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रजिस्ट्रेशन होने के बावजूद घर नहीं भेज रहा प्रशासन, सड़क पर उतरे मजदूर
मजदूरों का आरोप है कि श्रमिक की स्पेशल ट्रेन में रजिस्ट्रेशन होने के बावजूद उन्हें रेलवे स्टेशन से वापस भेज दिया जाता है बता दें कि पिछले 7 दिनों में लुधियाना से 50,000 से अधिक मजदूर को रोना की वजह से लगे लाभ और कर्फ्यू के कारण श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से विभिन्न राज्यों के लिए पलायन कर चुके हैं।
लुधियाना: लॉक डाउन की वजह से पिछले दो माह से बेरोजगार हुए मजदूरों के सब्र का सैलाब बुधवार को आक्रोश बंद कर सड़क पर उतर आया। मजदूरों का आरोप है कि श्रमिक की स्पेशल ट्रेन में रजिस्ट्रेशन होने के बावजूद उन्हें रेलवे स्टेशन से वापस भेज दिया जाता है बता दें कि पिछले 7 दिनों में लुधियाना से 50,000 से अधिक मजदूर को रोना की वजह से लगे लाभ और कर्फ्यू के कारण श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से विभिन्न राज्यों के लिए पलायन कर चुके हैं।
अधिकारी उनका टिकट लेकर यह कह कर वापस भेज दे रहे थे कि ट्रेनों में जगह नहीं
गत मंगलवार को मजदूरों ने जिला प्रशासन पर कंफर्म टिकट होने के बावजूद ट्रेनों में बैठाने से मना कर दिया था मजदूरों का आरोप था कि प्रशासनिक अधिकारी उनका टिकट लेकर उन्हें यह कह कर वापस भेज दे रहे थे कि ट्रेनों में जगह नहीं है। इससे गुस्साए मजदूरों ने रोष प्रदर्शन कर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम कर दिया था। इस दौरान भीड़ को हटाने के लिए लुधियाना पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा था।
सड़कों पर उतर आए मजदूर
लेकिन, बुधवार को मजदूरों का गुस्सा तो फूट पड़ा और वे सड़कों पर उतर आए जहां जमकर पंजाब सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया मजदूरों ने पहले बस्ती जोधेवाल में घंटों प्रदर्शन किया इसके बाद दो गुरु नानक स्टेडियम पहुंचे लेकिन यहां पर उन्हें आगे बढ़ने से पहले ही पुलिस ने रोक दिया । इसके बाद उग्र हुए प्रदर्शनकारी डीसी ऑफिस पहुंचे प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि रजिस्ट्रेशन होने के बावजूद उन्हें उनके घर नहीं भेजा जा रहा है ।
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इसके अलावा हुए मजदूरों ने थाना सलेम टाबरी बस्ती जोधेवाल सहित विभिन्न थानों के बाहर सरकार के खिलाफ भड़ास निकाली। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सरकार उन्हें जानबूझकर उनके मूल गांव भेजने भेजना नहीं चाह रही है।
उधर ,प्रशासन का कहना था कि ट्रेनों में 12 साल से 16 साल लोगों की भेजने की व्यवस्था है हम लोग क्षमता से 2 से अधिक लोगों को बुलाते हैं ताकि ट्रेन खाली ना जाए दोनों मूल गांव जाने से वापस रह गए हैं उन्हें भिजवाने की व्यवस्था की जाएगी।