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Deshaj Fest 2023: लखनऊ के लोहिया पार्क में देशज कार्यक्रम ने दर्शायी भारतीय लोक संस्कृति

Deshaj Fest 2023: सभी प्रदेशो के सांस्कृतिक नृत्य और गायन के माध्यम से भारत की लोक परंपरा को जानने और एकजुट करने का एवं इस युवा पीढ़ी को लोक संस्कृति का परिचय देना इस देशज कार्यक्रम का उद्देश्य है |

Vertika Sonakia
Published on: 26 March 2023 4:17 AM IST
Deshaj Fest 2023: लखनऊ के लोहिया पार्क में देशज कार्यक्रम ने दर्शायी भारतीय लोक संस्कृति
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Deshaj Fest 2023: सभी प्रदेशो के सांस्कृतिक नृत्य और गायन के माध्यम से भारत की लोक परंपरा को जानने और एकजुट करने का एवं इस युवा पीढ़ी को लोक संस्कृति का परिचय देना इस देशज कार्यक्रम का उद्देश्य है |

लोक संस्कृति संस्थान सोन चिरैया की ओर से लखनऊ के लोहिया पार्क में दो दिवसीय लोक गायन कार्यक्रम ‘देशज’ का आगाज़ हुआ | केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल ने दीप प्रज्ज्वलन करके देशज कार्यक्रम का शुभारंभ किया |

कार्यक्रम के शुभारंभ के एक दिवस पहले ही संस्था की सचिव एवं प्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी द्वारा देशज पत्रिका का लोकार्पण किया गया | पत्रिका का लोकार्पण करने के उपरान्त |

लोक गायन एवं लोक नृत्य के इस कार्यक्रम में मालिनी अवस्थी के लोक गीतों के अलावा मणिपुर का लोक नृत्य थांग ता और पुंग चोलम, गुजरात का सिद्धि धमाल | यह अफ्रिका और गुजरात के नृत्य का समागम है | पंजाब का भांगड़ा, हरियाणा का लोक नृत्य धमाल प्रस्तुत किये गए | इसके अलावा पद्मश्री शशिधर आचार्य का छाऊ दल, उत्तर प्रदेश का ढेढया नृत्य और साथ ही आल्हा गायन का प्रस्तुतिकरण किया गया |

इसके अलावा वृंदावन से आए 75 स्कूली छात्र छात्राओं ने सामूहिक रूप से भगवान कृष्ण के युद्ध कौशल आल्हा गीत प्रस्तुत करें | भगवान कृष्ण की इस अद्भुत प्रस्तुति को देखकर सभी दर्शक ब्रज की पावन भूमि को याद कर कृष्ण के प्रेम में सराबोर हो गए |

कर्नाटक की पद्मश्री मंन्जम्मा जोगती हुई सम्मानित

समारोह में कर्नाटक से पधारी प्रसिद्ध लोक कलाकार पद्मश्री मंन्जम्मा जोगती को लोक निर्मला सम्मान प्रदान किया गया | इस पुरस्कार के तौर पर मंन्जम्मा जोगती को 1 लाख रूपए की धन राशि भेट स्वरूप दी गयी | पुरस्कार भेट करते हुए वह कहती है “इस राम और कृष्ण की जन्म भूमि में देशज लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ इससे सौभाग्यशाली बात और कोई नहीं हो सकती | इस पीढ़ी के बच्चे और आने वाली पीढ़ी को अपनी लोक संस्कृति और मिट्टी से जुड़ना चाइए जिससे हम सब अपनी परम्परा को भली भाति पहचान सके |”

लोक संस्कृति से युवा जुड़ें तो हमारा उद्देश्य हो पूरा

लोक गायिका मालिनी अवस्थी कहती है “पिछले तीन वर्षो से लोक समारोह करने के पीछे हमारी लोक संस्कृति से इस युवा पीढ़ी को जोड़ने की वजह है | हमारा उद्देश्य है कि युवा इससे प्रभावित होकर सभी प्रस्तुतियां देखने आये | श्रोताओं एवं लोक कलाकारों के रूप में युवाओं की भागीदारी बढ़नी चाहिए |



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