पर तमाम अवस्थापना सुविधाओं के विकास, व रमणीक स्थल के रूप में विकसित किये जाने से ग्रामीण पर्यटन के केन्द्र भी साबित होंगे। डिप्टी सीएम ने इस सम्बन्ध में सभी जिला अधिकारियों, जिला कार्यक्रम समन्वयक (मनरेगा) को निर्देश जारी कर दिए हैं। शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के क्रम में जिलों में इसका ताना -बाना बुना जा रहा है और इस दिशा में तेजी से कार्यवाही की जा रही है।
अमृत सरोवरों को चिन्हित कर किया जायेगा विकास
योजना के तहत प्रदेश के प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में कुल 6000 अमृत सरोवरों को चिन्हित कर उनके कार्य प्रगति व कागजी कार्यवाही पूरी कर भारत सरकार द्वारा निर्धारित एमआईएस पोर्टल पर किया जाएगा। अमृत सरोवरों के विकास का कार्य ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों को केन्द्रीय वित्त आयोग (टाइड, अनटाइड), राज्य वित्त आयोग व मनरेगा योजना में प्राप्त होने वाली धनराशि से कराया जाएगा।
प्रत्येक जिला पंचायत अपने जिले में कम से कम 5 अमृत सरोवरों का निर्माण पूर्ण कराएगी और सभी क्षेत्र पंचायत अपने विकास खण्ड में कम से कम तीन अमृत सरोवरों का विकास मनरेगा, केन्द्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग की धनराशि से करायेंगे। सभी अमृत सरोवरों के रखरखाव की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की होगी।
अमृत सरोवर में हर साल जल की उपलब्धता बनी रहे, इसकी व्यवस्था भी की जाएगी। अमृत सरोवर को मुख्यतः वर्षा जल को संचित कर ही भरा जाएगा। इसके तट पर अथवा आस-पास नीम, पीपल, कटहल, जामुन, बरगद, सहजन, पाकड़, महुआ जैसे बड़े पौधे लगाये जाएंगे।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व शहीदों के गांव को वरीयता
सभी जिलों में अमृत सरोवरों की एक कार्य योजना बनायी जाएगी, जो विभाग को प्रेषित की जाएगी। कार्य-योजना में साईट के जीपीएस कोआर्डिनेट का वर्णन होगा। अमृत सरोवर वाटर स्टेस्ड विकास खण्डों में चयनित किए जायेंगे। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व वरिष्ठ नागरिकगण अमृत सरोवर के शुरुआत में भूमि पूजन आदि कार्यक्रम में शामिल होंगे। अमृत सरोवरों के साईट के चयन में भी ऐसे गॉव को वरीयता दी जाएगी जहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व शहीदों के गांव हैं। अमृत सरोवर में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी दशा में गांव की नालियों से होता हुआ गन्दा पानी नहीं पहुंचे।
इसके लिए आवश्यक डाइवर्जन नाली आदि का निर्माण किया जाएगा। अमृत सरोवर में वर्षा का जल पूर्ण रूपेण आ सके, इसके लिए समुचित इनलेट की व्यवस्था की जाएगी तथा वर्षा जल वहां तक पहुंच सके ,इसके लिए आवश्यक चैनलाइजेशन भी किया जाएगा। तालाब में साफ पानी अन्दर जाए, इसके लिए पानी के इन्ट्री प्वाइन्ट पर आवश्यक स्क्रीन एवं सिल्ट चैम्बर की व्यवस्था भी की जायेगी, जिस सरोवर में क्षमता से अधिक जल आने की सम्भावना हो, वहां जल निकासी की भी समुचित व्यवस्था बनायी जायेगी।
पौधों को लगाने के बाद इनके रख-रखाव, सिंचाई आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। पौधों की सुरक्षा के लिए यथा आवश्यक मौके की स्थिति के अनुसार बाड़ (फेन्सिंग) की व्यवस्था की जाएगी। अमृत सरोवर के निर्माण ,विकास व रख-रखाव पर ग्राम वासियों विशेषकर स्वयं सहायता समूह की विशेष सहभागिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा। अमृत सरोवर के विकास का कार्य 15 अगस्त, 2022 तक पूर्ण किया जाएगा।
वॉकिंग पथ विकसित किया जाएगा
अमृत सरोवर का न्यूनतम रकबा 1.00 एकड़ होगा और सरोवरो के तटबन्ध पर आवश्यकतानुसार वॉकिंग पथ विकसित किया जाएगा एवं उचित स्थान पर बैंच की भी स्थापना की जाएगी ताकि सुबह -शाम सैर करने के लिए ग्रामीण इसका प्रयोग कर सकें। अमृत सरोवरों में आवश्यक लम्बाई में एवं उचित गहराई तक सीढ़ियों का निर्माण भी किया जाएगा। अमृत सरोवरों के तटबन्ध/उचित स्थान पर तिरंगा झण्डा रोहण की व्यवस्था भी की जाएगी. जिससे राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर गाँव के लोग झण्डा रोहण कार्यक्रम आयोजित कर सकें।
अमृत सरोवर के सौन्दर्यीकरण कार्यों को गैर शासकीय ,नागरिकगण एवं सीएसआर आदि से कराया जाएगा। अमृत सरोवर के सम्बन्ध में भारत सरकार की गाइडलाइंस भी जिला अधिकारियों को दी गई है। ग्राम्य विकास मंत्रालय, भारत सरकार के पोर्टल water.ncog.gov.in/Amrit Sarovar/login पर प्रत्येक जनपद के लिए यूजर आई.डी. और पासवर्ड जो प्रारम्भिक रूप से उस जनपद का नाम ( अंग्रेजी में) पहला लेटर कैपिटल के साथ तथा शेष लेटर स्मॉल बनाया गया है। प्रत्येक जनपद में लगभग 100 वाटर वाडीज का एड्रेस / विवरण इस पोर्टल पर दिए गए हैं।
अमृत सरोवर की जियो टैगिंग की जाएगी
राजस्व विभाग (revenue Department) के पोटर्ल bor.up.nic.in पर जिलों से प्राप्त वाटरबाडी के सम्बन्ध में अपलोड की गई सूचना से प्रत्येक जनपद के लिए 100 ऐसे वाटर बाडीज, जिनका क्षेत्रफल सबसे अधिक है, उनकी सूची भी इस जिलों को प्रेषित करते हुते कहा गया है कि प्रत्येक जनपद में आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में विकसित किये जाने वाले अमृत सरोवर का चयन उल्लिखित साईट में से ही यथा सम्भव किया जाए। चयनित अमृत सरोवर के प्रोजेक्ट पर नियमानुसार यथा आवश्यक ग्राम पंचायत क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत का अनुमोदन भी प्राप्त किया जाएगा। प्रत्येक अमृत सरोवर की जियो टैगिंग की जाएगी।